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बोले सहरसा: हाइयर डिग्री पर सता रही नौकरी की चिंता

शिक्षा विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे सैकड़ों कर्मियों में चिंता और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कर्मियों ने अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता जताई है और...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 16 Feb 2025 09:59 PM
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बोले सहरसा: हाइयर डिग्री पर सता रही नौकरी की चिंता

31 मार्च से सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों की हटाने की चल रही तैयारी 01 अगस्त 2023 से शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों कार्यरत हैँ कर्मी

01 डीपीएम सहित हर प्रखंड में एक से दो बीपीएम और चार से पांच बीआरपी कार्यरत

शिक्षा विभाग द्वारा जिला सहित सभी प्रखंडों में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों को हटाने की बात चल रही है। ऐसे में सैकड़ों की संख्या में तैनात कर्मियों की रात की नींद व दिन का चैन उड़ गया है। शिक्षा विभाग के शिक्षण सहित अन्य कार्य में योगदान दे रहे ऐसे कर्मियों के समक्ष अपना सहित परिवार के भरण पोषण कैसे होगा इस पर परिवार के सदस्य भी चितिंत है। हिन्दुस्तान संवाद के जरिये आउटसोर्सिंग कर्मियों ने अपना दर्द बयां किया है।

अगस्त 2023 में आउटसोर्सिंग के तहत शिक्षा विभाग के शिक्षण सहित अन्य व्यवस्था की देखरेख के लिए योगदान कर नौकरी करने वाले कर्मी कार्य के एवज में मिल रहे मानदेय से अपना और परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। लेकिन अब नौकरी जाने का डर सताने लगा है। जिस समय शिक्षा विभाग में इन पदों को सृजित कर आउटसोर्सिंग के तहत बहाली ली गई उस समय अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे बड़ी संख्या में लोग उस कार्य को छोड़ शिक्षा विभाग के कार्य में भर्ती हो गये। तकरीबन डेढ़ वर्ष कार्य के बाद फिर नौकरी जाने की लटकती तलवार से अब ऐसे कर्मी आहत हैं। कर्मियों द्वारा जबतक बैठक कर एक दूसरे की चिंता और वेदना साझा कर शिक्षा विभाग के फरमान पर विरोध जता रहे हैं। आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी द्वारा दिए गये बयान से हमलोगों के समक्ष असुरक्षा का भाव आ गया है और भविष्य को लेकर हमलोगों के समक्ष चिंता बढ़ती ही जा रही है। राज्य सरकार की पहल पर ही हर जिले में शैक्षणिक व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए डीपीएमयू और प्रखंड में बीपीएसयू ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को खोला गया। जिसमें विधिवित एमबीए व बीटेक जैसी डिग्री के धारकों की तैनाती की गयी। यही कारण रहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों संहित जिला मुख्यालयों में भी शिक्षा विभाग डिजिटल तकनीक से लैस होता चला गया और विभाग में कर्मियों की कमी को आउटसोर्सिंग कर्मियों ने अपनी काबिलियत से पूरा किया। आउटसोर्सिंग कर्मियों ने अपनी कार्य क्षमता का परिचय देते हुए जिला कार्यालय के अतिरिक्त कार्यभार को कम करने के लिए ही शिक्षकों की समस्याओं के समाधान का कार्य सौंपा गया। जिसका हमलोगों द्वारा बखूबी कार्य किया जा रहा है।

कर्मियों ने कहा कि उन्हें पूर्व के बहाल किए गए कर्मी की तरह 60 साल तक सेवा में रखा जाय। विभाग में पहले ही अधिकारियों व कर्मियों की कमी है। ऐसे में उन्हें हटाए जाने से विभाग के कामकाज पर भी असर पड़ेगा। लिहाजा उनकी सेवा में निरंतरता रखी जाय।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर लागू के लिए हुई थी बहाली : आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर पूर्व अपर मुख्य सचिव द्वारा प्रत्येक प्रखंड व जिला स्तर पर बीपीएमयू ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट व डीपीएमयू डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन किया गया था। इस गठन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर लागू करना था। वहीं इसे लेकर वर्ष 2023 में सचिवालय में विभाग के उच्च पदाधिकारियों द्वारा न्यूनतम शिक्षा योग्यता एमबीए व बीटेक डिग्री धारक व 5 से 10 वर्ष का कार्य अनुभव रखने वाले योग्य उम्मीदवारों की पारदर्शिता के साथ शिक्षा विभाग में बेहतर शैक्षणिक माहौल को बनाये रखने के लिए विद्यालय निगरानी के लिए चयन किया गया था।

बीएमडीसी ऑपरेटर का नवंबर 2024 में अवधि समाप्त : सभी प्रखंडों में कार्यरत बीएमडीसी ऑपरेटर की अवधि नवंबर 2024 में समाप्त हो चुकी है। ऐसे ऑपरेटर को फिर से सेवा अवधि बढ़ाने की दरकार थी लेकिन शिक्षा विभाग के फरमान के बाद ऐसे ऑपरेटर के मन पर कुठाराघात हुआ है।

शिक्षा विभाग में कर्मियों की कमी से पड़ेगा असर : आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बताया कि शिक्षा विभाग में अभी कर्मियों का घोर अभाव है। ऐसे में हमलोग को हटाने से शिक्षा विभाग के कार्य पर पूरा असर पड़ने की संभावना होगी। सरकार और शिक्षा विभाग हमलोगों को न्यायोचित कदम उठाते हुए हटाने का फैसला नहीं ले।

सुझाव :

1 आउटसोर्सिंग कर्मियों को आउटसोर्सिंग से हटाकर संविदा पर बहाल किया जाना चाहिए

2 अभी ई शिक्षा कोष के और प्रभावी तरह से क्रियान्वयन की जरूरत है

3 विद्यालय अनुश्रवण प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए

4 आउटसोर्सिंग कर्मियों को बेरोजगार करने के बदले कार्य लेने की योजना की जरूरत

शिकायत :

1 कर्मियों के हटने से राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्य पर पूरा असर पड़ने की संभावना है

2 कंपनी के एग्रीमेंट के तीन प्लस दो साल पूरा होने पर ही कोई नीतिगत फैसला ले

3 शिक्षा सुधार को एक नई दिशा देने के लिए काम कर रहे कर्मी को हटाना न्यायोचित नहीं है

4 विभागीय पदाधिकारियों के रवैये पर आउटसोर्सिंग कर्मियों में रोष व्याप्त है

हटाना न्यायोचित नहीं :

- शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे कर्मियों का हटाना कही से भी न्यायोचित नहीं है।- सचिन कुमार सिंह

- विभाग द्वारा जारी फरमान से हमलोग काफी आहत हैं इसपर विभाग फिर से विचार करें।- शिव कुमार

- आऊटसोर्सिंग कर्मियों के आने से विभाग को तकनीकी समृद्धि एवं शिक्षा सुधार को एक नई दिशा मिली।- आलोक कुमार

- बीआरसी से लेकर विद्यालय तक ससमय खुलने और बंद होने तक हमलोगों का कार्य महत्वपूर्ण है।- प्रणव कुमार

- हज़ारों युवा की ज़िंदगी अधर में लटका कर सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है।- कुमार शानू

- विद्यालय में क्रांति कारी बदलाव जमीनी स्तर पर हुआ हैं वो सिर्फ आउटसोर्स कर्मी के द्वारा ही हुआ है।- सुशांत मिट्ठू

- हमलोगों के हटाने से क्या यही है सरकार के विकसीत भारत और विकसीत बिहार का सपना।- अभिलाष रंजन

- एक तरफ रोजगार देने की बात हो रही है दूसरी तरफ अपर सचिव महोदय रोजगार वापस ले रहे हैं।- बबलू कुमार

- विभाग की मनमानी नहीं चलेगी। इसके लिए हमलोगों को संघर्ष करना पड़ेगा तो हमलोग करेंगे।-राजेश कुमार

- कर्मचारी परियोजनाओं की रीढ़ हैं। उन्हें हटाने से विकास बाधित होगा।-मनीष चौधरी

- बीटेक एमबीए 5 से 10 साल का अनुभव लेकर आए युवा कर्मियों को हटाना घोर निंदनीय है।- विकास कुमार

- परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत प्रभावित होगी। इसलिए एक बार पुन: इस पर विचार करे विभाग।- प्रतिभा मिश्रा

- शिक्षा विभाग हजारों लोगों की नोकरी छीनने को तैयार है। विभाग का यह फरमान मंजूर नहीं।- हरदेव कुमार

- आउटसोर्सिंग से हटाकर हमलोगों को संविदा कर दिया जाए ताकि आने वाले समय में कठिनाइयों न हो।- रवि उज्जवल

- शिक्षा विभाग के तानाशाही रवैये के करण आज लाखों परिवार बेघर होने की स्थिति में हैं।-हस्मत नुरानी

- हमलोगों के कार्य से शिक्षा प्रणाली में कई परिवर्तन और बदलाव धरातल पर देखने को मिल रहे हैं।-शयामल किशोर

हम सभी अपर मुख्य सचिव के जारी फरमान आहत हैं और उसका प्रतिकार करते हैं।-निशांत देव

- शिक्षा विभाग अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और संविदा पर किया जाना चाहिए जैसे अन्य सरकार ने किया है।- सत्यप्रकाश

- हमलोग आत्मदाह करने पर उतारू हो जाएंगे। यह तानाशाही फरमान अपर मुख्य सचिव का नहीं चलेगा।- आयुष आनंद

- यदि हमारे साथ कुछ भी होता है तो उसकी सारी जवाब दे ही अपर मुख्य सचिव व सरकार की होगी।- राजदीप कुमार

कहते जिम्मेदार पदाधिकारी

31 मार्च के बाद आउटसोर्सिंग पर तैनात किसी भी कर्मीसे काम नहीं लेने का विभाग का निर्देश मिला है। विभाग के निर्देश का पालन होगा। विभाग के नियमों के अनुकूल ही किसी भी कर्मी से काम लिया जा सकता है।

- अनिल कुमार,डीईओ, सहरसा

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