बोले जमुई : संकरी सड़क पर जाम से परेशान रहते हैं लोग, हटाएं अतिक्रमण
पुरानी बाजार शहर का मुख्य बाजार है, जहां अतिक्रमण, सफाई की कमी, और यातायात जाम की समस्याएं बढ़ रही हैं। व्यवसायियों ने नगर प्रशासन से समस्याओं के समाधान की मांग की है। बाजार की संकरी गलियों के कारण...
शहर का पुरानी बाजार मुख्य बाजार है। रोज यहां हजारों लोगों की आवाजाही होती है। यहां के व्यवसायी और आम लोग यहां की समस्याओं से परेशान हैं। अतिक्रमण से अक्सर जाम लगा रहता है। सफाई होती है, तो कूड़ा जमा कर देते हैं। हवा चलने पर यह फिर बिखर जाता है। शौचालय इतना गंदा है कि लोग जाने से भी परहेज करते हैं। पेयजल की समस्या बनी हुई है। ई-रिक्शा व ऑटो चालकों के कारण राहगीरों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। शहर के व्यवसायियों ने संवाद के दौरान अपनी समस्याएं बताईं। साथ ही नगर प्रशासन से निदान की मांग की।
01 सौ वर्ष से अधिक पुराना है बाजार
10 हजार से अधिक लोग रहते हैं बाजार में
50 से अधिक हैं सिर्फ कपड़े की दुकानें
शहर का पुरानी बाजार किसी पहचान का मोहताज नहीं है। अंग्रेजों के जमाने में बसा बाजार आज उपेक्षित हो गया है। शहर के भीतरी बाजारों में सडकें संकरी होने से वाहनों की आवाजाही से पूरे दिन जाम लगा रहता है। थाना चौक से लेकर पुरानी बाजार चौक तक वन वे लागू नहीं होने से व्यापारी व ग्राहक दोनों परेशान रहते हैं। यहां पर सड़क बहुत की संकरी है और दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होती है। ऐसे में कभी-कभी घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। यहां पुरानी बाजार से थाना चौक तक वन-वे यातायात होने पर ही राहत मिल सकती है। जाम के कारण यहां का बाजार पूरी तरह प्रभावित होता है। कुछ दुकानदार तो अपने आगे भी दुकान का सारा समान रख लेते हैं। अब यहां लोग सिर्फ थोक खरीदारी के लिए ही पहुंचते हैं। एक समय था जब यह शहर का मुख्य बाजार कहा जाता था। होलसेल से लेकर रिटेल तक सभी प्रकार की दुकानें बहुतायत में थी और सब में ग्राहक रहते थे। माल लेने के लिए नंबर लगाना पड़ता था। मगर जैसे-जैसे शहर फैला और महाराजगंज, महिसौड़ी, कचहरी चौक जैसे नए मोहल्ले बसते गए। बाजार इन क्षेत्रों में बढ़ता गया। उसके बाद पुरानी बाजार की संकरी गलियों के कारण लोग और ग्राहक जाने में हिचकने लगे। बहुत-सी पुरानी दुकानें कई कारणों से बंद हो गईं। पुरानी बाजार की संकरी गलियों का हाल यह है कि एक साथ दो गाड़ियां आ-जा नहीं सकती थी। इसके कारण व्यापारियों ने नए क्षेत्रों की तलाश की। इसी में पुरानी बाजार की दुकानदारी कम हो गई। अभी भी पुरानी बाजार में बहुत से दुकान हैं जो चलते हैं मगर दुकानों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान इन व्यापारियों ने अपना हाले दिल कहा। इसमें सबसे बड़ी समस्या संकरी सड़कें थी।
न पुलिसकर्मी रहते हैं, न सीसीटीवी कैमरा लगा है :
यह बाजार विकास की रफ्तार के साथ पिछड़ गया है। यह बाजार जितना पुराना है यहां उतनी ही ज्यादा समस्याएं हैं। बाजार की मुख्य सड़क इतना अतिक्रमण कर रखा है कि सड़क पर अक्सर जाम लगा रहता है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में सुरक्षा के नाम पर प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है। बाजार में कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं होता और न ही दुकान छोड़ मुख्य चौक पर सीसीटीवी कैमरे ही लगे हुए हैं। आम दिनों में तो यहां कोई व्यवस्था नहीं होती। बाजार की समस्या को जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर टाल देते हैं। इस कारण बाजार का विकास नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा दुकानदारों व यहां आने वाले ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है।
बाजार में कई जगह लगे हैं कूड़े के ढेर :
बाजार में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। बाजार की सड़क दो वार्ड के अंदर आती है। दोनों वार्ड की आपसी मतभेद में सफाई व्यवस्था बदहाल हो जाती है। बाजार की मुख्य सड़क पर लगे कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि सफाई कर्मचारी इलाके में सफाई करने को तैयार नहीं हैं। अगर बाजार में सफाई के लिए आते भी हैं तो कूड़े को इकट्ठा कर देते हैं जिसे हफ्तों तक उठाया नहीं जाता। तेज हवा चलने पर कूड़ा उड़कर दुकानों में चला जाता है। सफाई व्यवस्था को लेकर जब निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा जाता है तो वह टालमटोल का हवाला देकर सफाई की बात को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
शिकायत
पार्किंग के अभाव में दुकानों के आगे दुपहिया लगा दिया जाता है।
बाजार के नॉन वेंडिंग जोन में हाथ ठेलों का जमघट लगा रहता है।
चार पहिया वाहनों के आवाजाही से बार-बार जाम लगाता है।
सुरक्षा और यातायात पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं है।
स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण से परेशानी है।
बाजार में बन गए ऑटो के अवैध स्टैंड से दिक्कत होती है।
सुझाव
बाजार में वनवे करने से काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।
अतिक्रमण हटाने की भी जरूरत है।
दुकानदार को सहायता की भी जरूरत है।
नगर परिषद को साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
बाजार में शौचालय है पर इतना गंदा है कि लोगों को परेशानी होती है।
सुनें हमारी बात
ई-रिक्शा व ऑटो चालकों के कारण राहगीरों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। संबंधित विभाग को इस समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे आवाजाही के दौरान लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
मो राजा पठान
अतिक्रमण की समस्या की ओर ध्यान देकर कार्रवाई करनी चाहिए। इससे राहगीरों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। खासकर सुबह के समय पुलिस प्रशासन को भी पहल करनी चाहिए।
कैलाश केशरी
निगम कर्मचारी सड़क पर सफाई कर कूड़े को इकट्ठा तो कर देते हैं, लेकिन हफ्तों तक उठाने नहीं आते हैं। सुबह के समय स्कूली वाहनों को काफी देर तक जाम का सामना करना पड़ता है।
सैयद
तेज हवा चलने पर कूड़ा उड़कर दुकान में चला जाता है। इससे दुकान में रखा समान खराब हो जाता है। इससे हालात बदतर हो जाते हैं। नगर परिषद को इस समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए।
मो क्यूम
संकरी गलियों के कारण माल मंगाने में परेशानी होती है। बड़े वाहन दुकान तक नहीं पहुंच पाते हैं। कई पुराने ग्राहकों ने यहां आना छोड़ दिया है। अब वह नए क्षेत्रों में बसे नई दुकानों से अपना माल लेते है।
अलतमश शाद
ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गई है। पुरानी बाजार आने वाली सड़क में कई स्थान पर नालियां टूटी हुई है जिसके कारण सड़क पर ही नाले का पानी फैल जाता है जिससे ग्राहक आने में परहेज करते हैं।
सल्लू खान
अभी भी पुरानी बाजार में कई होल-सेल दुकानदार हैं मगर रिटेल दुकानदारों को यहां आने में परेशानी होती है। क्योंकि माल ले जाने का उचित साधन सड़क के कारण नहीं हो पाता।
मो मनीर खान
कई दुकान बदहाल अवस्था में आ गए हैं। ग्राहक चकाचौंध के कारण अन्य क्षेत्रों में दुकानों से खरीदारी कर रहे हैं जिससे परेशानी हो गई है। बहुत से दुकानदारों ने अपनी शाखा महाराजगंज, महिसौड़ी या कचहरी चौक रोड में खोल ली है।
मो असरफ खान
बाजर की सड़कें सकरी होने के कारण यह बाजार कम चल पा रहा है। पुरानी बाजार को वन वे का इंतजार है। संकीर्ण सड़कों ने पुरानी बाजार के व्यवसाय को ठप कर दिया है।
मुरलीधर प्रसाद
होलसेल मंडी के रूप में जाना जाने वाला पुरानी बाजार कभी शहर का रौनक हुआ करता था। यह बाजार आज उपेक्षित होकर रह गया। इस बाजार में आज भी कई बड़े-बड़े व्यवसायी निवास करते हैं।
प्यारेलाल मोदी
बाजार की सड़कों का चौड़ीकरण होना चाहिए। जाम से निजात के लिए वाहनों के पार्किंग बनाने पर नप को ध्यान देने की जरूरत है। दिन प्रतिदिन पुरानी बाजार अपना इतिहास खो रहा है।
शशि कुमार
सरकार को चाहिए कि व्यवसायी को हर सुविधा मिल सके। सुविधाएं बढ़ेगी तो बाजार को स्वत: विकास होगा। युरिनल से लेकर शौचालय तक की व्यवस्था में कमी है।
रिंकु केशरी
बाजार में जाम से निजात के लिए महिसौड़ी व महाराजगंज जैसी पुलिसिया व्यवस्था होना चाहिए। पुरानी बाजार में जाम से निजात के लिए पुलिस बल की व्यवस्था होनी चाहिए।
श्मशाद अख्तर
पुरानी बाजार धीरे-धीरे अपना इतिहास खो रहा है।सरकार की ओर से भी सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पा रही है। व्यवसायियों के लिए एक मीटिंग कक्ष का निर्माण सरकार को करनी चाहिए।
मो शरवर
बोले जिम्मेदार
सफाई व्यवस्था की खुद निगरानी करते हैं। अगर कहीं से कोताही की शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। जहां तक बात अतिक्रमण हटाने की है वह भी समय-समय पर नगर परिषद द्वारा किया जाता है। व्यवसायियों की हर समस्या का समाधान करने पर विचार किया जाता है। पुरानी बाजार में मूत्रालय और शौचालय के बारे में कर्मियों से जानकारी ली जाएगी।
प्रियंका गुप्ता, ईओ, नगर परिषद जमुई
बोले जमुई असर
गंगा देवी मेमोरियल कॉलेज में व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू
जमुई। गत 4 फरवरी को हिन्दुस्तान में बोले जमुई संवाद में जिले के छात्र-छात्राओं ने उच्च व व्यावसायिक शिक्षा की कमी की समस्या उठाई थी। उस खबर को लेकर अब मुंगेर विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय से संबद्ध एवं जमुई के बरहट प्रखंड स्थित सुदामापुर में अवस्थित श्रीमती गंगा देवी मेमोरियल कॉलेज को सत्र 2024-25 से विभिन्न स्नातक एवं प्रमाण-पत्र व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना द्वारा प्रदान की गई है। अब इस कॉलेज में स्नातक के साथ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों बी लिस, बीजेएमसी, ओरिएंटल लाइब्रेरियनशिप डिप्लोमा, पंचायती राज लेखांकन, फंक्शनल अरबी एवं फंक्शनल फारसी में तथा सभी प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने की अनुमति मिल गई है। विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक के सभी 7 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में 60-60 सीटों पर कॉलेज में नामांकन लिया जा सकेगा। इससे जिले के छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। छात्र-छात्राओं ने हिन्दुस्तान में इस समस्या को उठाने के लिए बधाई दी है और स्वागत किया है। अभी तक जमुई के किसी भी कॉलेज में व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई नहीं हो रही थी। कॉलेज के प्राचार्य अजय कुमार अजीत ने बताया कि बोले जमुई में शहर में व्यवसायिक शिक्षा को लेकर खबर प्रकाशन के बाद उन्होंने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए थे। अब कॉलेज को व्यवसायिक शिक्षा के लिए मान्यता मिल गई है। यह जिले में मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रकार की शिक्षा के लिए लोग पटना, दिल्ली अथवा अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था। अब यह शिक्षा यहीं छात्र-छात्राओं को मिल सकेगी।
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