जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 25 हजार के पार
शनिवार को जिले में कोरोना के 92 नए संक्रमित मरीज मिले जिले में अबतक कोरोना
भागलपुर, कार्यालय संवाददाता
जिले में शनिवार को मायागंज अस्पताल के डॉक्टर समेत 92 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से 13 लोग शहरी क्षेत्र के तो दो दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं। जबकि एक महीना 20 दिन के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि जब भागलपुर समेत मायागंज अस्पताल में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। इसके साथ ही जिले में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 25024 पर पहुंच गयी। अब तक जिले में कोरोना के 255 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि ठीक होने वाले संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23581 पर पहुंच गयी है। सक्रिय मरीजों की संख्या कम होकर 1190 पर आ गयी, संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) महज 1.8 प्रतिशत व ठीक होने वाले कोरोना मरीजों का दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 94.22 प्रतिशत पर पहुंच गया।
महीने में दूसरी बार मरीजों की संख्या 100 से कम
मई महीने में दूसरी बार कोरोना के नए मरीजों की संख्या 100 कम आई है। इससे पहले 14 मई को 86 कोरोना संक्रमित मिले थे। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि मायागंज अस्पताल के 35 साल के चिकित्सक व सबौर पीएचसी के 46 साल के हेल्थ मैनेजर (निवासी आदमपुर) कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। इसके अलावा नवयुग विद्यालय में 67 साल के बुजुर्ग, मंगलम हॉस्पिटल में 62 साल के बुजुर्ग, भीखनपुर में 36 साल का युवक, आदमपुर में 34 साल का युवक, जीरोमाइल में 57 साल के अधेड़, आनंदगढ़ कॉलोनी में 32 साल का युवक, तिलकामांझी में 58 साल के अधेड़, कुतुबगंज में 47 साल का अधेड़, कमलनगर, मोजाहिदपुर में 70 साल के बुजुर्ग, खरमनचक में 22 साल का युवक और घंटाघर में 34 साल की महिला कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है।
मायागंज अस्पताल को मिली 75 बॉयोपैप मशीन
भागलपुर, कार्यालय संवाददाता
मायागंज अस्पताल को 75 बॉयोपैप मशीन मिली है। इस मशीन का इस्तेमाल उन कोरोना संक्रमितों के लिए किया जाता है, जो सामान्य ऑक्सीजन प्रक्रिया से जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं ले पाते हैं। ऐसे में यह बॉयोपैप मरीजों को ऑक्सीजन इन्हेल करने में सहायता प्रदान करता है और वह तेजी से ठीक होते हैं। मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि बेंग्लुरु में एनजीओ चला रहे एक शख्स ने 75 बॉयोपैप मशीन भेजी है। अब मायागंज अस्पताल में करीब 100 मरीजों को एक साथ बॉयोपैप पर रखते हुए उनकी उखड़ती सांसों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन देकर संयमित किया जा सकेगा। साथ ही इस साल सितंबर-अक्टूबर में संभावित कोरोना की तीसरे लहर में संक्रमितों के बेहतर इलाज में इसका उपयोग किया जा सकेगा।
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