Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsMunger Farmers Struggle with Vegetable Production Amid Weather and Market Challenges

बोले मुंगेर : कोल्ड स्टोर बनाएं, खाद-बीज की हो उपलब्धता

मुंगेर जिले के किसान सब्जी उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान होने के बावजूद कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मौसम की अनियमितता, सरकारी उपेक्षा, और कोल्ड स्टोरेज की कमी ने उनकी आर्थिक स्थिति को दयनीय बना...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 15 Feb 2025 12:23 PM
share Share
Follow Us on
बोले मुंगेर : कोल्ड स्टोर बनाएं, खाद-बीज की हो उपलब्धता

सब्जी उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान होने के बावजूद मुंगेर जिले के किसान तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं। मौसम की मार व सरकारी उपेक्षा ने उनकी स्थिति को और दयनीय बना दिया है। जिले में लगभग 10,000 से अधिक किसान मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन में लगे हुए हैं। इनमें से केवल मुंगेर मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में 5,000 से अधिक किसान इस व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रतिदिन यहां एक करोड़ रुपये से अधिक का सब्जी व्यापार होता है। इसके बावजूद किसानों की आर्थिक स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। मुंगेर के सब्जी उत्पादक किसान काफी मेहनती हैं और उन्हें सुविधा एवं सहायता मिले तो वे अपनी मेहनत से मुंगेर जिले के साथ-साथ दूसरे जिलों के लोगों को भी सब्जी खिला सकते हैं। समस्याओं से त्रस्त हैं, जिसके चलते सब्जी उत्पादन कभी-कभी उनके लिए लाभदायक ना होकर दर्द का कारण बन जाता है। सब्जी की खेती में आने वाली समस्याओं एवं किसानों की परेशानियों के संबंध में मुंगेर के चौखंडी और श्यामपुर मोहल्ले के किसानों के साथ संवाद किया गया। किसानों ने बताया कि मौसम की अनियमितता सब्जी की खेती के लिए एक बड़ी परेशानी बनी है। असमय बारिश, सूखा, अधिक गर्मी या ठंड की कमी के कारण फसलें प्रभावित होती हैं और उत्पादन घट जाता है। वहीं, बाजार में कभी-कभी इतनी अधिक सब्जी आ जाती है कि, कीमतें गिर जाती हैं, जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। मुंगेर में सब्जियों को लंबे दिनों तक रखने उसके संरक्षण के लिए एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है, जिससे हम किसानों को अपनी फसल जल्द ही बेचना पड़ता है। मजबूरी में उन्हें कम दामों पर सौदा करना पड़ता है या फिर सब्जियां खराब हो जाती हैं।

जिले के स्थानीय मंडियों से बाहर सब्जी बेचने की कोई व्यवस्था नहीं है, सरकारी स्तर पर भी दूसरे बाजारों के साथ हम किसानों के लिए ना तो कोई लिंक है और ना ही हमारे लिए बाजार की कोई व्यवस्था है। यही नहीं, मुंगेर में सब्जी उत्पादक किसानों का कोई समूह भी नहीं है। ऐसे में, हम किसानों की उपज केवल मुंगेर के सीमित बाजारों तक ही रह जाती है और अधिक उत्पादन होने पर सस्ते में अपनी सब्जियों को बेचना हमारी मजबूरी बन जाती है। यदि दूसरे जिलों के बाजार तक हमारी पहुंच रहती तो हमें अपनी सब्जियों की वाजिब कीमत मिलती। यही नहीं, समुचित परिवहन सुविधा के अभाव में भी। हम किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है और मंडी तक सब्जियों को पहुंचाने में लागत बढ़ जाती है।

आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का अभाव:

किसानों ने बताया कि, कई किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं, जिससे उन्हें खेती के लिए पूंजी की समस्या का सामना करना पड़ता है। हम में से कई किसानों को सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, समय पर एवं उचित कीमत में उर्वरकों की उपलब्धता भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। कई बार हमें ब्लैक मार्केट से महंगे दामों पर उर्वरक खरीदने पड़ते हैं, जिससे सब्जियों की उत्पादन लागत बढ़ जाती है और मुनाफा कम हो जाता है।

प्रशिक्षण और कृषि विभाग की उदासीनता:

किसानों ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से न तो मिट्टी की जांच कराई जाती है और न ही उन्हें उन्नत खेती के लिए कोई प्रशिक्षण दिया जाता है। करीब 40 साल पहले विभाग ने मिट्टी जांच की थी, लेकिन इसके बाद से अब तक कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सरकारी योजनाओं की जानकारी भी किसानों तक नहीं पहुंच पाती, जिससे वे इनका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। किसानों का कहना था कि, यदि सरकार उचित सुविधाएं दे, कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करे, बाजार से जोड़ने के लिए योजनाएं बनाए और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए, तो वे सब्जी उत्पादन को और बढ़ा सकते हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि दूसरे जिलों तक भी ताजी और सस्ती सब्जियां पहुंचाई जा सकेंगी। इसके साथ ही जिले में अधिक क्षेत्रफल में सब्जी की खेती भी होगी और बड़ी संख्या में किसान इसकी ओर मुड़ सकते हैं। हमारे लिए सब्जी की खेती तभी लाभकारी होगी और आर्थिक समृद्धि का द्वारा खोलेगी जब हमें इसके लिए आवश्यक सभी सुविधाएं मिले।

मुंगेर के सब्जी उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान आवश्यक है, ताकि वे अपनी मेहनत का उचित लाभ प्राप्त कर सकें। यदि सरकार उचित सुविधाएं और सहायता प्रदान करे, तो सब्जी उत्पादन को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि जिले और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

समस्या

1. मौसम की मार-असमय बारिश, सूखा, अत्यधिक गर्मी और ठंड की कमी से सब्जी की फसल प्रभावित होती है, जिससे उत्पादन घट जाता है।

2. बाजार की अस्थिरता-स्थानीय स्तर पर बंपर उत्पादन होने पर सब्जियों के दाम गिर जाते हैं, जिससे किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है।

3. कोल्ड स्टोरेज और परिवहन की कमी-जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरी में सस्ते दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। साथ ही, मंडी तक पहुंचाने के लिए परिवहन सुविधाओं की भी कमी है।

4. वित्तीय सहायता का अभाव-कई किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं, जिससे वे खेती के लिए जरूरी पूंजी की व्यवस्था नहीं कर पाते। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी सभी किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

5. सरकारी योजनाओं और प्रशिक्षण की कमी-किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी नहीं मिलती, न ही उन्हें उन्नत खेती के लिए कोई प्रशिक्षण दिया जाता है। मिट्टी की जांच भी पिछले 40 वर्षों से नहीं हुई है।

सुझाव

1. मौसम के प्रभाव को कम करने के लिए तकनीकी सहायता-किसानों को उन्नत तकनीकों, जैसे ग्रीनहाउस खेती और ड्रिप सिंचाई प्रणाली, से जोड़कर फसल सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

2. बाजार मूल्य स्थिर करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप-सब्जियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसी नीति लागू की जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके।

3. कोल्ड स्टोरेज और परिवहन सुविधाओं का विकास-सरकार कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के साथ-साथ सस्ती परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराए, जिससे किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकें और अधिक बाजारों तक पहुंचा सकें।

4. वित्तीय सहायता और ऋण योजनाओं का विस्तार-किसानों को आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएं और सभी पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिले।

5. कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण और मिट्टी जांच की व्यवस्था-किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों की जानकारी दी जाए और कृषि विभाग नियमित रूप से मिट्टी परीक्षण और उर्वरक वितरण की निगरानी करे।

सुनें हमारी बात

सब्जी की खेती करने में पानी, बीज एवं खाद बड़ी दिक्कत से मिलती है। खाद तो कई बार अधिक मूल्य पर ब्लैक से खरीदना पड़ता है।

-प्रदीप कुमार, किसान

खेत में पटवन के लिए पानी की बहुत बड़ी किल्लत है। समय पर और उचित मूल्य में खाद भी नहीं मिलती है।

-संजना देवी

खेत में कुआं सूख जाने से पटवन में दिक्कत होती है। समय से पानी नहीं देने पर फसल बर्बाद भी हो जाता है। बाजार तक जाने में भी काफी खर्च हो जाता है।

-पिंकी देवी

समय से खाद नहीं मिलती है। किसी तरह हमलोग खाद ब्लैक में खरीद कर फसल में डालते हैं। ऐसे में खर्च भी अधिक होता है और उत्पादन भी प्रभावित होता है।

-छोटू यादव

हम लोगों के लिए पानी बड़ी समस्या है। किसी तरह सब्जी उपजाते हैं तो कोल्ड स्टोरेज के नहीं रहने से कभी-कभी कम कीमत में ही सब्जी बेचनी पड़ती है ।

-राहुल कुमार

अभी तक हमारा किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बन पाया है। हमें किसान सम्मान निधि योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार कोई भी योजना लाती है तो उसे किसानों के लिए आसान बनाना चाहिए।

-निर्गुण यादव

खाद-बीज समय पर हम लोगों को नहीं मिलता है। ऊपर से मौसम का मार भी हमलोगों को झेलनी पड़ती है।

-सतीश यादव, किसान

पानी की दिक्कत के कारण हम लोगों की गाजर की फसल खराब हो गई है। पूंजी भी नहीं निकल पाई। पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

-पुतुल यादव

सब्जी के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे हमारे द्वारा उत्पादित सब्जी अधिक दिनों तक सुरक्षित रहेगी और हम उसे सही कीमत पर भेज पाएंगे।

-टुनटुन यादव

खाद, बीज, पानी की दिक्कत हो रही है। समय पर इन चीजों के नहीं उपलब्ध होने से सही ढंग से फसल का उत्पादन नहीं हो पाता है।

-कृत नंदन यादव

पानी की बड़ी समस्या है। खाद भी समय पर नहीं मिलती है। हमेशा बाजार में किल्लत रहती है। ब्लैक में खरीदना पड़ता है। किसान सम्मन निधि योजना का लाभ भी नहीं मिलता है।

-करुणा देवी, किसान

उपज का सही दाम नहीं मिलता है। मौसम के मार से उत्पादन प्रभावित होता है। कोल्ड स्टोरेज रहता तो सभी प्रकार की खेती करते।

-मुनचुन यादव

केंद्र सरकार किसानों की आय दुगनी कर रही है लेकिन हम कर्ज में डूबते जा रहे हैं। सब्जियों के अधिक उत्पादन पर हमें कम दामों में ही सब्जियां बेचनी पड़ती है। कोल्ड स्टोरेज रहता तो सब्जियों का स्टॉक करता और कीमत बढ़ने पर बेचता।

-मनोज यादव

पानी नहीं है। समय पर खाद नहीं मिलती है। बीज भी काफी महंगा मिलता है। हमें किसान क्रेडिट कार्ड का भी लाभ नहीं मिलता है।

-रवीश यादव

समय पर खाद की किल्लत से किसान परेशान रहते हैं और ब्लैक में खाद खरीद कर सब्जी की खेती करते हैं। इससे सब्जी उत्पादन की लागत काफी बढ़ जाती है और लाभ कम जाता है।

-प्रदीप मंडल

पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। समय से पटवन नहीं होने से फसल का नुकसान होता है। सरकार द्वारा हम लोगों को मुआवजा भी नहीं मिल पाता है।

-मनोज मंडल

सब्जी की खेती के समय उर्वरकों की किल्लत से हम लोग परेशान रहते हैं। यूरिया के लिए लंबी कतार में खड़े होने के बाद भी यूरिया नहीं मिल पाता है।

-अंजू देवी

सब्जी उत्पादकों के समक्ष पानी की समस्या है। समय पर और उचित मूल्य में खाद-बीज भी नहीं मिलता है। इससे लागत बढ़ जाती है। लेकिन, इसके अनुरूप हमें कीमत नहीं मिल पाती है।

-रुचि देवी

बोले जिम्मेदार

सरकार एवं कृषि विभाग ने मुंगेर के किसानों के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। किसानों को पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा कर इसका लाभ लेना चाहिए। किसान बिहार कृषि एप भी डाउनलोड करें ताकि उन्हें योजनाओं की जानकारी मिल सके। मुंगेर में सरकार द्वारा 2 कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। किसान या कोई व्यक्ति इसे बनाने के लिए आगे आएं। उन्हें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी मिलेगी। अभी तक कोल्ड स्टोरेज बनाने की इच्छुक लोगों का विभाग इंतजार कर रहा है। जल्द ही मुंगेर में सब्जी मंडी की हालत सुधरेगी और यहां सभी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही मंडी को एग्री मार्केट नेट से जोड़ा जाएगा। इसके बाद यहां के किसान दूसरे जिलों के मार्केट से भी जुड़ जाएंगे और जिस मंडी में उनके उत्पादों का मूल्य अधिक रहेगा वहां वे अपनी इच्छा अनुसार अपने उत्पादों को बेच सकेंगे। किसानों को स्वयं आगे बढ़कर अपनी मिट्टी जांच करानी चाहिए।

-ब्रज किशोर, जिला कृषि पदाधिकारी, मुंगेर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें