कटिहार जिले में 13 जगहों पर हो रहे अधिक सड़क हादसे
कटिहार | हिन्दुस्तान प्रतिनिधि सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस महकमा से...
कटिहार | हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस महकमा से लेकर पविहन विभाग के अधिकारियों ने एनएच 31 सहित स्टेट हाइवे के 13 स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया है। सनद रहे कि जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं स्टेट हाइवे पर वाहन दुर्घटना लगातार बढ़ रही है।
इसके कारण विगत पांच दिनों में 15 लोग मौत के शिकार हो चुके हैं तथा 16 व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी होकर सरकारी व निजी अस्पतालों में जीवन व मौत के बीच संघर्ष करने के लिए विवश रह हैं। लगातार हो रहे सड़क हादसे के बाद जिला प्रशासन एवं परिवहन विभाग सक्रिय हुआ है। इसके पूर्व सिर्फ पुलिस द्वारा इन पथों पर गश्ती ही एकमात्र उपाय रहा है।
क्या है ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने के मानक: मानक के मुताबिक किसी 500 मीटर की सड़क पर पिछले तीन साल में पांच बार दुर्घटना हुई हो या 10 लोगों की जान गई या एक ही हादसे में 10 लोगों की जान गई हो तो उक्त स्थान को ब्लैक स्र्पाट घोषित किया जाता है। बल्ैक स्पॉट उस स्थान को कहा जाता है जहां पर सड़क हादसे अधिक होते हैं। जिले में ऐसी कई स्थान है जहां बार-बार सड़क दुर्घटनाएं होते रहते हैं। इन पर सभी का ध्यान जाता है, इसकी वजह से ट्रैफिक जाम होता है और लोग हादसे के शिकार होते हैं। दुर्घटना वाले इन स्थान को ब्लैक स्पॉट के रुप में चिह्नित किया जाता है। इन स्थानों पर ही परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश हैं। इतना ही नहीं इन स्थानों पर सांकेतिक चिह्नित के अलावा बोर्ड लगाने का प्रावधान है जिसपर समीप के थाना, अस्पताल व एम्ब्ुलेन्स का नम्बर रहना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि एनएच 31 पर न तो बोर्ड लगाया गया है और न ही ब्लैक स्र्पाट पर सांकेतिक चिह्नित ही बनाया गया है। विगत एक दशक में जिले की चार सड़कें चौड़ी हुई है। इासके तहत एनएच 81 कोढ़ा से कटिहार, पथ निर्माण की डुम्मर से पाठिया, फुलवरिया से काढ़ागोला घाट एवं कटिहार पूर्णिया को फोरलेन की स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य चल रहा है। बताते चलें कि एनएच की चौड़ाई सोलह मीटर रखने का प्रावधान है। इतना ही नहीं कम से कम वाहन चलने के लिए 12 मीटर रहना अनिवार्य बताया गया है। लेकिन एनएच के दोनो ओर दो-दो मीटर फ्लैंक पर ईट सोलिंग है वहीं चिह्नित ब्लैंक स्पॉट वाले स्थानों पर एनएच सिकुड़ गई है। चौड़ाई महज दस मीटर है। कुरसेला के समीप बने सड़क पुल के किनारे पैदल पथ नहीं रहने के कारण हादसे का अंदेशा रहता है। इसके अलावा न तो कट कम किए गए और न ही तीखे मोड़ पर सांकेतिक चिह्न लगाए गए हैं।
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