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बोले भागलपुर: मॉकड्रिल के लिए हैं तैयार, लोगों की होगी अचूक सुरक्षा

सतर्कता का सायरन: मॉक ड्रिल के लिए हम तैयार ताकि अचूक हो सुरक्षा

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 8 May 2025 10:02 PM
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बोले भागलपुर: मॉकड्रिल के लिए हैं तैयार, लोगों की होगी अचूक सुरक्षा

देशभर में किसी हमले या आपात स्थिति के दौरान बचाव के लिए मॉकड्रिल कराया गया है। भागलपुर शहर में अभी मॉकड्रिल नहीं हुआ है, लेकिन इसकी आंशिक झलक रेलवे स्टेशन पर जरूर दिखी। हालांकि शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अगर मॉकड्रिल कराया जाता है तो हमलोग उसमें पूरा सहयोग करेंगे। हमलोग मॉकड्रिल के लिए तैयार हैं, ताकि विपरित परिस्थिति में अचूक सुरक्षा हो सके। गुरुवार को नागरिक विकास समिति के बैनर तले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिन्दुस्तान के साथ चर्चा में कहा कि ऐसी परिस्थितियों के लिए सिविक सेंस ज्यादा मायने रखता है। मॉकड्रिल इस तरह से कराया जाय कि जिन्हें कोई जानकारी नहीं है वह जागरूक हो सकें, अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

लोगों ने कहा कि मॉकड्रिल में अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, बाजार, मॉल, दफ्तर, पेट्रोल पंप सहित हर चीज को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि कहीं भी कोई अफरातफरी की स्थिति न हो। लोग हर जगह सुरक्षा के लिए काम कर सकें।

नागरिक विकास समिति के सदस्यों ने आपात स्थिति से निपटने को लेकर कहा कि सरकार की गाइडलाइन और दिशा - निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जाए। विपरीत स्थिति आने पर एक-दूसरे की मदद करें। साथ ही घर में हर वक्त इमरजेंसी की दवाई, पानी, राशन, गैस, नकदी समेत अन्य सामान का स्टॉक रखें। पाक की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए सभी नागरिक एकजुट है। एक जगह तय किया जाए, ताकि किसी भी विपरीत समय आने पर मोहल्ले के लोग इकट्ठा होकर समाधान पर चर्चा कर सके। अफवाह पर ध्यान नहीं देने की जरूरत है। सोशल मीडिया की कुछ साइट भ्रामक बातें दिखा कर आमलोगों को पैनिक करते हैं। इससे परहेज करने की जरूरत है। आसपास के लोगों को जागरूक करें ताकि बेवजह कोई भी पैनिक नहीं हो। लोगों ने कहा कि कोरोना काल की तर्ज पर ही आमलोगों को एक-दूसरे की मदद की भावना को लेकर आगे आने की जरूरत है। बेसिक जरूरत की पूर्ति के लिए रणनीति बनाकर चलने का समय है। इस तरह के समय में घर की महिलाओं की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। घर के बच्चे और बुजुर्ग का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। लोगों को पहले माइकिंग के जरिये, मीडिया के जरिये जागरूकता के लिए सूचना दी जाय। इसके बाद मॉकड्रिल कराया जाय।

आमलोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए कि कैसे सायरन बजने पर सचेत रहें। ताकि किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। केमिकल अटैक से बचने के लिए मास्क का प्रयोग जरूरी है। किसी भी हमले की आहट मिलने पर दोनों कान को पकड़ कर जमीन में सीधे लेट जाना है। इसके अलावा किसी मजबूत छतदार जगह में शरण लेने चाहिए। किसी भी तरह की सूचना मिलने पर लोग हड़बड़ा जाते हैं। ऐसे मामलों में धैर्य के साथ काम लेने की जरूरत होती है। कई बार बेवजह की जल्दबाजी खतरे को आमंत्रण दे देता है।

उपस्थित लोगों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि शहर के आमलोग किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सतर्कता का सायरन बजने पर क्या करें क्या नहीं करें, इस पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। भविष्य में किसी भी वास्तविक खतरे की स्थिति में नागरिकों के लिए सुरक्षा और बचाव का एक महत्वपूर्ण संकेत साबित होगा। इस तरह की बैठक आपस में करने से सुरक्षा-व्यवस्था को और भी अचूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चर्चा के दौरान सोशल मीडिया की भूमिका भी पर भी बात हुई। कहा गया कि विभिन्न व्हाटसएप ग्रुप और अन्य संचार माध्यमों से लगातार संपर्क बनाए रखना जरूरी है, ताकि आवश्यक सूचना मिलते रहे। सूचनाओं का आदान-प्रदान सुचारू रूप से करने पर भी विचार-विमर्श किए गए। अफवाहों से बचने की बात की गई। लोगों ने कहा कि शहर से लेकर गांव तक ऐसे ग्रुप को चिह्नित कर लेना चाहिए जो सिर्फ मॉकड्रिल में शामिल ही न हों, बल्कि वैसी परिस्थितियों में प्रशासन का सहयोग कर सके। इसमें एनसीसी, स्कॉट गाइड्स, विभिन्न सामाजिक संस्थानों के लोग आदि की टीम बनायी जा सकती है। कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए कि जिला प्रशासन के द्वारा जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उसका निर्वहन किया जाएगा। महिला सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाएं भी देश की रक्षा के लिए अपनी प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं। घर परिवार और समाज की रक्षा के लिए जो भी करना पड़ेगा। वह किया जाएगा इसको लेकर किसी भी तरह का मन में संशय नहीं है। भारत की संस्कृति पूर्व से ही एक-दूसरे की मदद करने के लिए जानी जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के एक-एक नागरिक दुश्मनों से लोहा लेने में कभी भी पीछे नहीं रहा है।

युद्ध आपदा से निपटने की हो रही प्रशासनिक तैयारी

पाकिस्तान से संभावित युद्ध से उत्पन्न आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारी हो रही है। इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग आपदा मित्र आदि की सूची तैयार कर रहा है। आपदा मित्र का सहयोग नागरिक सुरक्षा समिति के रूप में किया जाएगा। चूंकि भागलपुर में नागरिक सुरक्षा समितियां (सिविल डिफेंस सोसाइटी) गठित नहीं हैं, इसलिए आपदा मित्र ही शहर से गांव तक सेवा प्रदान करेंगे। अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) कुंदन कुमार ने बताया कि सिविल डिफेंस सोसाइटी के गठन का काम जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी कार्यालय से होता है। यहां सिर्फ आपदा से निपटने के लिए जितने मौजूद संसाधन हैं, उनका उपयोग किया जा सकेगा। शासन से मॉकड्रिल करने संबंधित कोई निर्देश नहीं आया है। शासन से जैसा निर्देश मिलेगा, उस हिसाब से काम किया जाएगा। आपदा मित्रों की सूची अपडेट करना, उनका मोबाइल नंबर चेक करना आदि रूटीन वर्क है। इधर, जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी के प्रभार में काम कर रही वरीय उप समाहर्ता मीनाक्षी ने बताया कि भागलपुर में सिविल डिफेंस सोसाइटी सक्रिय नहीं है। भारत-पाकिस्तान तनाव और संभावित युद्ध को लेकर ऐसा कोई निर्देश मुख्यालय से नहीं आया है। जैसा निर्देश आएगा। उसी हिसाब से काम किया जाएगा।

मॉकड्रिल : जानें, अभ्यास के दौरान क्या करें और युद्धकाल में इसकी महत्ता

जिले में हुए मॉकड्रिल को लेकर ‘हिन्दुस्तान ने पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल (सेवानिवृत्त) एके ठाकुर से बातचीत की। कर्नल एके ठाकुर ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य आपदा या आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी का आकलन करना है, जिसमें आम जनता की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने बताया कि अटैक के साथ-साथ डिफेंस भी युद्ध का बड़ा शस्त्र है। मॉकड्रिल केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि अप्रिय स्थिति, खासकर युद्धकाल में हमारी सुरक्षा का महत्वपूर्ण कदम है। इसलिए, हर नागरिक को ऐसे अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और निर्देशों का गंभीरता से पालन करना चाहिए। उन्होंने सेल्फ डिफेंस मॉकड्रिल के दौरान क्या करें और क्या न करें, इस विषय पर भी प्रकाश डाला।

आपदा की नहीं होती पूर्व सूचना, मॉकड्रिल से ही मिलेगी सुरक्षा

भागलपुर। नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष रमन कर्ण ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर बल देते हुए कहा कि आपदा कभी पूर्व सूचना देकर नहीं आती, लेकिन उसकी तैयारी पूरी तरह हमारे हाथ में होती है। उन्होंने मॉकड्रिल को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनसुरक्षा की एक मजबूत बुनियाद करार दिया। रमन कर्ण ने कहा कि मॉकड्रिल को हल्के में लेना भविष्य में भारी नुकसान का कारण बन सकता है। उन्होंने कोविड महामारी की यादों को याद करते हुए कहा कि संकट की घड़ी में हमारी जागरूकता और सजगता ही सबसे बड़ा अस्त्र है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हर घर में आपदा के समय उपयोगी आवश्यक सामग्री जैसे प्राथमिक उपचार किट, आवश्यक दवाइयां, टॉर्च, पानी और सूखा भोजन आदि पहले से ही उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल की तैयारी केवल एक सीमित दायरे तक नहीं रहनी चाहिए। अस्पताल, थाना, स्कूल, सरकारी कार्यालय, बाजार, शोरूम हर स्थान पर इस अभ्यास को गंभीरता से लागू किया जाना चाहिए। सभी नागरिकों को भी चाहिए कि वे इसे मजाक समझने की भूल न करें, बल्कि गंभीरता से भाग लें और तैयार रहें।

हर घर में रखें जरूरी सामान, मॉकड्रिल मजाक नहीं है सुरक्षा का अभ्यास

भागलपुर। नागरिक विकास समिति दक्षिणी क्षेत्र की अध्यक्ष कृष्णा साह ने आपदा को लेकर मॉकड्रिल जागरूकता अभियान के तहत लोगों से सजग रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आपदा कभी पूर्व सूचना देकर नहीं आती, ऐसे में हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। मॉकड्रिल को केवल औपचारिकता न समझा जाए, बल्कि इसे गंभीरता से लेते हुए हर नागरिक को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर में आवश्यक वस्तुएं जैसे गैस सिलेंडर, राशन, प्राथमिक उपचार की दवाइयां, पीने का पानी और टॉर्च, कैंडिल आदि पहले से ही उपलब्ध होनी चाहिए ताकि आपदा की स्थिति में किसी को भी परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहेगा, तो किसी भी संकट से मिलकर लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा मॉकड्रिल के दौरान लोग हंसी-मजाक से परहेज करें और इसे पूरी गंभीरता से लें, क्योंकि यह अभ्यास भविष्य में भी जान बचाने का काम कर सकता है।

व्यापारी संकट में निभाएं जिम्मेदारी, सेवा ही धर्म

भागलपुर। नागरिक विकास समिति के कार्यक्रम आयोजक संतोष कुमार ने आपदा व मॉकड्रिल के प्रति लोगों को जागरूक करने कि बात कहते हुए कहा कि संकट हो या काई भी समय जान की कीमत सबकी होती है, इसलिए तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना महामारी के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, वैसी स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए सभी को मिलकर सतर्कता बरतनी चाहिए। सिर्फ सरकारी तंत्र या प्रशासन ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों, दुकानदारों और व्यापारी वर्ग की भी इसमें अहम भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल को गंभीरता से लेना अत्यंत आवश्यक है। जब भी शहर या किसी मोहल्ले में मॉकड्रिल आयोजित हो तो लोगों को उसमें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। यह सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा और जीवन रक्षा की बुनियाद है। कुमार ने जोर देकर कहा कि हर वार्ड, मोहल्ले और बाजार में नागरिकों को आपदा के समय के लिए मानसिक और भौतिक रूप से तैयार रहना चाहिए। समिति की ओर से शीघ्र ही व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।

हर मोहल्ले में हो तैयारी, पड़ोसियों से बेहतर तालमेल की जरूरत

भागलपुर। नागरिक विकास समिति के सचिव सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि आपदा की घड़ी कभी पूर्व सूचना नहीं देती, लेकिन हम पहले से तैयार रहकर जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शहर के हर मोहल्ले में मॉकड्रिल आयोजित की जानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में लोग घबराए नहीं, बल्कि संयम और समझदारी से काम लें। उन्होंने कहा कि समिति न केवल मॉकड्रिल की पहल को बढ़ावा देगी बल्कि स्वयंसेवकों के माध्यम से मोहल्ला स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाएगी। उन्होंने कहा हमें न केवल खुद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी प्रशिक्षित करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर पड़ोसी ही सबसे पहले मददगार बनते हैं, इसलिए उनके साथ अच्छे रिश्ते रखना भी इस तैयारी का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में आपदा जैसे हालातों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अब वक्त आ गया है कि हम उसे अमल में लाएं। उन्होंने कहा समिति द्वारा विभिन्न स्थानों पर मॉकड्रिल कराई जाएगी और स्थानीय लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इनकी भी सुनिए

आपदा की स्थिति को देखते हुए हर घर में आवश्यक दवाइयां और जरूरी सामान जरूर मौजूद होना चाहिए। सजगता और तैयारी ही किसी भी संकट से निपटने में हमारी सबसे बड़ी ताकत होती है।

-सीमा जयसवाल, सदस्य

मौजूदा समय में युवाओं को जागरूक होने और दूसरों को भी जागरूक करने की ज़रूरत है। ऐसी परिस्थितियों में युवाओं की भागीदारी सबसे अहम होती है। हम खुद भी इससे जुड़कर जानकारी हासिल कर सकते हैं और समाज में जागरूकता फैलाने में योगदान दे सकते हैं।

-शिवम जायसवाल,सदस्य

मॉकड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि संभावित आपदा से निपटने की तैयारी है। अगर मॉकड्रिल हो रही हो तो उसमें अवश्य भाग लें। साथ ही जरूरत की चीजें जैसे दवाइयां, पीने का पानी और अन्य आवश्यक सामग्री पहले से ही घर में तैयार रखें ताकि आपात स्थिति में परेशानी न हो।

-सरोज कर्ण, सदस्य

हर व्यक्ति को आपदा के प्रति जागरूक रहना चाहिए। हर घर में प्राथमिक मेडिकल किट अवश्य होनी चाहिए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित उपचार मिल सके। जब जरूरत पड़े, तो केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि आस-पड़ोस के लोगों की भी मदद करनी चाहिए।

-नीरज जायसवाल,कोषाध्यक्ष

उस समय लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए और प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना जरूरी है। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के नियमों का पालन करना नागरिकों की जिम्मेदारी है।

-रमन साह, प्रवक्ता

इस वक्त लोगों को जागरूक करने की अत्यधिक आवश्यकता है। समाज में एक दूसरे का सहयोग करना भी जरूरी है, ताकि हम सभी मिलकर बेहतर समाज की रचना कर सकें और सामाजिक दायित्वों को समझते हुए जिम्मेदारी से काम करें।

-आनंद श्रीवास्तव, सह-सचिव

सोशल मीडिया पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वहां पर अक्सर फेक न्यूज फैलती रहती है। फेक न्यूज से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और सत्य जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि समाज में भ्रम और गलतफहमियां न फैले।

-प्रो. अजय कुमार झा

लोगों को मॉकड्रिल की जानकारी जरूर दी जाए, ताकि किसी आपात स्थिति में वे सही तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें। मॉकड्रिल केवल मजाक का पात्र नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उसे गंभीरता से लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं से सुरक्षित रहा जा सके।

-राकेश रंजन केसरी, दक्षिणी क्षेत्र सचिव

देश में सैनिकों द्वारा जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, वह हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक है। इस समय लोगों को जागरूक करना आवश्यक है, ताकि वे भी अपने कर्तव्यों को समझें और देशहित में सहयोग करें।

-प्रोफेसर एजाज अली रोज

मॉकड्रिल में लोगों को सक्रिय रूप से हिस्सा लेना चाहिए। ऐसे अभ्यास लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करते हैं, इसलिए सभी नागरिकों को इसमें भाग लेकर जागरूकता और सतर्कता का परिचय देना चाहिए।

-कौशल कुमार ठाकुर

मॉकड्रिल जैसे परीक्षण की जानकारी जरूरी है, ताकि लोग आपात स्थिति में सही प्रतिक्रिया देना सीख सकें। हर घर में कैंडल और जरूरत की आवश्यक वस्तुएं पहले से तैयार रखनी चाहिए, ताकि संकट के समय परेशानी न हो।

-आयुष वर्मा, युवा

वर्तमान स्थिति को देखते हुए रात में घरों की लाइट बंद कर देनी चाहिए। और लोग सोशल मीडिया से दूर ही रहना चाहिए, ताकि अफवाहों से बचा जा सके और मानसिक शांति बनी रहे। जागरूकता ही इस समय की बड़ी आवश्यकता है।

-अंकित कुमार, युवा

मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें ध्यान से सुनें और निर्देशों का पालन करें

ड्रिल के दौरान जो भी निर्देश दिए जाएं, उन्हें ध्यान से सुनें और उनका पालन करें। यह सुरक्षाकर्मियों और स्वयं आपकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

शांत रहें और घबराएं नहीं

मॉकड्रिल वास्तविक घटना नहीं होती, इसलिए शांति बनाए रखें और घबराहट से बचें। आपकी शांत प्रतिक्रिया ही ड्रिल को सफल बनाएगी।

अपनी भूमिका समझें

यदि आपको कोई विशेष भूमिका दी गई है (जैसे, घायलों की मदद करना या निकासी में सहायता करना), तो उसे जिम्मेदारी से निभाएं।

सवाल पूछें

यदि आपको किसी निर्देश या प्रक्रिया के बारे में कोई संदेह है, तो मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों या अधिकारियों से सवाल पूछने में संकोच न करें।

सुरक्षित स्थानों की पहचान करें

ड्रिल के दौरान बताए गए सुरक्षित स्थानों (जैसे, असेंबली पॉइंट या शेल्टर) को ध्यान में रखें। युद्धकाल या वास्तविक आपदा में यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

मॉकड्रिल के दौरान क्या न करें

अफवाहें न फैलाएं

ड्रिल के दौरान किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं। इससे भ्रम और पैनिक का माहौल बन सकता है।

भीड़भाड़ न करें

निकासी या अन्य प्रक्रियाओं के दौरान धक्का-मुक्की या भीड़भाड़ से बचें। अनुशासित तरीके से चलें।

अनावश्यक सवाल न करें

ड्रिल की गंभीरता को समझें और अनावश्यक सवाल पूछकर प्रक्रिया में बाधा न डालें।

सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी न करें

किसी भी सुरक्षा निर्देश को हल्के में न लें और उनका उल्लंघन न करें।

ड्रिल स्थल पर अनावश्यक रूप से न रुकें

यदि आपको निकासी के लिए कहा गया है, तो ड्रिल स्थल पर अनावश्यक रूप से न रुकें।

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