रसोईया हड़ताल पर बच्चों को नहीं मिल रहा खाना
जिले के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोईया अपनी 13 सूत्री मांगों के साथ धरना पर बैठ गये है। मध्याह्न भोजन कर्मचारी संघ के बैनर तले पांच जनवरी से ही धरना दिया जा रहा है। जिला मध्याह्न भोजन...
जिले के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोईया अपनी 13 सूत्री मांगों के साथ धरना पर बैठ गये है। मध्याह्न भोजन कर्मचारी संघ के बैनर तले पांच जनवरी से ही धरना दिया जा रहा है। जिला मध्याह्न भोजन कर्मचारी संघ (एटक) के महासचिव जयप्रकाश मंडल ने बताया कि स्कूलों में रसोईया का शोषण किया जा रहा है। सुबह नौ बजे से चार बजे की ड्यूटी करने वाले रसोईया को मात्र 40 रुपए मेहनताना मिलता है। इसके अलावा कभी शिक्षक, कभी समन्वयक तो कभी डीपीएम का कोपभाजन बनना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगा।
बुधवार को समाहरणालय के बाहर धरने पर बैठी 200 के करीब रसोईया ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर हर बार प्रदर्शन या धरना करते है। मगर इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। सरकार या प्रशासन अगर दमनात्मक कार्रवाई करेगी तो फिर आंदोलन उग्र हो जायेगा।
इस बीच जिले के कई स्कूलों में बच्चों को खाने के लिए एमडीएम नहीं मिल रहा है। रसोईया संघ ने एमडीएम में इस्तेमाल होने वाले कच्चे अनाज पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिला प्रशासन अगर औचक जांच करती है तो कई प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर कार्रवाई होगी।
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