बीएनएमयू में 40 करोड़ के घपले की जांच के लिए पहुंची विजिलेंस टीम, मचा हड़कंप
बीएनएमयू में दो महीने बाद एकबार फिर विजिलेंस की टीम पहुंची और आरोपों की जांच की। विजिलेंस की टीम करीब एक बजे कुलसचिव कार्यालय पहुंची और कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद के समक्ष पूर्व परिसंपदा पदाधिकारी...
बीएनएमयू में दो महीने बाद एकबार फिर विजिलेंस की टीम पहुंची और आरोपों की जांच की। विजिलेंस की टीम करीब एक बजे कुलसचिव कार्यालय पहुंची और कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद के समक्ष पूर्व परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार से पूछताछ की।
वित्तीय अनियमितता का आरोप
बता दें कि पूर्व कुलपति डॉ. विनोद कुमार के कार्यकाल में एक शोध छात्रा रिंकी यदुवंशी ने करोड़ों रुपये के वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। विजिलेंस की टीम ने वर्तमान परिसंपदा पदाधिकारी के साथ केंद्रीय भंडार जाकर आवश्यक दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान उन्होंने खरीदे गये सामानों के स्टॉक की जांच की। विजिलेंस की टीम ने वित्त पदाधिकारी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा से भी जानकारी मांगी। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवीन कुमार से भी पूछताछ की।
रिंकी यदुवंशी ने जांच की मांग की थी
पूर्व कुलपति डॉ़ विनोद कुमार के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितता को लेकर गृह विज्ञान की शोध छात्रा रिंकी यदुवंशी ने राज्यपाल, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, मुख्यमंत्री सहित राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को शपथ-पत्र के साथ आरोप लगाई थी। श्रीमती यदुवंशी के आरोप को संज्ञान में लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना ने अगस्त, 2015 से जांच प्रारंभ की। इस मामले को लेकर इससे पहले भी लगभग चार बार विजिलेंस की टीम बीएन मंडल यूनिवर्सिटी पहुंचकर जांच कर चुकी है।
पूर्व कुलपति पर ये है आरोप
शोधार्थी रिंकी यदुवंशी ने पूर्व कुलपति पर लगभग 40 करोड़ रुपये का आरोप चेक संख्या एवं निकासी किये गये खाता संख्या से लगाई है। जिसपर विजिलेंस की टीम जांच कर रही है। श्रीमती यदुवंशी के आरोप में मुख्य रूप से स्नातक प्रथम खंड-2014 में केवल प्रश्न-पत्र छपाई पर लगभग 90 लाख का भुगतान कोलकाता की एक कंपनी के नाम तीन चेक संख्या से किया गया था। उसके बाद यूनिवर्सिटी के नये एवं पुराने कैंपस में 30 लाख रुपये का सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। तीसरा आरोप यूजीसी फंड के लगभग सवा करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का है। चौथा आरोप लगभग 55 लाख रुपये के स्मार्ट बोर्ड खरीद का है, जो नया कैंपस में लगाया गया था लेकिन उसे चोरी की घटना बताकर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गयी। इसके अलावा भी वित्तीय अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पटना डीएसपी कन्हैया लाल ने बताया कि प्राप्त आवेदन की जांच करने आए हैं। वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है, जिसकी तमाम तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है।
बीएनएमयू में मंगलवार को कागजात की जांच करती विजिलेंस की टीम।
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