महामारी काल में साहित्य सृजन होना जरूरी
टीएनबी कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग के द्वारा लिटरेचर एंड पैंडेमिक (महामारी काल में साहित्य सृजन) विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय...
वेबिनार का आयोजनसाहित्य के सिलेबस में पैंडेमिक लिटरेचर को शामिल करने की जरूरत वेबिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक लोग जुड़े थेभागलपुर। कार्यालय संवाददाताटीएनबी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग द्वारा लिटरेचर एंड पैंडेमिक (महामारी काल में साहित्य सृजन) विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार चौधरी ने किया। वेबिनार का कन्वेनर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. मिथिलेश सिन्हा एवं आयोजन सचिव प्रो. आशीष प्रिय थे। वेबिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक लोग जुड़े थे। टीएमबीयू के अंग्रेजी विभाग के हेड प्रो. उदय कुमार मिश्र ने कहा कि साहित्य के सिलेबस में पैंडेमिक लिटरेचर को भी शामिल करने की जरूरत है, ताकि छात्र उन समय को भी जान सकें। टीएनबी कॉलेज के सह प्राध्यापक एवं कॉलेज इंस्पेक्टर डॉ. सरोज कुमार राय ने साहित्य के विभिन्न कालों में पैंडेमिक के विषय में चर्चा की। अरुणाचल प्रदेश के तेजू डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. गौरी शंकर झा ने इकोनॉमिक्स डिप्रेशन को भी एक प्रकार का पैंडेमिक बताया और विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। मौके पर टीएनबी कॉलेज के डॉ. एमए रिज़वी और मुंगेर विश्वविद्यालय के डॉ. भवेश चंद्र पांडेय ने पैंडेमिक के मुश्किल समय में साहित्य की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में एसएम कॉलेज की प्रो. माला सिन्हा एवं श्वेता सिंह कोमल ने साहित्य और सृजनात्मकता पर व्याख्यान दिए। वेबिनार में बांकुरा विश्वविद्यालय (पश्चिम बंगाल) के डॉ. सौरव नाग, पटना कॉलेज (पटना विश्वविद्यालय) के डॉ. नकी अहमद जॉन, एलएनएम दरभंगा विश्वविद्यालय के डॉ. संकेत कुमार झा एवं कोशी कॉलेज खगड़िया के डॉ. प्रियरंजन तिवारी का भी व्याख्यान हुआ।
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