सदर अस्पताल की मार्केटिंग पर महिला मरीज नजराना की शिकायत भारी
सदर अस्पताल का डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किया निरीक्षण मरीज के परिजन ने
भागलपुर, वरीय संवाददाता। सूबे के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के निर्देश पर गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी सदर अस्पताल की सेहत की जांच करने के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण में सदर अस्पताल के इंतजामात ने डीएम की खुश करा दिया। अभी वे गदगद होकर सदर अस्पताल के जांच-इलाज की उत्कृष्ट सेवा का बखान कर ही रहे थे कि अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए पहुंची महिला मरीज नजराना की शिकायत ने सदर अस्पताल के जिम्मेदारों के चमकते चेहरों पर खुशी के रंग को काफूर कर दिया।
एक घंटे में ही महिला को मिल गई जांच इलाज की सुविधा
सदर अस्पताल के दवा काउंटर पर पहुंचे डीएम ने लाइन में लगी एक महिला का पर्चा लिया और पूछा कि वह कब आई तो उसने बताया कि डेढ़ घंटा हो गया। लेकिन रजिस्ट्रेशन स्लिप पर दर्ज टाइम (पूर्वाह्न 11:30 बजे) को देखकर उन्होंने कहा कि ये महिला पूर्वाह्न 11:30 बजे आई। अब जबकि 12:30 बज रहे हैं, ये बताता है कि इस महिला का एक घंटे के अंदर ही रजिस्ट्रेशन स्लिप कटने से लेकर जांच-इलाज के बाद दवा मिलने जा रहा है। इसी दौरान जिले के गणेशपुर की रहने वाली नजाराना खातून के परिजन मो. शकील ने अल्ट्रासाउंड जांच सेंटर की शिकायत कर दी। उसने बताया कि डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड जांच कराने की सलाह दी तो सेंटर के संचालक ने अगले दिन यानी शुक्रवार आने को कहा। पुन: अनुरोध किया तो संचालक ने बोला कि ज्यादा बोलोगे तो 15 दिन बाद जांच करूंगा। जब उनसे यानी डीएम से शिकायत करने को बोला, तब जाकर संचालक जांच करने को तैयार हुआ। ये सुनने के बाद डीएम काउंटर से बाहर आये और सदर अस्पताल के प्रभारी को जरूरी निर्देश देकर चले गये।
ओपीडी में मेडिसिन, हड्डी ओपीडी को बताया बेहतर
गुरुवार को डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी पूर्वाह्न करीब पौने 12 बजे सदर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी, ओपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, पैथोलॉजी, एमसीएच बिल्डिंग आदि का निरीक्षण किया। डीएम ने बताया कि उन्होंने मरीजों से प्रतिक्रिया ली तो सब सदर अस्पताल की चिकित्सा सेवा से पूरी तरह से संतुष्ट मिले। मरीजों ने बताया कि यहां पर अनधिकृत रूप से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। दवा, जांच व इलाज पूरी तरह से मुफ्त मिल रहा है। ओपीडी में तो मेडिसिन, हड्डी ओपीडी हो या महिला ओपीडी, हरेक में बेहतर तरीके से इलाज हो रहा है। सिविल सर्जन को कहा जाएगा कि वे विभिन्न ओपीडी की रैंकिंग हर माह जारी करें और टॉप टू ओपीडी के एचओडी व चिकित्सक को पुरस्कृत करें।
सुनिश्चित करें कि हरेक जांच कराने के बाद ही मरीज बाहर निकलें
डीएम ने बताया कि निरीक्षण में पाया गया कि चिकित्सक द्वारा पर्ची पर लिखे गये जांचों को मरीजों के अस्पताल छोड़ने पर ये देखा नहीं जाता है कि मरीज को हरेक प्रकार की जांच मिली कि नहीं। ऐसे में निर्देश दिया गया कि कि मरीज के पर्चे पर हरे रंग के कलम से टिक किया जाये कि मरीज का कौन सा जांच हुआ है और कौन सा नहीं। ये सुनिश्चित किया जाये कि मरीज जब अस्पताल से बाहर निकलें तो उसका हर प्रकार का जांच हो चुका रहे। साथ ही अगर किसी मरीज के जांच रिपोर्ट पर शंका है तो कंट्रोल रूम का अधिकारी जांच अधिकारी को बुलाकर फिर से जांच कराना सुनिश्चत करें। वहीं डीएम ने सदर अस्पताल में संचालित जीविका दीदी के रसोई का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने पाया कि 150 रुपये में मरीजों को सुबह में नाश्ता, दोपहर में भोजन, शाम को फिर नाश्ता और रात में भोजन दिया जाता है।
15 दिसंबर तक नए भवन में ओपीडी होगा स्थानांतरित
डीएम ने बताया कि अभी जिस बिल्डिंग में ओपीडी का संचालन हो रहा है, वहां पर जगह की कमी है। ऐसे में 15 दिसंबर से सदर अस्पताल में बने मॉडल अस्पताल में ओपीडी का स्थानांतरण हो जाएगा। साथ ही सदर अस्पताल में 15 दिसंबर से 50 बेड का एसएनसीयू शुरू हो जाएगा। अभी यहां पर दस बेड का एसएनसीयू का संचालन किया जा रहा है। वहीं जिले के हरेक पंचायत में दो-दो स्वास्थ्य केंद्र शुरू किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. अशोक प्रसाद, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, परीक्ष्यमान पदाधिकारी अंकित चौधरी, शालिनी कुमारी, आयुष्मान भारत भागलपुर की डीपीसी पूजा भारती, सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू कुमार, हॉस्पिटल मैनेजर आशुतोष कुमार आदि की मौजूदगी रही।
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