Hindi Newsबिहार न्यूज़भागलपुरImproving Child Health Bihar s Mid-Day Meal Program to Combat Malnutrition

एमडीएम से बच्चों के पोषण-स्वास्थ्य दोनों में सुधार

संक्रमित बच्चों की शारीरिक-मानसिक, तार्किक क्षमता विकास की पहल बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित की

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 4 Nov 2024 12:54 AM
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भागलपुर, वरीय संवाददाता। भागलपुर समेत सूबे के सभी मध्याह्न भोजन संचालित स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाएगा। बच्चों के पोषण और उनके स्वास्थ्य की जांच नियमित रूप से कराई जाएगी, ताकि उन्हें कुपोषणमुक्त बनाया जा सके। दरअसल, एमडीएम संचालित स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच की निगरानी अब मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) से की जाएगी। स्कूलों में नामांकित कुल कितने बच्चों के स्वास्थ्य की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की और कितनों ने विभाग द्वारा दी गई दवा का सेवन किया, इसकी निगरानी भी एमडीएम से ही होगी। एमडीएम के दौरान बच्चे खाएंगे दवा, पोर्टल पर दर्ज होगी लाभुकों की संख्या

यह दवा उन्हें मध्याह्न भोजन के दौरान खिलाई जाएगी। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय स्तर पर रोजाना बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट और खिलाई जाने वाली दवा के विवरण का भी विभागीय पोर्टल पर प्रविष्टि की जाएगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन) को निर्देश दिया है। दरअसल, एनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाने की विभाग की योजना है। इसी योजना के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन सभी स्कूलों में किया जाना है। विभाग का मानना है कि एनीमिया ग्रसित बच्चों में रोगाणुओं से संक्रमण की संभावना अत्यधिक होने के कारण उनकी शारीरिक, मानसिक और तार्किक क्षमता प्रभावित होती है। बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धता एवं कौशल भी एनीमिया के कारण अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है। बच्चों को इससे बचाव के लिए उनकी उम्र के आधार पर प्रत्येक सप्ताह आयरन फॉलिक एसिड की एक गोली व छह महीने के अंतराल पर कृमिनाशक (अलबेंडाजोल) की गोली देने का प्रावधान किया गया है।

एमडीएम के बाद क्लास टीचर सुनिश्चित कराएंगे कि बच्चों ने खाई दवा

योजना के तहत विद्यालयों में पढ़ने वाले पांच से नौ वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सप्ताह में एक बार प्रत्येक बुधवार को आयरन फॉलिक एसिड की एक गुलाबी गोली का सेवन एमडीएम के बाद वर्ग शिक्षक द्वारा सुनिश्चित कराया जाना है। वहीं एमडीएम बंद रहने की स्थिति में प्रथम घंटी के दौरान दवा का सेवन बच्चों को कराए जाने का निर्देश है। जबकि 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग के किशोर एवं किशोरियों को सप्ताह में एक बार प्रत्येक बुधवार को आयरन फॉलिक एसिड की एक नीली गोली का सेवन एमडीएम के बाद दिया जाना है। इसके अलावा सभी बच्चों को छह महीने के अंतराल पर कृमिनाशक (अलबेंडाजोल) की गोली दी जाएगी।

कोट.......

बच्चों में एनीमिया की कमी दूर करने के लिए यह विभागीय योजना है। एमडीएम के बाद बच्चों को आयु वर्ग के अनुसार हर बुधवार को दवा दी जानी है। दवा खाये बच्चों की पोर्टल पर इंट्री कर उनकी निगरानी की जा रही है।

-आनंद विजय, डीपीओ (एमडीएम)

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