आईसीयू खाली तो एचडीयू में सुविधा नहीं, मरीजों की जान सांसत में
मायागंज अस्पताल में हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित गंभीर मरीजों की जान सांसत में है। कारण यहां के आईसीयू खाली होने के बावजूद इसमें गंभीर...
भागलपुर, कार्यालय संवाददाता
मायागंज अस्पताल में हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित गंभीर मरीजों की जान सांसत में है। कारण यहां के आईसीयू खाली होने के बावजूद इसमें गंभीर मरीजों की इंट्री नहीं है तो एचडीयू में कई सुविधा है ही नहीं। ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीज या तो अस्पताल छोड़ भाग खड़े होते हैं तो या फिर रेफर कराकर सिलीगुड़ी-पटना की राह पकड़ लेते हैं।
आईसीयू में एक मरीज, वह भी कोरोना का संदिग्ध
मायागंज अस्पताल के 24 बेड के आईसीयू में आज की तारीख में कोरोना का महज एक संदिग्ध मरीज भर्ती है। एक फरवरी से यहां पर सिर्फ एक मरीज की इंट्री हुई है। जबकि इस आईसीयू को सामान्य मरीजों के लिए खोल देने के लिए करीब तीन सप्ताह पहले सेनिटाइज कराया गया था। वहीं अगर हम 16 बेड के एचडीयू की बात करें तो यहां पर हर बेड पर लगे 16 कॉर्डियक मॉनिटर में से नौ काम नहीं कर रहे हैं। इलेक्ट्रोलाइट मशीन है लेकिन इसमें स्ट्रिप नहीं है। ऑक्सीजन फ्लो तो आईसीयू के तय मानक से बहुत ही नीचे है। इस एचडीयू में एक वेंटिलेटर है, वह भी आज की तारीख में काम नहीं कर रहा है। ट्रिपअप मशीन तो आज तक एक भी मरीजों के काम नहीं आया है।
हर रोज पांच से छह मरीज हो रहे रेफर
मायागंज अस्पताल में हर रोज किडनी, हृदय समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित आठ से दस गंभीर मरीज मायागंज अस्पताल में भर्ती होते हैं। इनमें से पांच से छह मरीज को आईसीयू नहीं मिल पाता है तो वे दूसरे उच्च संस्थानों के लिए रेफर कर दिये जाते हैं। आलम यह है कि इसी एचडीयू में भर्ती एक महिला की मौत 18 दिसंबर 2020 को हो गयी थी। तब परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतका को आधे घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन नहीं दिया गया था। बताया जाता है कि उस दिन भी ऑक्सीजन फ्लो लो होने के कारण मरीज को ऑक्सीजन सही ढंग से नहीं मिल सका था। इस मौत की शिकायत बिहार मानवाधिकार आयोग को की गयी है, जिसकी जांच चल रही है। इसी तरह 23 जनवरी को एक मरीज को भर्ती किया गया था। मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे परिजन दूसरे अस्पताल लेकर भागे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी थी।
कोरोना के मामले अब मिलने लगे हैं, ऐसे में आईसीयू को सामान्य मरीजों के लिए उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। हां एचडीयू में व्याप्त कमियों को दूर कर उसे आईसीयू के स्तर का बनाये जाने का प्रयास होगा। ताकि मरीजों को इस एचडीयू में ही आईसीयू की सुविधा मिल सके।
डॉ. अशोक कुमार भगत, अधीक्षक मायागंज अस्पताल
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