गुल-तंबाकू से कमजोर हुआ हृदय, खुलवाने पड़ रहे दिल
- सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजी से हुआ खुलासा - 20 प्रतिशत लोगों में हार्ट
भागलपुर, वरीय संवाददाता। मंजन के रूप में गुल का इस्तेमाल और तंबाकू की आदत ने लोगों के दिल को कमजोर कर रहा है। जिससे न केवल युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को एंजियोप्लास्टी कराने के लिए अपने दिल को डॉक्टरों से खुलवाना पड़ रहा है। ये खुलासा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में दिल का इलाज कराने आ रहे मरीजों की जांच से हुआ है।
तीन सितंबर से 20 दिसंबर के बीच 962 मरीजों का हुआ दिल का इलाज
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजी ओपीडी में बीते तीन सितंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच कुल 962 मरीज दिल का इलाज कराने के पहुंचे। इनमें से करीब 40 प्रतिशत यानी 384 मरीज गुल मंजन और तंबाकू के सेवन करने वाले मिले। इनके हृदय की नसें सामान्य हृदय रोग के मरीजों की तुलना में 45 से 50 प्रतिशत कमजोर मिली। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुमित शंकर ने बताया कि पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण तंबाकू या फिर गुल मंजन का सेवन है। गुल को लोग मंजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जबकि हकीकत में ये पिसा हुआ एक तरह का खतरनाक तंबाकू है। इसके सेवन से हृदय की कोरोनरी कोशिकाएं काफी ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। जिससे कोशिकाओं में खून की आपूर्ति यानी फ्लो कम हो जा रहा है। जो कि कोशिकाओं को डायलेटेड यानी फैला और सिकुड़ा रही है। इसके अलावा 20 प्रतिशत लोगों में हार्ट अटैक का कारण सिगरेट और शराब का सेवन है।
दिल के पंप करने की क्षमता हो रही कम, 84 को लगवाना पड़ा पेसमेकर
डॉ. सुमित शंकर ने बताया कि हृदय रोगियों की जांच में पता चला कि गुल मंजन करने वाले मरीजों के हृदय मे के आकार में असामान्य वृद्धि, मांसपेशियों के दीवार का मोटा हो रहा है तो कई मरीजों में तो मांसपेशियों का बढ़ना व सिकुड़ना पाया गया। जिसके कारण हृदय पंप करने की शक्ति कम हो गई, इस अवस्था को डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी कहते हैं। इसके मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण रहा कि इस तरह के कुल हृदय रोगियों में से करीब 20 प्रतिशत मरीजों को पेसमेकर (सीआरटी) तो करीब 25 प्रतिशत मरीजों को एंजियोप्लास्टी करानी पड़ रही है।
जिम जाने से पहले करा लें ईसीजी, इको व टीएमटी जांच
बकौल डॉ. सुमित शंकर, आज युवाओं में हार्ट अटैक होने के मामले में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अगर अगर कोई युवा जिम ज्वाइन करने जा रहा है तो उससे पहले उसे ईसीजी, इको, टीएमटी के साथ-साथ क्रोनिक कैल्शियम जैसी जांच कराने के बाद हृ़दय रोग विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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