20 प्रतिशत मरीजों की सुधि नहीं ले पा रहा स्वास्थ्य विभाग
होम आइसोलेशन में रह रहे सभी कोरोना मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा स्वास्थ्य...
भागलपुर, कार्यालय संवाददाता
होम आइसोलेशन में रह रहे सभी मरीजों तक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, विशेषज्ञ नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्वास्थ्य सूत्रों के मुताबिक, जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे करीब तीन हजार कोरोना संक्रमितों में से 20 प्रतिशत कोरोना मरीजों की सुधि नहीं ले पा रहा है। इनमें से कई कोरोना संक्रमित ऐसे हैं जो अपना इलाज कोलकाता, सिलीगुड़ी स्थित निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में ये मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।
केस नंबर एक
तिलकामांझी निवासी 57 साल के कोरोना संक्रमित का इलाज बीते 15 दिन से कोलकाता में एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इस मरीज के परिजनों का कहना है कि उनके मरीज के पास बीते 15 दिन में स्वास्थ्य विभाग का कोई फोन नहीं आया है। अब सुनने में आ रहा है कि उनके मरीज को स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह से स्वस्थ घोषित कर दिया है।
केस नंबर दो
कहलगांव निवासी 63 साल के मरीज 25 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे। मरीज का कहना है कि उसके पास न तो स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम आयी और न ही एक भी फोन कॉल। अब भी उसे कभी-कभार खांसी व बुखार की शिकायत रहती है। उसे मालूम भी नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग की नजरों में वह स्वस्थ हैं नहीं।
मायागंज के अलावा तीन स्थानों पर चल रहा है आईसोलेशन सेंटर
सदर अस्पताल में 70 बेड का कोविड केयर सेंटर चल रहा है। जबकि 900 बेड के मायागंज अस्पताल को कोरोना समर्पित अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा 50-50 बेड का कोविड केयर सेंटर अनुमंडलीय अस्पताल कहलगांव व नवगछिया चल रहा है। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि नवगछिया अस्पताल का शनिवार को निरीक्षण किया, जहां चार कोरोना संक्रमित भर्ती मिले। यहां पर नौ चिकित्सक व डेढ़ दर्जन नर्सों की तैनाती की गयी है। यहां की व्यवस्था कुछ ठीक नहीं थी, जिसे दो दिन में सुधारने का निर्देश संबंधित चिकित्सा प्रभारी को दिया गया है। जबकि अनुमंडलीय अस्पताल के एक-एक डॉक्टर की ड्यूटी तीनों शिफ्ट में व तीन-तीन नर्स की वहां पर ड्यूटी लगायी गयी है।
हर प्रखंड में खुले हैं कोरोना कंट्रोल रूम
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की सुधि लेने के लिए जिले के हरेक पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल व सदर अस्पताल में कोरोना कंट्रोल रूम खोले गये हैं। यहां पर तैनात चिकित्सक व काउंसलर होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों से हर रोज सुबह-शाम फोन करके उनका हाल जानते हैं। सभी कोरोना मरीजों तक हमारी पहुंच है। किसी का मोबाइल नंबर नॉट रिचेबल होने की दशा में संपर्क नहीं हो पाया होगा। वैसे भी कोरेाना पॉजिटिव मरीज को दस दिन बाद कोई समस्या नहीं होती है तो उसे स्वस्थ घोषित करने का नियम स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया है। उसी आधार पर हम मरीजों को स्वस्थ घोषित करते हैं।
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