जाति विवाद में हुई हत्याओं के प्रकार का अध्ययन कर रहा पुलिस विभाग
वर्ष 2024 में प्रदेश के 12 जिलों में 13 लोगों की हत्या जाति विवाद में
भागलपुर, वरीय संवाददाता। प्रदेश में जाति विवाद को लेकर हुई हत्याओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है। बीते वर्ष जनवरी से दिसंबर तक 13 लोगों की हत्या जाति विवाद में हुई। हत्या के लिए अपराधियों ने सिर्फ लाठी-डंडे ही नहीं गोली-पिस्तौल, कुल्हाड़ी, फरसा-गड़ासा के अलावा गला दबाकर और आग लगाकर कर दी थी। जाति विवाद को लेकर हुई हत्याओं के प्रकार का अब पुलिस मुख्यालय अध्ययन कर रहा है। मुख्यालय ने पहली बार डीएम को भी हत्या के मामले में जांच कर हत्या की प्रकृति के कारणों पर रिपोर्ट व सुझाव देने को कहा है। यानी अब जिलों में जाति विवाद में हुई हत्याओं की तह तक जिला प्रशासन भी जाएगा। इसको लेकर पुलिस महानिरीक्षक (विशेष शाखा) ने भागलपुर समेत 12 जिलों के डीएम को पत्र भेजा है।
पुलिस मुख्यालय ने 13 मुकदमे की सूची में भागलपुर, नवगछिया और कटिहार के एक-एक केस को शामिल किया है। जिलों को भेजी गई सूची में अधिकतर हत्याएं लाठी-डंडे से पीटकर हुई बताई गई है। डीएम को भेजे गए पत्र की कॉपी जिलों के एसपी के अलावा डीआईजी और आईजी को भी दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने संबंधित डीएम को कहा कि ऐसी घटनाओं या अपराध पर रोकथाम के लिए सक्रिय और निवारक दृष्टिकोण (एक्टिव व प्रिवेंशियल एप्रोच) की आवश्यकता है। जाति विवाद के मामले लोगों के जज्बातों से जुड़े होते हैं। अतः इन्हें पूर्ण संवेदनशीलता के साथ निष्पादित करने की आवश्यकता है। इसमें निरोधात्मक और विधिसम्मत कार्रवाई भी पूर्ण सक्रियता के साथ एवं समय से किये जाने की जरूरत होती है। यदि जातिगत तनाव के निराकरण के लिए तत्क्षण कार्रवाई नहीं की जाती है तो यह भयानक रूप ले सकता है। पुलिस मुख्यालय ने जाति-विवाद की गंभीर समस्या के त्वरित निष्पादन के लिए सात बिन्दुओं पर सक्रिय कार्रवाई करने का निर्देश डीएम को दिया है।
इन सात बिंदुओं पर डीएम को मिला है कार्रवाई का निर्देश
1. जाति विवाद के सभी मामलों की त्वरित, प्रभावकारी एवं निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करते हुए आवश्यकता के अनुरूप निरोधात्मक व उचित विधि सम्मत कार्रवाई करना है।
2. जाति विवाद से संबंधित पक्षकारों एवं उनके समर्थकों के आपराधिक इतिहास व असमाजिक गतिविधि का उल्लेख जांच प्रतिवेदन में अनिवार्य रूप से किया जाना है।
3. जाति विवाद से संबंधित इतिहास वाले स्थानों व व्यक्तियों की अपडेट सूची थाना में संधारित करना एवं उनको निगरानी में रखना है।
4. जाति विवाद से संबंधित मामलों में संलिप्त रहने वाले व्यक्तियों की प्रविष्टि गुंडा पंजी में किया जाना है।
5. वैसे भूमि विवाद जिनके जातीय विवाद में परिणत होने की संभावना हो। ऐसे भूमि विवादों की थाना या अंचल स्तर पर विशेष निगरानी रखना तथा भूमि विवाद के निराकरण के लिए प्राथमिकता के आधार पर नियमानुकूल कार्रवाई करना।
6. जाति विवाद के कारण घटित जघन्य आपराधिक मामले जैसे हत्या, अनुसूचित जाति-जनजाति के विरुद्ध अपराध, महिला के विरुद्ध अपराध, भीषण दंगा आदि का त्वरित अनुसंधान और विचारण के लिए प्रयास करना।
7. वैसे जाति-विवाद जो कालांतर में एक बड़ी आपराधिक घटना में परिणत हो सकते हैं, उसके संबंध में आसूचना एवं जांचोपरांत तथ्य आधारित त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना।
जाति विवाद में हुई इन हत्याओं का हो रहा अध्ययन
पटना में शाहपुर थाना में गोली मारकर हत्या अप्रैल में हुई थी। नवंबर में नवादा के रजौली में फरसा-गड़ासा से हत्या हुई। नालंदा के चंडी में अप्रैल में आग से व सारे में दिसंबर में गोली मारकर हत्या हुई। जहानाबाद के पाली में सितंबर में लाठी-डंडे से, भोलपुर के उदवंतनगर में जुलाई में गोली मारकर व सितंबर में तीयर में गला घोंटकर, बक्सर के डुमरांव में अक्टूबर में चाकू मारकर, मुजफ्फरपुर के गायघाट में लाठी-डंडा से, कटिहार के मनसाही में नवंबर में गोली मारकर, भागलपुर के बाथ में अप्रैल में गोली मारकर, नवगछिया के भवानीपुर में अप्रैल में कुल्हाड़ी से, बेगूसराय के बछवाड़ा में अगस्त में गला दबाकर, अरवल के कुर्था में अप्रैल में लाठी-डंडे से व अगस्त में करपी में लाठी डंडा से और मधुबनी के खजौली में मई में लाठी-डंडा से हत्या जाति विवाद में की गई थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।