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अच्छी पहल! स्कूलों में बच्चों की हाजिरी का बदला पैटर्न, अपनाये जा रहे ये नए तरीके

स्कूलों में हाजिरी की पुरानी परंपरा बदलने में जिले के प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में होड़ मची है। पिछले माह डीएम प्रणव कुमार के निर्देश के बाद से कई स्कूलों ने अपने-अपने स्तर से हाजिरी की नयी...

भागलपुर। कार्यालय संवाददाता Fri, 28 Dec 2018 06:42 PM
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स्कूलों में हाजिरी की पुरानी परंपरा बदलने में जिले के प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में होड़ मची है। पिछले माह डीएम प्रणव कुमार के निर्देश के बाद से कई स्कूलों ने अपने-अपने स्तर से हाजिरी की नयी परंपरा विकसित की है।

 प्रधानाध्यापकों का कहना है कि नयी परंपरा की वजह से बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार दिख रहा है। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान बिरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूलों में अपने-अपने स्तर से प्रयोग किये जा रहे हैं। ऐसे स्कूलों की संख्या अभी 10 के करीब ही है। 

रामकृष्ण आश्रम मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापक विभा कुमारी ने बताया कि छात्रों को पुरानी परंपरा में यस सर कहा जाता था। मगर अब एक फल, फूल और राज्य-राजधानी का नाम बताना पड़ता है। इसके लिए हर छात्र को अलग-अलग कॉपी बनाकर दी गयी है जिसमें सामान्य जानकारी फल, फूल के नाम, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, डीएम और एसपी तक के नाम लिख दिये गये हैं। इसकी तैयारी स्कूल अपने स्तर से सप्ताह दिन पहले ही करा देता है।

 मदनलाल कन्या मध्य विद्यालय नया बाजार की प्रधानाध्यापक अर्पणा ने बताया कि वे अपने स्कूलों में बच्चों से खुद रजिस्टर पर पूरा नाम लिखवाती हैं। दो माह से हाजिरी की नयी परंपरा चल रही है।
  
जोड़े में स्कूल पहुंच रहे छात्र
प्राथमिक विद्यालय क्लबगंज के शिक्षक शेखर गुप्ता ने कहा हाजिरी के साथ बच्चों की उपस्थिति अधिक हो इसके लिए दो बच्चों का ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप में से कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आता है तो दूसरे को इसकी वजह बतानी होती है। इससे बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है।
 
सन्हौला और सबौर में चल रहा काम 
जानकारी हो कि डीएम के निर्देश के बाद सन्हौला प्रखंड के स्कूलों में बच्चे खुद से हाजिरी बना रहे हैं। जबकि सबौर प्रखंड के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी ली जा रही है। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान ने बताया कि इस परंपरा के तहत बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति अच्छी हुई है। 

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