चाइनीज सॉल्ट बना रहा बच्चों को मोटा, दे रहा फैटी लीवर
मायागंज अस्पताल में बड़ी संख्या में फैटी लीवर के शिकार बच्चे मिल रहे फास्ट

भागलपुर, वरीय संवाददाता पैकेज्ड चटपटे खाद्य पदार्थ, नूडल्स, मंचूरियन से लेकर ठेले-खोमचे पर बिक रहे फास्ट फूड में मिला चाइनीज सॉल्ट न केवल बच्चों की भूख बढ़ाकर उनकी आदत खराब करते हुए मोटा बना रहा है, बल्कि आगे चलकर उन्हें फैटी लीवर का दर्द दे रहा है। जैसे-जैसे बच्चों में फास्ट फूड की आदत बढ़ती है, इसमें मिला चाइनीज सॉल्ट उनकी भूख को बढ़ाता है, जिससे वे मोटे हो जा रहे हैं। मायागंज अस्पताल में इन दिनों बड़ी संख्या में फैटी लीवर के शिकार किशोर व बच्चे मिल रहे हैं। जिसकी जड़ में उनकी फास्ट फूड की आदत व इसमें मिले चाइनीज सॉल्ट का सेवन करना पाया जा रहा है।
बार-बार भूख बढ़ाता है चाइनीज सॉल्ट
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के गैस्ट्रो एंटेरोलॉजिस्ट डॉ. राजीव कुमार सिन्हा कहते हैं चाइनीज सॉल्ट दरअसल मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है। फास्ट फूड को टेस्टी बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में चाइनीज सॉल्ट युक्त फास्ट फूड को खाने वाले बच्चों का मन बार-बार फास्ट फूड को खाने का करने लगता है। या यूं कहे कि उन्हें फास्ट फूड खाने की आदत पड़ जाती है। रोजाना या अक्सर फास्ट फूड खाने से बच्चे जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेने लगते हैं, जिससे वे मोटे हो जाते हैं।
रेडियोलॉजी विभाग में रोजाना पांच से छह बच्चे-किशोर फैटी लीवर
बकौल डॉ. राजीव सिन्हा, खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद बच्चे मोटे हो जाते हैं और वे फैटी लीवर के शिकार हो रहे हैं। अस्पताल के रेडियोलॉजी सेंटर पर रोजाना पांच से छह की संख्या में 12 साल से लेकर 17 साल तक के बच्चे या किशोर फैटी लीवर का शिकार अल्ट्रासाउंड जांच में पाये जा रहे हैं। कुछ बच्चों में तो ग्रेड टू का फैटी लीवर पाया गया। बातचीत में पता चला कि फैटी लीवर का शिकार बच्चा या किशोर फास्ट फूड खाने की आदत है। चूंकि फास्ट फूड में चाइनीज सॉल्ट मिलाने की मात्रा तय है, लेकिन इनका हर दिन सेवन बच्चों को आगे चलकर मोटा बना देता है, जिससे वे गैस, अपच, एसिडिटी, अपच व अनिद्रा, घबराहट से लेकर बैचेनी तक की समस्या होने लगती है।
पौष्टिकता कम कैलोरी ज्यादा है फास्ट फूड में
मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरीय फिजिशियन डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि बच्चों में तेजी से मोटापा बढ़ने के मामले में फास्ट फूड अहम भूमिका होती है। फास्ट फूड व पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में पौष्टिकता कम और कैलोरी ज्यादा होती है। हमारे घरों में चिप्स, स्नैक्स, इंस्टेंट सूप, इंस्टेंट नूडल्स से लेकर पिज्जा-बर्गर का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है। ऐसे में खाने वालों का पेट तो भर जाता है, लेकिन वे जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन कर लेते हैं। चूंकि इनमें टेस्टी मसाले से लेकर चाइनीज सॉल्ट का इस्तेमाल होता है, इसलिए इसे बार-बार खाने की चाहत होने लगती है।
कोट
अस्पताल में ऐसे मामले मिल रहे हैं, जिनमें बच्चे और किशोर फास्ट फूड के अत्यधिक सेवन करने के कारण मोटे व फैटी लीवर का शिकार हुए होते हैं। इस तरह के खाने का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना चाहिए। इसकी जगह पर हरी सब्जियां, फल व पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। इससे न केवल फैटी लीवर व मोटापे से बचे रहेंगे बल्कि बच्चे व किशोर का शारीरिक व मानसिक विकास भी होगा।
- डॉ. राजीव सिन्हा, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, मायागंज अस्पताल, भागलपुर
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