मधेपुराा। नीलगाय की आवाजाही से किसान हो रहे परेशान
आलमनगर में नीलगाय के आतंक से सैकड़ों किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसान मक्का, गेहूं और अन्य फसलों को नीलगाय से भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं, जबकि अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।...
आलमनगर, एक संवाददाता प्रखंड क्षेत्र के खुरहान सहित विभिन्न बहियारों में नीलगाय के आतंक से सैकड़ो किसानों की परेशानी बढ़ गयी है। बावजूद वन विभाग व प्रखंड के अधिकारी अपनी ओर से कोई कदम उठाना मुनासिब नहीं समझ बेफिक्र बने हैं। जिसका खामियाजा हर मौसम में किसानों को भुगतना पड़ता है। खासकर रवि फसल के दौरान खेतों में लगा मक्का, गेहूं सहित दलहन और तिलहन फसल को नीलगाय के आतंक से भारी क्षति पहुंच रही है। नीलगाय की आतंक से खुरहान पंचायत सहित बसनवाड़ा, बड़गांव, खापुर, किशनपुर-रतवारा, गंगापुर, ईटहरी, कुंजौड़ी व अन्य पंचायतों के विभिन्न बहियारों में फसल उगाए हजारों किसानों के खेतों में लगी विभिन्न फसलों को बड़ी पैमाने पर क्षति पहुंच रही है। बावजूद संबंधित अधिकारी बेपरवाह बने हैं। ऐसी स्थिति में फसल क्षति से बचाव के लिए अधिकारियों को ठोस कदम उठाने की जरूरत बन गयी है। इस जटिल समस्या को लेकर खुरहान के किसान हिटलर सिंह, सुभाष सिंह, प्रभात कुमार सिंह, राजू सिंह, विपिन सिंह, अमिताभ सिंह, मुकुल सिंह, तपन सिंह, रुपेश सिंह, पुष्पक सिंह, रोशन सिंह आदि ने बताया कि करीब दो दर्जन से अधिक नीलगाय का झुंड खेतों में लगी फसलों को हर रोज खा भी जा रहा है और कुरेद भी देता है। जिससे हमलोग को भारी क्षति पहुंच रही है। इसकी शिकायत कई सालों से कई पदाधिकारी को किया गया, लेकिन अभी तक कोई पदाधिकारी नीलगाय के आतंक से फसलों के बचाव के लिए कोई उपाय करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। जिस कारण हर साल हमलोगों को लाखों रुपए का नुकसान सहना पड़ रहा है। वन विभाग के रेंजर नीरज कुमार ने बताया कि किसानों के फसल क्षति के लिए मुआवजा का भी प्रावधान है और किसान सहित मुखिया के लिखित देने पर नीलगाय को शूट करने का भी प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि किसान और मुखिया के द्वारा आवेदन मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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