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लापरवाही की हद! गरीबों के लिए मंगाया खाद्यान्न बन रहा सुअरों का निवाला

सरकारी खाद्यान्न की बर्बादी को देखना हो तो सहरसा स्टेशन के रैक प्वाइंट का रुख कीजिए। यहां गरीबों का खाद्यान्न सुअरों का निवाला बन रहा है। आंधी पानी में भींग गए एफसीआई के कई चावल भरे बोरे पर सुअरों...

सहरसा, निज प्रतिनिधि।  Tue, 4 June 2019 06:04 PM
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सरकारी खाद्यान्न की बर्बादी को देखना हो तो सहरसा स्टेशन के रैक प्वाइंट का रुख कीजिए। यहां गरीबों का खाद्यान्न सुअरों का निवाला बन रहा है।

आंधी पानी में भींग गए एफसीआई के कई चावल भरे बोरे पर सुअरों की झुंड दिन-रात मंडराती रहती है। सड़कर चावल बर्बाद हो सुअरों के निवाला बन रहे है। उसे उठाकर ले जाने की एफसीआई के संवेदक के पास फुर्सत नहीं है। हालांकि खुले आसमान के नीचे रखी सरकारी चावल की बोरी को पॉलीथिन से ढ़ककर बर्बादी से रोकने की कोशिश की गई है। लेकिन तेज हवा के साथ आई आंधी पानी में कई बोरी पर रखे पॉलीथिन उड़ जाते है। भींगकर सरकारी खाद्यान्न बर्बाद हो जाता है। जिसे लावारिस पशु अपना निवाला बनाते हैं। सहरसा स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने आए यात्री विनय कुमार, संतोष कुमार सहित अन्य ने कहा कि इस चावल को अगर गरीब लोगों के बीच मुफ्त में बांट दिया जाय तो उनकी भूख मिट जाएगी।
 
31 मई को पंजाब से आया था एक रैक चावल
31 मई को पंजाब राज्य से सहरसा स्टेशन स्थित रैक प्वाइंट पर एफसीआई का एक रैक चावल बोरी आया था। मालगोदाम कर्मियों की मानें तो एफसीआई के संवेदक द्वारा अधिकांश चावल बोरी का उठाव कर लिया गया है। एफसीआई अधिकारी की मानें तो रैक प्वाइंट से खाद्यान्न उठाव के लिए तीन संवेदक कार्यरत हैं। बता दें कि एफसीआई के जरिये ही एसएफसी को चावल और गेंहूं की आपूर्ति होती है। एसएफसी इस सरकारी खाद्यान्न को डीलर को लाभुक के बीच वितरण करने के लिए उपलब्ध कराता है।
 
डिमांड मुताबिक मंगाया जाता चावल
एफसीआई डिमांड मुताबिक चावल पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से मंगाता है। एफसीआई के एजीएम एस. लकड़ा ने कहा कि हर महीने 3 से 5 रैक चावल रेल से मंगाया जाता है। बीते शुक्रवार को एक रैक चावल आया है।

एफसीआई के एजीएम एस. लकड़ा ने बताया कि कुछ बोरे का चावल लीकेज के कारण रैक प्वाइंट के प्लेटफार्म पर गिर जाता है। सोमवार को भी रैक प्वाइंट गए थे कहीं चावल सड़कर बर्बाद नहीं हो रहा है। 

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