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बोले जमुई : सरकार एवं प्रशासन का मिले साथ तो और बढ़ेगी हरियाली

जमुई जिले में 'साइकिल यात्रा एक विचार' मंच द्वारा 10 जनवरी 2016 से हर रविवार को पौधरोपण की मुहिम चलाई जा रही है। अब तक 31,000 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। मंच के सदस्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 18 April 2025 10:07 PM
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बोले जमुई : सरकार एवं प्रशासन का मिले साथ तो और बढ़ेगी हरियाली

जमुई जिले में पर्यावरण प्रेमियों की कमी नहीं है। साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यों द्वारा 10 जनवरी 2016 से जिले के सभी प्रखंडों एवं ग्रामीण इलाकों में हर रविवार को दर्जनों पौधे लगाए जा रहे हैं। इस मंच से जुड़कर जिले के दर्जनों युवाओं ने जिले को हरा-भरा बनाए रखने का संकल्प लिया है। मंच के सभी सदस्य अपने अलग-अलग व्यवसाय एवं रोजगार से जुड़े हैं। नि:स्वार्थ होकर जिले में अधिक से अधिक पौधरोपण की मुहिम में लगे हैं। मंच के सदस्यों का कहना है कि उनकी इस मुहिम में प्रशासनिक और सरकारी सहयोग की भी जरूरत है। आर्थिक मदद मिले, प्रचार-प्रसार हो। जिले के जनप्रतिनिधि भी इस मुहिम से जुड़ें तो लोगों में भी जागरूकता आएगी। जन-जन को पौधरोपण से जोड़ने में सहूलियत मिलेगी।

03 सौ से अधिक सदस्य जुड़ चुके हैं पर्यावरण सुरक्षा की मुहिम से

02 हजार 16 ई. में हुई थी अभियान की शुरुआत, जुड़ते गये लोग

31 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं 617 गांव-टोलों में भ्रमण कर

10 हजार 487 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर चुके हैं मंच के सदस्य

पिछले दस सालों से साइकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्यों द्वारा पर्यावरण सरंक्षण के लिए हर रविवार को प्रयास किया जा रहा है। इसके कई सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इस समूह के सदस्यों के प्रयास से ना केवल कई परिसर को हरा-भरा किया गया बल्कि दो दर्जन से अधिक गांव में छोटे-बड़े बगीचे भी बने। पर्यावरण सरंक्षण जागरूकता एवं अन्य समाजिक मुद्दे पर भी इस समूह के युवाओं द्वारा कार्य किया जा रहा है। साइकिल यात्रा एक विचार, जमुई की स्थापना 10 जनवरी 2016 को विवेक कुमार द्वारा की गई है। ये संविदा पर समाहरणालय में कार्यरत हैं। यह ग्रुप तीन सदस्यों के साथ शुरू किया गया था। आज इसके 32 सक्रिय सदस्य, 225 स्वयंसेवी सदस्य, 07 ग्रीन फेलो काम कर रहे हैं।

पेड़ होते हैं मनुष्यों के सच्चे हितैषी :

साइकिल यात्रा एक विचार के तहत ग्रामीणों की निजी जमीन पर वर्षों से पौधारोपण किया जा रहा है। मंच के सदस्य बताते हैं कि सच्ची दोस्ती वही है जिसमें कोई मतलब या स्वार्थ नहीं होता। पेड़ वास्तव में हमारे हितैषी हैं। पेड़ों को मनुष्यों का सच्चा मित्र मानते हुए लगातार पौधरोपण किया जा रहा है। साइकिल यात्रा के सदस्यों ने अब तक 482वें सप्ताह की यात्रा की है। 617 गांव एवं टोलो में भ्रमण के कुल 10487 किलोमीटर की यात्रा पूरी की है। अब तक करीब 30772 पौधरोपण, 63 जागरूकता कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में भागीदारी कर चुके हैं। मंच के संस्थापक विवेक को कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भागीदारी मिली है। श्रीलंका में आयोजित द्वितीय अंतरराष्ट्रीय युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने गए थे। वहां उन्होंने अपने संबोधन में पर्यावरण शिक्षा लागू करने की मांग की थी।

हर रविवार चिह्नित जगहों पर लगाते हैं पौधे :

हर रविवार को जमुई के स्टेडियम से दर्जनों सदस्यों के साथ साइकिल द्वारा पूर्व निर्धारित स्थान पर जाकर दर्जनों पौधे लगाए जाते हैं। इनमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने वाले पीपल, बरगद, नीम, सागवान, फलदार वृक्ष आम, लीची, जामुन, अमरूद आदि लगाए जाते हैं। साथ ही जिस गांव में पौधे लगाए जाते हैं उसके जमीन मालिक एवं ग्रामीणों से संरक्षण को भी कहा जाता है। पर्यावरण जागरूकता को लेकर ग्रामीणों के साथ चर्चा की जाती है।

शहर को स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेदारी :

साइकिल यात्रा के सदस्य विवेक कुमार एवं कुंदन सिंह ने बताया कि यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी। इसके साथ-साथ शहर को स्वच्छ रखने के लिए भी हर पर्व-त्योहार के बाद ग्रामीणों की मदद से सफाई भी की जाती है। छठ घाटों की सफाई की जाती है। छठ पर्व के समापन के बाद घाटों में फैले कचरे एवं गंदगी की भी सफाई सदस्यों एवं ग्रामीणों की मदद से की जाती है। लोगों को शहर को साफ रखने एवं पर्यावरण में पेड़ों की मौजूदगी से होने वाले फायदे बताकर उन्हें जागरूक किया जाता है।

मिले सरकारी मदद तो शहर को हरा और साफ रखने में मिलेगी मदद :

साइकिल यात्रा विचार मंच के सदस्य ने कहा कि 10 वर्षों से सदस्यों द्वारा पेड़ बचाने एवं अपने जन्मदिन या शुभ अवसर पर पेड़ लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी सदस्य किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े होने के बावजूद हर रविवार को समय निकालकर इस मुहिम को चला रहे हैं। अगर इस मुहिम में प्रशासनिक एवं जनप्रतिनिधि की सहायता मिले तो इसका विस्तार एवं प्रचार प्रसार होगा। आर्थिक मदद मिले तो इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचने में काफी सहूलियत मिलेगी। जन जागरूकता के लिए शिविर लगाकर प्रशासन द्वारा प्रचार की जरूरत है। इससे सदस्यों की संख्या बढ़ेगी, तो अधिक पौधे लगाए जा सकेंगे। इससे हमारा जिला हरा-भरा और साफ होगा।

गरीब बच्चों के साथ मनाएं त्योहार :

साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यों द्वारा त्योहार में किसी एक बस्ती में गरीब बच्चों के साथ त्योहार मनाने का भी संकल्प लिया गया है। ये दिवाली के अवसर पर आदिवासी समाज एवं अति पिछड़ा समाज के बच्चों को मिठाई, पटाखे एवं नए कपड़े देकर उनके साथ दिवाली मनाते हैं। होली पर भी गरीब बच्चों को रंग-गुलाल, पिचकारी, मिठाइयां व नए कपड़े देते आ रहे हैं। सदस्यों ने बताया कि शहर के कई मिठाई दुकान एवं कपड़े दुकानों के विक्रेता उन्हें अपनी तरफ से दान भी देते हैं। साथ ही खुद भी उनके साथ जाकर बच्चों के साथ त्योहार मानते हैं।

नदी एवं प्राकृतिक संसाधन सरंक्षण का प्रयास:

जिले में 22 नदियों के आस्तिव को लेकर सदस्यों द्वारा नदी संरक्षण के लिए हजारों लोगों के साथ पदयात्रा भी की गई। इसका परिणाम यह आया राज्य स्तर से नदियों के दोहन कर रहे लोगों के लिए नियम बने। मंच के सदस्यों द्वारा हर वर्ष गर्मियों में पक्षियों के लिए जमुई नगर पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों में पानी और दाना रखा जाता है। लोगों को जागरूक भी करते हैं। सदस्यों का कहना है कि पौधे के संरक्षण के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। अबतक लगाये गये 60-70 प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं। भीषण गर्मी में नियमित पानी दिया जाता है। स्वचछता एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान चलाया गया है। मंच द्वारा हर वर्ष सावन के मौके पर महादेव सिमरिया में नि:शुल्क कावंरियां सेवा शिविर लगाई जाती है। ग्रुप के सदस्यों द्वारा जरूरतमंद मरीज को ब्लड ग्रुप के अनुसार ब्लड देकर सहयोग दिया जाता है। अबतक लगभग इस ग्रुप द्वारा तीन दर्जन मरीजों को बचाया गया है। बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने हर साल पर्यावरण सरंक्षण प्रतियोगिता जून माह में आयोजित की जाती है। इसमें ज्ञानवर्द्धक प्रतियोगिता मंच के सदस्यों द्वारा हर साल अपने स्थापना दिवस पर कराई जाती है। किसी एक टोला में जरूरमंद लोगों के बीच सामग्री वितरण करते हैं। मंच द्वारा जो भी कार्यक्रम चलाया जा रहा है वह सदस्यों के खर्च पर किया जा रहा है।

शिकायत

1. सीमित सदस्यों द्वारा ही किया जा रहा पौधरोपण, मुहिम से प्रशासन या सरकार नहीं जुड़ी।

2. सदस्य अपने निजी खर्चे पर कर रहे हैं पौधरोपण, कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती।

3. व्यवसाय के साथ जुड़े होने के कारण कई सदस्य हर रविवार को नहीं हो पाते उपस्थित।

4. जिले के सुदूर बस्ती में जाकर पौधरोपण करने में होती है परेशानी।

समाधान

1. प्रशासन की मदद मिले तो पौधरोपण कार्य को मिलेगी गति।

2. जिले के जनप्रतिनिधि द्वारा अगर आर्थिक मदद की जाए तो शहर की हरियाली बढ़ाई जा सकेगी।

3. प्रशासन द्वारा अगर प्रचार-प्रसार किया जाए तो इस मुहिम से नए सदस्य को जोड़ने में मदद मिलेगी।

4. जिले में कई बस्तियों में अब तक टूटी-फूटी सड़क है जिसकी मरम्मत की आवश्यकता है।

हमारी भी सुनें

नियमित रूप से पर्यावरण शिक्षा लागू हो। बैगलेस सुरक्षित शनिवार के रूप में चलाया जा रहा है। यह व्यवस्था हर निजी विद्यालय, महाविद्यालय में लागू करते हुए हर शनिवार को एक घंटा पर्यावरणीय कार्य पर मॉटिवेट करना चाहिए।

विवेक कुमार

घर में अनावश्यक प्लास्टिक का उपयोग बन्द करें। पानी एवं बिजली के उपयोग पर नियंत्रण करवाएं। परिजन जन्म दिवस, त्योहारों एवं श्रद्धांजलि के अवसर पर पौधा लगाकर बढ़ते प्रदूषण को कम करने में भागीदारी दे सकते हैं।

कुंदन सिन्हा

पौधरोपण से ज्यादा महत्वपूर्ण में यह है कि लगाए गए पौधे को संरक्षित किया जाए। मानव का एक धर्म होना चाहिए। साथ ही साथ अपने जीवन काल में कम से कम 10 पौधे हर इंसान को लगाने चाहिए।

पंकज कुमार

सरकार को पर्यावरण संरक्षण को लेकर कड़ा कानून बनाना चाहिए। पूरे विश्व में आपदा आ रही है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

सत्यम कुमार

मूलभूत आवश्यकताओं की सूची में पर्यावरण एक प्रमुख विषय है। सरकार की नीतियों और मुट्ठी भर पर्यावरणविद के प्रयासों से शायद ही कुछ परिवर्तन हो। रोटी कपड़ा मकान के बाद पर्यावरण संरक्षण हमारे जीवन का हिस्सा नहीं बने।

सिंटू कुमार

जिले में कई बस्तियों में बने पार्क बदहाल हैं। सड़कें टूटी-फूटी हैं जिसकी मरम्मत की आवश्यकता है। आने-जाने में समय की बचत होगी।

आकाश कुमार

पौधरोपण केवल फोटो सेशन तक ही समित नहीं होना चाहित। लोगों को पौधे के संरक्षण के लिए सोचना आवश्यक है।

मनेश कुमार

शहर में एक पार्क 20 रुपए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क लेता है। दूसरा हमेशा बंद रहता है। लोगों को सुबह टहलने में कठिनाई होती है। विभाग इस पर ध्यान देना चाहिए।

सचिराज पद्माकर

सीमित सदस्यों द्वारा ही पौधरोपण किया जा रहा है। मुहिम से प्रशासन व सरकार को जुड़ने की जरूरत है। इससे हरियाली की गति बढ़ेगी।

हर्ष कुमार

जिले की सुदूर बस्ती में जाकर पौधरोपण करने में परेशानी होती है। इसके समाधान के लिए ई-साइकिल की व्यवस्था होनी चाहिए।

गोलू कुमार

प्रशासन द्वारा अगर इस मुहिम का प्रचार-प्रसार किया जाए तो कई नए सदस्यों को जोड़ने में मदद मिलेगी। पौधे लगानेवाले बढ़ेगे तो हरियाली बढ़ेगी।

अभिषेक कुमार

व्यवसाय एवं शिक्षा के साथ जुड़े होने के कारण कई सदस्य हर रविवार को उपस्थित नहीं हो पाते। इससे परेशानी होती है।

डुगडुग सिंह

प्रशासन का अगर मदद मिले तो पौधारोपण के कार्य को गति मिलेगी। अधिक से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़ेगे तो जिला हरा-भरा होगा।

शैलेश भारद्वाज

जिले के जनप्रतिनिधि द्वारा अगर आर्थिक मदद की जाए तो शहर की हरियाली बनाए रखने में मदद मिलेगी। अधिक पौधे लगाए जा सकेंगे।

टिंकू पासवान

लोगों को अपनी छत पर चिड़िया के लिए दाना-पानी का इंतजाम करना चहिए जाकि वे इस भीषण गर्मी में बच सकें।

राहुल सिंह

भीषण गर्मी आने पर लोगों को अपने आस-पास के पौधे में नियमित रूप से पानी देकर उनकी सेवा करनी चाहिए।

अभिलाष कुमार

बोले जिम्मेदार

जिले में कई सरकारी कार्यक्रम के तहत भी वृक्षारोपण किया जाता है। मुहिम चला कर शहर के विभिन्न स्थानों पर पौधे लगाए जाते हैं। साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यों द्वारा किया जा रहा वृक्षारोपण एक सराहनीय कार्य है। शहर को हरा-भरा और साफ रखने के लिए उन्हें जो भी आवश्यकता होगी, उनके साथ बातचीत कर कर उन्हें मदद की जाएगी। उनके कई कार्यक्रमों में भी मैं खुद उपस्थित होकर उनके इस कार्य के लिए हौसला अफजाई कर चुकी हूं और आगे भी उनके साथ जुड़ी रहूंगी।

-श्रेयसी सिंह, विधायक, जमुई।

बोले जमुई असर

जमुई स्टेडियम में लगाई गई हाईमास्ट लाइट, युवाओं में खुशी

जमुई। बोले जमुई अभियान के तहत 12 जनवरी को आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में जिले के खिलाड़ी व भर्ती की तैयारी करने वाले युवा छात्र-छात्राओं की समस्या प्रकाशित की गई थी। इसमें शहर में युवाओं की तैयारी के लिए मैदान की कमी और मैदान में आधारभूत सुविधा रोशनी, शौचालय आदि की कमी को लेकर चर्चा की गई थी। युवाओं ने कहा था कि मैदान में कई प्रकार की दिक्कत हैं। रोशनी नहीं होने की वजह से शाम में खास कर लड़कियों को जल्द मैदान छोड़ना पड़ जाता है। इससे अभ्यास अधूरा रह जाता है। इस पर संज्ञान लेते हुए जमुई विधायक श्रेयसी सिंह के विधायक निधि से जमुई के श्री कृष्ण सिंह स्टेडिम में हाई मास्ट लाइट की व्यवस्था की है। चार हाई मास्ट लाइट लगाई गई है। अब रात में भी युवा अपनी तैयारी कर सकते हैं। स्टेडियम में हाईमास्ट लाइट लग जाने से युवाओं में खुशी का माहौल है। युवाओं ने कहा कि अब हम देर शाम तक अपना अभ्यास जारी रख सकेंगे। इसके लिए विधायक और हिन्दुस्तान के बोले जमुई मुहिम का आभार जताया है।

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