प्रेम से ही ईश्वर की होती है प्राप्ति
सुल्तानगंज, निज संवाददाता। कर्तव्य पालन से बड़ा न कोई धर्म है और न कोई
Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 30 Dec 2024 01:02 AM
कर्तव्य पालन से बड़ा न कोई धर्म है और न कोई पूजा। कर्तव्य परायणता सर्वोपरि सद्गुण है। मनुष्य को अपने किए अच्छे और बुरे कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है। उक्त बातें चौक बाजार स्थित नई दुर्गा मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने श्रीकृष्ण लीला का प्रसंग सुनाया। इस अवसर पर बालकृष्ण की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई।
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