दान का बड़ा महत्व है: अर्जुन कृष्ण शास्त्री
पीरपैंती। निज प्रतिनिधि दान का जीवन में बहुत ही महत्व है। कुछ लोग दान करते
पीरपैंती। निज प्रतिनिधि
दान का जीवन में बहुत ही महत्व है। कुछ लोग दान करते हैं ताकि उनका नाम हो जबकि कुछ लोग दान करते तो हैं परंतु किसी को बताते नहीं। क्योंकि वे आस्था से भक्ति से निःस्वार्थ दान करते हैं। अतः दान करें तो खुशी से हर्षोल्लास से क्योंकि यही पाप भी है, यही पुण्य भी है। उक्त बातें अराजी मधुबन में चल रहे नौ दिवसीय शक्ति महायज्ञ में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक अर्जुन कृष्ण शास्त्री ने कही।
उन्होंने कहा कि पाप ही पुण्य है तथा पुण्य ही पाप है। कभी-कभी पुण्य भी पाप बन जाता है। जिस प्रकार हिरण्य कश्यप दान करता था परंतु दुराचार के लिए। वह दान भी पाप बन गया। जबकि उसका पुत्र भक्त प्रह्लाद भी दान करता था। अपने हिस्से की चीजें भी दान कर देता था परंतु वह खुश था। उत्साहित व प्रफुल्लित था। अतः दान करें तो खुशी से करें, कल्याण के लिए करें।
शक्तिमहायज्ञ में उमड़ी भीड़
प्रखंड के अराजी मधुबन में चल रहे नौ दिवसीय शक्तिमहायज्ञ में श्रद्धालु नर नारियों की भीड़ उमड़ती जा रही है। खासकर सुबह बड़ी संख्या में पुरुष महिलाएं यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। जबकि यज्ञाचार्य बाल संत त्यागी बाबा के नेतृत्व में 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा हवन पूजन कराया जा रहा है। त्यागी बाबा ने बताया कि यज्ञ में 27 जोड़ी हवन पूजन कर रहे हैं। इनमे कई बुजुर्ग दम्पती भी हैं। इसके अलावा भव्य तरीके से संध्या आरती भी हो रही है। दूसरी तरफ लोग मेले का भी आनंद ले रहे हैं।
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