सुपौल : कहीं जबरन शिक्षक को बुलाया तो कई जगह बंद रहा स्कूल
सुपौल में शिक्षा विभाग की आपसी तालमेल की कमी के कारण सोमवार को छुट्टी रद्द के आदेश का पालन भिन्न-भिन्न तरीके से हुआ। बुद्ध पूर्णिमा के दिन अधिकांश स्कूल बंद रहे, जबकि कुछ स्थानों पर जबरन स्कूल खोले...

सुपौल। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि अपने अजूबे करनामे और आपसी तालमेल की कमी को लेकर जिले शिक्षा विभाग अक्सर चर्चा में रहता है। सोमवार को एक बार फिर हिन्दुस्तान पाक युद्ध की परिस्थिति में छुट्टी रद्द के आदेश का जिले में अलग-अलग तरीके से पालन हुआ। बुद्ध पूर्णिमा को लेकर जिले के अधिकांश प्रखंड में स्कूल बंद रहा तो मरौना में बीईओ ने जबरन शिक्षकों से स्कूल खुलवाया। इसके अलावा कई जगह एचएम ने भी आपसी तालमेल के अभाव में स्कूल खुला रखा। मजे की बात तो यह है कि आदेश को लेकर जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारियों में भी अलग-अलग जानकारी थी।
सूत्रों की मानें तो इसका मुख्य कारण आदेश स्पष्ट नहीं होना और आदेश लेट से जारी होना है। बताया जा रहा जिला स्तर से 9 को ही छुट्टी रद्द का आदेश जारी कर दिया गया था लेकिन शिक्षा विभाग से रविवार को वाट्सअप के माध्यम से आदेश जारी हुआ। इसकी वजह से अधिकांश जगहों पर स्कूल बंद रहा तो मरौना सहित कई जगह स्कूल खुला रहा। सिर्फ सीएल रद्द होने का कोई औचित्य नहीं, इसलिए खुला स्कूल: बीईओ राम प्रसाद यादव ने बताया कि विभाग से जारी आदेश के आलोक में स्कूलों का ऑफिस खुला रखा गया है। सिर्फ सीएल या शिक्षक व्यक्तिगत अवकाश के लिए यह लागू नहीं बल्कि सार्वजनिक छुट्टी भी रद्द किया गया है। अगर जिला शिक्षा पदाधिकारी स्कूल बंद रहने की बात कह रहे है तो सिर्फ सीएल रद्द होने का कोई औचित्य नहीं है। डीपीओ स्थापना से पत्र जारी कर स्कूल खुला रखने को कहा गया है। हालांकि डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी का भी कुछ ऐसा ही कहना था। इस सब के बीच पूरे दिन शिक्षक मानसिक रूप से परेशान रहे। सार्वजनिक अवकाश के लिए आदेश नहीं है लागू: डीईओ संग्राम सिंह ने बताया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध की परिस्थिति को देखते हुए छुट्टी रद्द किया गया। यह आदेश सार्वजनिक अवकाश आदेश के लिए लागू नहीं है। सिर्फ सीएल जैसे शिक्षक के व्यक्तिगत छुट्टी रद्द किया गया है। इसलिए स्कूल बंद रहना चाहिए।
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