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बोले जमुई : कॉलेज दूर होने से छूट जाती है पढ़ाई, प्रखंड में हो व्यवस्था

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड में कोई डिग्री महाविद्यालय नहीं है, जिससे छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के इंटर पास करने वाले 50% से अधिक छात्राएं...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 17 April 2025 11:42 PM
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बोले जमुई : कॉलेज दूर होने से छूट जाती है पढ़ाई, प्रखंड में हो व्यवस्था

जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड में कोई डिग्री महाविद्यालय नहीं है। इससे इलाके के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आज के समय में उच्च शिक्षा आवश्यक है। हाई स्कूलों में प्लस टू की व्यवस्था होने के बाद छात्र-छात्राओं को राहत मिली है। लेकिन डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है। प्रखंड में एक आईटीआई और एक जीएनएम कॉलेज है। इसमें प्रवेश परीक्षा पास होने पर छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है। वहीं डिग्री महाविद्यालय नहीं रहने से इंटर पास करने के बाद यहां के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के कॉलेज में नामांकन करवाना पड़ता है या फिर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। आठ पंचायत वाले गिद्धौर प्रखंड में उच्च शिक्षा केंद्र की स्थापना की पहल नहीं की गई है। गिद्धौर के युवाओं ने संवाद के दौरान अपनी समस्या बताई।

02 लाख की आबादी वाले प्रखंड में नहीं है एक भी कॉलेज

05 हजार से ज्यादा छात्र यहां से इंटर की परीक्षा करते हैं पास

50 फीसदी छात्राएं कॉलेज नहीं होने से छोड़ देती हैं आगे की पढ़ाई

गिद्धौर प्रखंड की आबादी दो लाख के करीब है लेकिन यहां डिग्री कॉलेज की स्थापना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई है। गिद्धौर प्रखंड में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं रहने की कसक हर वर्ग में है। संपन्न घराने की बेटियां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जमुई, झाझा सहित अन्य जगहों में जाकर नामांकन करा लेती हैं। लेकिन मध्यम व गरीब वर्ग की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। डिग्री कॉलेज होने से गिद्धौर में भी शिक्षा की दर बढ़ेगी। सरकार के प्रयास से सभी हाई स्कूल को प्लस टू का दर्जा मिल गया है। प्लस टू के दर्जा मिलने से बेटियां इंटर तक की पढ़ाई तो कर लेती हैं, परन्तु डिग्री करने के लिए उन्हें प्रखंड से बाहर का रास्ता देखना पड़ता है। ऐसे में 50 फीसदी से ज्यादा छात्राएं इंटर के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं। लड़कियों को उच्च और उच्चतर शिक्षा पाने में कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।

सभी हाईस्कूलों में इंटर तक होती है पढ़ाई :

शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी हाई स्कूल में प्लस टू की व्यवस्था की गई है। हाई स्कूल में प्लस टू की व्यवस्था होने से लड़कियों में पढ़ने की ललक बढ़ी है। सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ लेकर लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई घर में रहकर पूरी कर लेती हैं, लेकिन ग्रेजुएशन की पढ़ाई गरीब परिवार के छात्र-छात्राओं के लिए मुश्किल हो रही है। गिद्धौर में कुल 66 प्राइमरी व मिडिल स्कूल है। सभी पंचायतों में एक प्लस टू हाई स्कूल भी मौजूद हैं, लेकिन डिग्री कॉलेज एक भी नहीं है। गिद्धौर में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से इंटर के बाद आधे से अधिक छात्राएं ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती है। लड़के तो बाहर जाकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, लेकिन लड़कियों को ग्रेजुएशन करना मुश्किल भरा काम हो जाता है। अभिभावक चाह कर भी अपनी बिटिया को बड़े शहरों में पढ़ाने से परहेज करते हैं। पैसे और सुरक्षा की समस्या होती है। सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, बावजूद इलाके में उच्चतर शिक्षा के प्रति किसी राजनेता ने पहल नहीं की है।

अभिभावकों का मानना है कि इस बार सरकार द्वारा पेश बजट में ब्लॉक स्तर पर डिग्री कॉलेज खोलने की बात कही गई है । ऐसे में अगर गिद्धौर में डिग्री कॉलेज खुल जाएगा तो आने वाले समय में यहां की छात्राएं भी ऊंची उड़ान भरने में कामयाब होंगी। वर्तमान में मध्यम वर्ग के परिवार को अपनी लाडली बेटियां को पढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बदलते दौर में शिक्षा की प्रति बढ़ी ललक बेटियों में भी कुछ करने को प्रोत्साहित करती है। सरकार ने भी पढ़ेगी बिटिया तो बढ़ेगी बिटिया का स्लोगन दिया है। इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।

शिकायत

प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

डिग्री कॉलेज के नहीं होने से युवाओं का समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बर्बादी होती है।

विशेषकर लड़कियों को इस स्थिति में और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

स्नातक करने के लिए 20 किलोमीटर दूर जमुई जाकर पढ़ाई करनी पड़ती है। खर्चा बढ़ जाता है।

सुझाव

गिद्धौर में कम से कम एक डिग्री कॉलेज की स्थापना होनी चाहिए।

डिग्री कॉलेज होने से छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

डिग्री कॉलेज होने से उनके पास आगे की पढ़ाई के लिए पर्याप्त अवसर होंगे।

डिग्री कॉलेज होने से क्षेत्र का शैक्षिक और आर्थिक विकास होगा।

सुनें हमारी बात

गिद्धौर में डिग्री कॉलेज की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। जिससे उनका समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बर्बादी होती है। विशेषकर लड़कियों को इस स्थिति में और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

- काजल कुमारी

गिद्धौर में डिग्री कॉलेज की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। जिससे क्षेत्र के नौनिहालों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हो सकें और उनका भविष्य निर्माण हो सके।

-सुशांत साईं सुंदरम, अध्यक्ष, मिलेनियम स्टार फाउंडेशन

प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

- राहुल कुमार

उच्च शिक्षा के लिये गिद्धौर में कॉलेज नहीं रहने से जिले व अन्य जगहों पर जाकर एडमिशन कराना पड़ता है।

- नीरज कुमार

स्नातक करने के लिए महाविद्यालय नहीं रहने के कारण 20 किलोमीटर दूर जमुई जाकर पढ़ाई करनी पड़ती है। जिससे पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाता है।

-राजेश कुमार

प्रखंड में डिग्री कॉलेज की स्थापना नितांत आवश्यक है। इससे उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सहूलियत होगी।

- निशांत कुमार

डिग्री कॉलेज नहीं होने से एडमिशन के लिए 15 किलोमीटर दूर दूसरे प्रखंड में जाना होता है। इससे समय की काफी ज्यादा बर्बादी होती है।

-रूपेश कुमार

उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज होने से इस इलाके के छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास होगा। उनके पास आगे की पढ़ाई के लिए पर्याप्त अवसर होंगे।

-सचिन कुमार

डिग्री महाविद्यालय नहीं होने से दूसरी जगह नामांकन कराने में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं नियमित कॉलेज नहीं कर पाते हैं।

-पवन कुमार

डिग्री कॉलेज नहीं होने से छात्र नियमित कॉलेज नहीं कर पाते हैं। इससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

-जगमोहन कुमार

अगर हमारे प्रखंड में डिग्री कॉलेज हो जायेगा तो हम लोगों को उच्च शिक्षा में बेहतर विकल्प प्राप्त होंगे।

- अमित कुमार

प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं होने से पढ़ाई में आर्थिक समस्या आती है। परिवार पर खर्चा बढ़ जाता है।

- बंटी कुमार

प्रखंड में महाविद्यालय होने से उच्च शिक्षा से वंचित सभी छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत होगी। परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

- अजय कुमार

डिग्री कॉलेज नहीं होने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में समय की ज्यादा बर्बादी होती है व पढ़ाई में समय कम मिल पाता है।

- राहुल कुमार

गिद्धौर में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण लड़कियां पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर हैं। अभिभावक दूर शहरों में भेजने से कतराते हैं। गिद्धौर में डिग्री कॉलेज की स्थापना जरूरी है।

- बबली कुमारी

अगले वर्ष मैं 12वीं बोर्ड की परीक्षा दूंगी। लेकिन इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए कहीं बाहर ही एडमिशन लेना होगा। अगर गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में ही डिग्री कॉलेज होता तो रेगुलर क्लास करने में सहूलियत होती।

-पलक कुमारी

बोले जिम्मेदार

गिद्धौर में डिग्री कॉलेज के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कॉलेज के लिए कई मानदंडों को पूरा करना होता है। इस इलाके में कॉलेज की स्थापना के लिए मुंगेर विश्वविद्यालय से भी बात की जाएगी। हमारा प्रयास है कि यहां कम से कम ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए कॉलेज की स्थापना हो जाए। इससे इलाके के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना होगा।

-दामोदर रावत, विधायक, झाझा

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