नये साल का स्वागत के साथ रामकथा पूरी
बूढ़ानाथ में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा का हुआ समापन रात में फूलों की
भागलपुर, वरीय संवाददाता। मानस सत्संग सद्भावना समिति की ओर बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा का समापन मंगलवार को हो गया। इस दौरान विभिन्न समुदाय के लोग मौजूद थे। रात में फूलों की होली के साथ नये साल का स्वागत किया गया। जगदगुरु कन्नौज पीठाधीश्वर अतुलेशानंद ने कहा कि गरूड़ जी की देन आज चारों कुम्भ है। असुरों से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अमृत का पात्र अपने वाहन गरूड़ को दे दिया। असुरों ने जब देखा कि अमृत गरूड़ से पास है, तो वह इसे छीनने का प्रयास करने लगे। इस छीना-झपटी में अमृत की कुछ बूंदें धरती की चार जगहों पर यानी प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। जहां-जहां यह बूंदे गिरी थीं वहां कुंभ मेले का आयोजन होता है।
रघुनंदन ठाकुर ने कहा कि जीवन में सुख-दुख और लाभ हानि जीवन मरण सब प्रभु के हाथ में है। मध्य प्रदेश आए कथावाचक रामेश्वर उपाध्याय ने कहा कि हनुमान जी को जगाने के लिए उन्हें उनकी शक्ति का अहसास दिलाना पड़ता है। तभी वो कृपा करते हैं। वाराणसी की नीलम शास्त्री ने कहा कि जहां स्त्री का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास है। इस मौके पर गीत गायक सुनील मिश्रा, बालमुकुंद, सुष्मिता और रुद्रानी ने भजन सुनाया। मौके पर सद्भावना समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय प्रसाद सिंह ने समिति के सभी पदाधिकारी को सम्मानित किया। मंच संचालन प्रमोद मिश्रा ने किया। महेश राय, अमरेंद्र कुमार सिन्हा, सुनील चटर्जी, हरिकिशोर सिंह कर्ण, रत्नाकर झा, अरुण शुक्ला आदि मौजूद थे।
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