पुलिसलाइन डीएसपी और एसोसिएशन के अध्यक्ष का बयान दर्ज
पुलिसलाइन में हुई घटनाओं की सीआईडी जांच पूरी, लौटी टीम तीनों घटनाओं में
भागलपुर, वरीय संवाददाता। पुलिसलाइन में हुई घटनाओं और हो रही गड़बड़ी की जांच पूरी हो गई है। सीआईडी की टीम ने पुलिसलाइन डीएसपी संजीव कुमार और पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक कुमार का भी बयान दर्ज किया है। इससे पहले इशाकचक थाना के वर्तमान और पूर्व थानेदार सह इंस्पेक्टर का भी बयान लिया गया। जांच पूरी होने के बाद सीआईडी की टीम शुक्रवार को पटना वापस लौट गई। जांच टीम अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। डीजीपी विनय कुमार के निर्देश पर सीआईडी की टीम जांच के लिए पहुंची थी। टीम का नेतृत्व सीआईडी के एसपी मो. कासिम कर रहे थे जबकि उस टीम में सीआईडी में एएसपी दीक्षा, डीएसपी राम निवास, इंस्पेक्टर सुनील कुमार द्विवेदी और सिपाही सुभाष कुमार शामिल थे।
सीआईडी के सवालों का जवाब देने में छूटे पसीने
सीआईडी की टीम ने पुलिसलाइन के परिवहन शाखा के सार्जेंट अभिषेक की आत्महत्या, उसके परिजनों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप, उस घटना के कुछ ही महीने बाद उसी परिवहन शाखा में आग लगने और उसमें सारे दस्तावेज और कंप्यूटर के जलकर राख होने के साथ ही पुलिसलाइन के सिपाही क्वार्टर में महिला सिपाही नीतू सहित उसके परिवार के पांच सदस्यों का एक साथ शव बरामद होने की घटनाओं की जांच की। सीआईडी की टीम ने उक्त घटनाओं को लेकर पुलिसलाइन डीएसपी से जानकारी ली और उनसे कई सवाल भी पूछे। सार्जेंट के आत्महत्या के बाद उसी शाखा के मुंशी पर मृतक के परिवार वालों ने गंभीर आरोप लगाए थे और बताया था कि वह मुंशी सीनियर अधिकारी के इशारे पर सार्जेंट को प्रताड़ित कर रहा था। परिवहन शाखा में आग लगने को लेकर पूछे गए सवालों पर भी डीएसपी ठीक से जवाब नहीं दे सके।
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सर के बॉडीगार्ड के कारनामे, अधिकार क्षेत्र से बाहर थानों में जाकर अवैध वसूली की भी शिकायत
सीआईडी की टीम जांच को पहुंची तो कई अन्य मामले भी सामने आ गए। पुलिसलाइन में होने वाली अनियमितता से लेकर पुलिसलाइन के सर के बॉडीगार्ड तक की चर्चा हुई। बताया गया कि सर के एक खास बॉडीगार्ड भी सर से कम नहीं थे। कई तरह की व्यवस्था करना उसी बॉडीगार्ड का काम था। टीम से यह भी शिकायत की गई है कि सर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर थाना पहुंच जाते थे। वहां दारोगा और जमादार ही नहीं थानेदार को भी धमकाते थे। खुद ट्रकों को पकड़कर अवैध वसूली में जुट जाते थे। इस तरह की शिकायत भी की गई।
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सर, हमलोग क्या बोलते, समकक्ष अधिकारी से भी वे कहते थे, मेरा कौन क्या बिगाड़ लेगा
पुलिसलाइन में घटित घटनाओं की जांच के लिए पहुंची सीआईडी की टीम के समक्ष कई तरह की शिकायत लेकर पुलिसकर्मी पहुंच रहे थे। पुलिसलाइन में ड्यूटी लगाने में भेदभाव, वित्तीय अनियमितता और खास पुलिस वालों को टारगेट कर उनके साथ दुर्व्यवहार की बात भी टीम को बताई गई है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे डर की वजह से कुछ नहीं बोलते थे। पुलिसलाइन के सर को जब उनके समकक्ष वरीय अधिकारी कुछ बोलते थे तो वे साफ कहते थे कि, उनका कौन क्या बिगाड़ लेगा। जांच के बाद उन पुलिसकर्मियों को सच्चाई सामने आने और इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है।
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