बाढ़ के कारण नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव कराना प्रशासन के लिए चुनौती
जिले में आई बाढ़ के चलते नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। लगातार बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर चुनाव तैयारी पर दिखने लगा है। नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के...
जिले में आई बाढ़ के चलते नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। लगातार बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर चुनाव तैयारी पर दिखने लगा है। नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले तीनों प्रखंड बाढ़ से बूरी तरह प्रभावित हैं।
नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत नाथनगर, सबौर और जगदीशपुर प्रखंड आते हैं। इसमें से सबौर और नाथनगर प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। 20 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हजारों की संख्या में लोग राहत शिविर या दूसरी जगहों पर शरण लिए हुए हैं। नाथनगर प्रखंड की पांच पंचायतें पूर्ण और चार आंशिक तथा सबौर प्रखंड की आठ पंचायतें पूर्ण और तीन पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हैं। दर्जनों मतदान केन्द्रों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। विधि व्यवस्था बनाए रखने, आदर्श आचार संहिता की निगरानी करने और मतदाताओं को धमकाने वालों की पहचान कर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा मतदान केन्द्रों पर मुलभूत सुविधाओं का भौतिक सत्यापन करना है। मतदान 21 अक्टूबर को है। लगातार हो रही बारिश और गंगा के जलस्तर को देखते हुए कहना मुश्किल है कि राहत शिविरों या अन्य जगहों पर रहने वाले लोग कब तक वापस घर लौटेंगे। ऐसे में चुनाव की तैयारी पूरी करना आसान नहीं होगा। प्रत्याशियों को प्रचार करने में भी परेशानी होगी। अधिकांश इलाका पानी में डूबा हुआ है।
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