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जमुई: गार्ड ने मरीज को अस्पताल में घुसने से रोका

चकाई रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और गार्ड की दबंगई के कारण मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले मंगलवार को एक पत्रकार को अपने बीमार नाती को दिखाने में मुश्किल का सामना...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 1 Jan 2025 05:40 PM
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चकाई, निज संवाददाता। फिलवक्त दबंग गार्ड के लालफीताशाही के कारण चकाई रेफरल अस्पताल कुब्यवस्थाओं की भेंट चढ़ चुका है। कभी डॉक्टर ड्यूटी के दौरान गायब रहते हैं। तो कभी एम्बुलेंस के अभाव में बीमार मरीज दंम तोड़ने को बिबस हैं।कभी ओपीडी अक्सर बंद मिलता है जिस कारण मरीज अक्सर रहते हैं।अक्सर रात के समय ओपीडी बंद रहता हैं जिस कारण मरीज को दवा मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।अगर मरीज प्रखंड के दूर दराज गांव से साढ़े 12 बजे के बाद पहुंचा तो उसे यह कहकर बेरंग वापस लौटा दिया जाता है कि आज डॉक्टर साहब जा चुके है। समय खत्म हो चुका है।अब केवल इमरजेंसी केश वाले मरीज का ही ईलाज हो सकेगा आप दूसरे दिन आना. ये हाल है चकाई रेफरल अस्पताल का इसी तरह कि एक वाकया बीते मंगलवार 31 दिसंबर की रात साढ़े सात बजे हुआ।जहां चकाई प्रखंड के बरिष्ठ पत्रकार जयकुमार शुक्ला अपने नाती प्रिंस कुमार 4वर्ष को दिखाने हेतु रेफरल अस्पताल पहुंचे।बच्चे को काफी उल्टी हो रही थी। इस बीच अस्पताल का गार्ड ने उन्हें गेट पर ही रोककर उनका परिचय और आने का कारण पूछने लगा।जब उन्होंने बताया कि उन्हें डॉक्टर से बच्चे को दिखाना है तो उसने उन्हें यह कहकर अंदर जाने से मना कर दिया कि सुरक्षा की दृस्टि से पूछताछ जरूरी है। वहीं इस बीच ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर जितेंद्र कुमार आ पहुंचे और पत्रकार से कहा आप गार्ड से बहस क्यों कर रहे हैं।कथित पत्रकार ने उन्हें सारी बात बताई और बच्चे का अविलम्ब ईलाज करने का अनुरोध किया।इस बीच बच्चे का तबियत और खराब हो गया और वह अस्पताल के गेट पर ही उल्टी करने लगा। मगर डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने यह कहकर बच्चे का ईलाज करने से इंकार कर दिया कि आपने हमारे गार्ड से बहस क्यों किया मैं ईलाज नही करूंगा।काफी अनुरोध के बावजूद भी डॉक्टर ईलाज करने. के लिए तैयार नही हुए और यह कहकर वहां से चले गये कि जो लिखना है लिख देना मैं पत्रकार से नही डरता।अंत में विवश होकर पत्रकार द्वारा डॉक्टर बाजपेई के निजी क्लिनिक में बच्चे को भर्ती कराना पड़ा जहां उसका इलाज किया गया। वहीं जब पत्रकार द्वारा इस बारे में प्रभारी चिकित्सक एस के दास जो अस्पताल में उपलब्ध नही थे उन्हें जब इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नही है पता करते है क्या बात हैऔर कौन चिकित्सक और गार्ड ड्यूटी पर थे।

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