सहरसा: मां सिद्धिदात्री की आराधना साथ चैती नवरात्र समाप्त
सहरसा में चैती नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने मां का दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण...

सहरसा, नगर संवाददाता । चैती नवरात्र के अंतिम दिन रविवार को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की अराधना हुई। सुबह से हीं श्रदालु मंदिर पहुंचकर मां दूर्गा का दर्शन किया। सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। इसके साथ ही चैती नवरात्र का समापन हो गया। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।मां सिद्धिदात्री नवदुर्गा का नौवां और अंतिम स्वरूप हैं। इनकी पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पर विराजमान हैं और इनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है। यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नाग, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिलता है।वहीं मां सिद्धिदात्री की अराधना के बाद लोगों ने कन्या पूजन करने के साथ ही व्रत समाप्त किया।30 मार्च को कलश स्थापना के साथ चैती नवरात्र की शुरुआत हुई थी। कलश स्थापना करने के साथ ही लगातार अलग-अलग दिनों में मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। चैती नवरात्र के दौरान ही एक अप्रैल से चार अप्रैल तक चार दिवसीय चैती छठ, वही रविवार छह अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया गया।चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूप की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों को शक्ति, समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
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