बच्चों की कौशल शिक्षा सुधारेगा हॉबी क्लब
अकादमिक ज्ञान, वास्तविक दुनिया के अनुभव की खाई पाटेगा सीबीएसई छठी से 12वीं तक में
भागलपुर, वरीय संवाददाता। हॉबी क्लब के माध्यम से अब बच्चों की कौशल शिक्षा सुधारने की पहल की जाएगी। हॉबी क्लब के माध्यम से छात्र-छात्राएं अलग-अलग कौशल शिक्षा (वोकेशनल कोर्स) का चयन कर सकेंगे। साथ ही छात्रों की जो भी हॉबी होगी, वह उनके अनुसार वोकेशनल कोर्स का चयन करेंगे। इसको लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कौशल शिक्षा निदेशक डॉ बिस्वजीत साहा ने संबद्ध सभी स्कूलों को निर्देश जारी किया है। बोर्ड की ओर से जारी इस निर्देश में स्कूलों को स्पष्ट तौर पर नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) ने संस्थानों और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच शिक्षा के प्रसार की बातें कही गई हैं। इस क्रम में स्कूली बच्चों को मिलने वाली कौशल शिक्षा के साथ-साथ लोगों को आजीवन शिक्षा व सीखने के लिए प्रावधान किया गया है। इस प्रक्रिया को लेकर देशभर के सभी जिलों में सीबीएसई की ओर से डिस्ट्रिक्ट स्किल को-ऑर्डिनेटर (डीएससी) की तैनाती की जाएगी। ये डीएससी स्कूलों का सहयोग करने और उन्हें गाइड करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विद्यार्थियों में कौशल शिक्षा के प्रति रुचि जगाने की पहल
दरअसल, इस हॉबी क्लब के माध्यम से सीबीएसई बोर्ड ने संबद्ध स्कूलों के विद्यार्थियों में कौशल शिक्षा के प्रति रुचि जगाने की पहल की है। बोर्ड का कहना है कि पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा से छात्रों को किताबी ज्ञान मिलेगा, लेकिन वास्तविक ज्ञान के लिए उन्हें कौशल शिक्षा की जरूरत होगी। साथ ही बोर्ड ने कहा है कि इस योजना के माध्यम से बच्चों में अकादमिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के अनुभव के बीच की खाई को सीबीएसई पाट सकेगा। वहीं स्कूलों में पढ़ने वाले छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राों को इस पूरी योजना का लाभ मिलेगा। इस क्रम में विद्यार्थी एक शैक्षणिक सत्र में एक या एक से ज्यादा कौशल शिक्षा के मॉड्यूल का चयन कर सकेंगे। मॉड्यूल का चयन करने के बाद उन्हें संबंधित विषयों की व्यावहारिक पढ़ाई कराई जाएगी।
मॉड्यूल आधारित कोर्स चुनेंगे छात्र, कौशल शिक्षा मिलेगी
स्कूलों में हॉबी क्लब के माध्यम से मॉड्यूल आधारित कोर्स चयन करने के बाद बच्चों को कौशल व व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। उनकी इस पढ़ाई का मूल्यांकन प्रोजेक्ट और स्कूल आधारित होगा। जबकि उनके लिए अलग से एक पोर्टल का निर्माण भी कराया जाएगा। साथ ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण कौशल शिक्षा प्रदान कराए जाने को लेकर बोर्ड की ओर से स्कूलों के प्राचार्यों तथा स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का भी संचालन किया जाएगा। साथ ही शिक्षकों के लिए क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके अलावा छात्रों के लिए विषय संवर्धन गतिविधियों का संचालन होगा। इस कार्यक्रम के तहत छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए कुल 34 तरह के स्किल मॉड्यूल उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि नौवीं और दसवीं कक्षा के बच्चों के लिए 22 तरह के कौशल विषयों को उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा प्लस टू स्तर पर 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 43 तरह के कौशल विषयों का संचालन किया जा रहा है।
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