12 से मार्शल आर्ट सीखेंगी कस्तूरबा की छात्राएं
बीईपीसी की ओर से भागलपुर के 16 समेत प्रदेश के 440 केजीबीवी में चलेगा प्रशिक्षण
भागलपुर, वरीय संवाददाता। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) की ओर से भागलपुर के 16 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) समेत प्रदेश के 440 केजीबीवी (शैक्षणिक सत्र 2024-25) की छात्राओं को मार्शल आर्ट सिखाया जाएगा। इनमें टाइप 1 और टाइप 3 के केजीबीवी की छात्राएं शामिल होंगी। प्रशिक्षण को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा नाम दिया गया है। छात्राओं के लिए यह प्रशिक्षण दो चरण में आयोजित होगा। पहला चरण 12 से 17 दिसंबर तथा दूसरा चरण 21 दिसंबर से 25 जनवरी 2025 तक चलेगा। जिले में इसकी शुरुआत 12 नवंबर से होगी। प्रशिक्षण कुल 36 दिनों का होगा। छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए पूरे प्रदेश में 220 ब्लैक बेल्टधारी ट्रेनर नियुक्त हुए हैं। जिले में छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षकों ने मंगलवार को योगदान दे दिया। इस बाबत संभाग प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। छात्राओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास जगाने के उद्देश्य उन्हें मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिये जाने की विभागीय योजना है।
छात्राओं से अनियमितता या दुर्व्यवहार की शिकायत पर कार्रवाई
प्रशिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी प्रशिक्षण प्राप्त बालिकाओं की विस्तृत विवरणी 20वें दिन आवंटित जिला कार्यालय में समर्पित कर देंगे। पूरी ट्रेनिंग 36 दिनों की होगी। प्रशिक्षक को रोजाना उपस्थिति पंजी पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। उपस्थिति पंजी विद्यालय के वार्डन के संरक्षण में छात्रावास में रहेगी। 36वें दिन प्रशिक्षण देने का काम खुद समाप्त हो जाएगा। इसको लेकर बिहार शिक्षा परियोजना ने कहा है कि प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं के साथ किसी प्रकार की अनियमितता या दुर्व्यवहार आदि की शिकायत मिलने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिले के 16 विद्यालयों में 12 से शुरू होगी छात्राओं की ट्रेनिंग
भागलपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित 25 में से 16 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में इस प्रशिक्षण की शुरुआत 12 नवंबर से होगी। इनमें टाइप 1 और टाइप 3 के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शामिल हैं। जिला शिक्षा विभाग कार्यालय के अनुसार प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रशिक्षित छात्राओं को येलो बेल्ट प्रदान किया जाएगा। इस पर होने वाला खर्च शिक्षा विभाग वहन करेगा।
कोट-----
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नारी सशक्तीकरण बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण से छात्राएं आत्मरक्षा के गुर सीखेंगी। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- डॉ. जमाल मुस्तफा, डीपीओ (एसएसए)
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