छह जिलों के डॉक्टरों ने जाना मौत के बाद कैसे भरें एमसीएसडी फार्म
मायागंज अस्पताल के पीजी शिशु रोग विभाग में आयोजित हुई एमसीसीडी एंड आईसीडी कोडिंग संबंधी
भागलपुर, वरीय संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीएसएम (प्रिवेंशिव ऑफ सोशल मेडिसिन) विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. अहमद नदीम असलमी ने कहा कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में मौत के बाद मौत के कारणों को बताने वाले फार्म (फार्म-4) यानी एमसीसीडी (मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ डेथ ऑफ कॉज) एंड आईसीडी-10 भरा जा रहा है। लेकिन इन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ज्यादातर डॉक्टर इस फार्म को भरने में कोई खास रुचि नहीं रख रहे हैं। जबकि इसे हर हाल में हरेक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को भरना होगा। एक जनवरी 2025 से तो बिहार के हरेक पीएचसी-सीएचसी से लेकर अनुमंडलीय, रेफरल व सदर अस्पताल के डॉक्टरों तक को एमसीसीडी फार्म भरना होगा। डॉ. असलमी, मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) द्वारा पीजी शिशु रोग विभाग के सेमिनार हाल में एमसीसीडी एंड आईसीडी कोडिंग को लेकर आयोजित कार्यशाला को बतौर मास्टर ट्रेनर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर बतौर मास्टर ट्रेनर छह जिले (भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, बांका, जमुई व बेगूसराय) के 50 डॉक्टरों को एमसीसीडी फार्म भरने व आईसीडी कोडिंग जानने का तरीका बताया। उन्होंने बताया कि अब तक मरीज की मौत के कारण चिकित्सक में सीआरएफ यानी क्रॉनिक रेनल फेलियर, एएलएफ यानी एक्यूट लीवर फेलियर, सडेन कॉर्डियक अरेस्ट लिखते थे। लेकिन अब ये नहीं चलेगा। अब चिकित्सक को बताना होगा कि मरीज की मौत की वजह कौन सी बीमारी थी। इन डॉक्टरों को बतौर मास्टर ट्रेनर डॉ. रवि आनंद, डॉ. गणेश व डॉ. स्नेहा भूषण ने भी प्रशिक्षित किया। ट्रेनिंग के आरंभ में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह जन्म-मृत्यु भागलपुर के रजिस्ट्रार मृत्युंजय कुमार, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एचपी दुबे, मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजकमल चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीजी शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंकुर प्रियदर्शी व आगतों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार भगत ने किया। इस मौके पर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह, पीजी शिशु रोग विभाग के डॉ. राकेश कुमार, डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ. सौरभ आदि की मौजूदगी रही।
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