‘लिट्टी-चोखा समेत एक दर्जन उत्पादों को मिलेगा जीआई टैग
फोटो है : बीएयू में कुलपति ने की कार्य प्रगति की समीक्षा वर्ष 2025
भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर द्वारा 2024 के अंतिम माह तक बिहार की प्रसिद्ध ‘लिट्टी चोखा को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दिलाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। साथ ही अगले वर्ष 2025 के अंतिम माह तक बीएयू द्वारा अन्य 14-15 उत्पादों को भी जीआई टैग दिलाया जाएगा। शनिवार को कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित जीआई आवेदनों की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह लक्ष्य तय किया गया है, ताकि पहले से वैज्ञानिक इसके लिए तैयार रहें। समीक्षा के दौरान कुलपति ने प्रत्येक लक्षित उत्पाद की प्रगति का आकलन किया। साथ ही उपस्थित वैज्ञानिकों को अपने प्रयासों को तेज करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बिहार के विशिष्ट उत्पादों की सुरक्षा और प्रचार के लिए जीआई मान्यता की आवश्यकता पर जोर दिया। जीआई आवेदन प्रक्रिया को सुगम और तेज करने के प्रयास में कुलपति ने बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती) अधिकारी रंजीत के साथ बातचीत की। साथ ही उनसे इन आवेदनों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सरकारी अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया।
बैठक का समापन बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. एके सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। बैठक में बीएयू की अनुसंधान उप निदेशक डॉ. सैलबाला देई और बामेती के रंजीत कुमार ने शिरकत की। रंजीत कुमार ऑनलाइन माध्यम से बैठक से जुड़े थे।
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