मैथिली को शास्त्रीय भाषा बनाने के अनुरोध को ठहराया अनुचित
भागलपुर के प्रो. (डॉ) लखन लाल सिंह आरोही ने बिहार सरकार द्वारा मैथिली भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में अधिसूचित करने के निर्णय को अनुचित और पक्षपातपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मैथिली, अन्य भाषाओं...
भागलपुर, वरीय संवाददाता मैथिली भाषा को बिहार सरकार की ओर से शास्त्रीय भाषा के रूप में अधिसूचित करने को केन्द्र सरकार को अनुरोध भेजने को बिहार अंगिका अकादमी पटना के निवर्तमान अध्यक्ष प्रो. (डॉ) लखन लाल सिंह आरोही ने अनुचित और पक्षपातपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि बिहार की अन्य भाषाओं के समान मैथिली भी आधुनिक आर्य भाषा है, जो मगधी अपभ्रंश से विकसित हुई है। भारत की शास्त्रीय भाषा संस्कृत और तमिल के समान मैथिली प्राचीन भाषा नहीं है। पहले भी बिहार की अन्य भाषाओं अंगिका, मगही, भोजपुरी और बज्जिका की उपेक्षा कर बिहार सरकार ने मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची में दर्ज कराया है। सरकार का यह फैसला अनुचित है।
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