नवगछिया : कोसी नदी के पानी से कोसकीपुर सहौड़ा जलमग्न, घरों में कैद हुए लोग
कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद रंगरा प्रखंड के कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। प्रखंड के कोसकीपुर सहौड़ा के दो दर्जन से अधिक घरों में पानी घुसने से लोग घरों में कैद हो गए हैं। पीड़ितों के...
कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद रंगरा प्रखंड के कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। प्रखंड के कोसकीपुर सहौड़ा के दो दर्जन से अधिक घरों में पानी घुसने से लोग घरों में कैद हो गए हैं। पीड़ितों के सामने शौचालय, शुद्ध पेयजल, खाने-पीने, मिट्टी तेल एवं आने-जाने के लिए नाव की समस्या है। चापाकल पानी में डूब जाने के कारण लोग एक किमी दूर से पानी लेकर आते हैं। वहीं बांस की चचरी बनाकर शौच करते हैं। फिर बाढ़ के पानी को ही विभिन्न कार्य में उपयोग किये जाने से लोग बीमार भी पड़ने लगे हैं। वहीं सहौड़ा रेल लाइन की दोनों तरफ कई घरों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोगों ने रेल लाइन की पटरी पर शरण ली है। लोगों के सामने पॉलिथिन, राहत सामग्री, मिट्टी तेल, माचिस की समस्या उत्पन हो गई है। एसडीओ ने प्रभावित इलाके में जाकर पीड़ित परिवारों की समस्याओं को देखा। उन्होंने सीओ के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया और उसे प्रभावित इलाकों में हेलोजन टेबलेट के साथ भेजा गया। एसडीओ डा आदित्य प्रकाश ने बताया कि कोसकीपुर सहौड़ा में नाव के साथ-साथ सड़क के किनारे शौचालय, चापाकल लगाने का आदेश दिया गया है। कटरिया रेलवे स्टेशन पर भी चापाकल लगाने का निर्देश दिया गया है। टीम से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर पीड़ित परिवारों का आकलन कर रिपोर्ट मांगी गयी है। इसके आधार पर बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया जाएगा। - लेखापाल सह प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक से स्पष्टीकरण एसडीओ ने रंगरा चौक प्रखंड स्थित पीएचसी के लेखापाल सह प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक से आपदा कार्य में लापरवाही बरतने के लिए स्पष्टीकरण पूछा है। इसमें पूछा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलोजन टेबलेट उपलब्ध कराने के लिए किये गए पत्राचार के बावजूद इस संबंध में कार्रवाई नहीं की गयी एवं हेलोजन टेबलेट के भंडारण नहीं होने की सूचना से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी अवगत नहीं कराया गया तथा तथ्यों को छुपाया गया। प्रबंधक द्वारा आपदा के कार्यों में उदासीनता एवं लापरवाही बरतने पर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं एसडीओ ने लापवाही बरतने पर रंगरा अंचल के लिपिक से भी जवाब मांगा है। ------------------------------------------------कोसी का कहर : लोकमानपुर व भवनपुरा में मचा रही है तबाही फोटो17-08Kharik-1 ( लोकमानपुर में ड्रम के सहारे सुरक्षित स्थान जाते पीड़ित)।फोटो 17-08Kharik-2 (बाढ़ के पानी से जलमग्न हुआ लोगों का घर)।खरीक। संवाद सूत्रकोसी नदी उफान पर है। इस कारण लोकमानपुर एवं भवनपुरा पंचायत में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। लोकमानपुर एवं सिहकुन्ड गांव पानी से घिर गया है। इससे गांव टापू में तब्दील हो गया है। दोनों गांवों के करीब 450 घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। वहीं बाढ़ से 12 सौ से अधिक परिवार प्रभावित है। गांव में हाहाकार मचा हुआ है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने मध्य विद्यालय लोकमानपुर एवं सिहकुन्ड में राहत शिविर लगाया है। गुरुवार शाम तक लोकमानपुर में 22 एवं सिहकुन्ड में 15 परिवार शरण ले चुके थे। जहाँ सभी पीरीतो को दिन मे स्कूल की तरफ से भोजन कराया गया। ग्रामीणो ने बताया कि रात के भोजन एवं रोशनी का शिविर मे कोई व्यवस्था नही है । वही प्रशासन द्वारा पंचायत मे दो नाव उपलब्ध कराया गया है। अंचल कार्यालय के क्रमी ब्रजेश परैया ने यहाँ के स्थिति एवं तबाही का जायजा लिया। उन्होंने स्थिति को काफी भयावह बताया। पीरीतो की सूचि तैयार करने की प्रकिया जारी है की बात कही।भवनपुरा के तीन गांवों का मुख्यालय से संपर्क भंगभवनपुरा पंचायत के रतनपुरा, मैरचा एवं तिरासी टोला का प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क भंग हो गया है। इस पंचायत में अंचल कार्यालय द्वारा दो नाव की व्यवस्था की गई है। इन तीनों गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। घर में पानी घुसने के कारण रतनपुरा में 18 परिवार सड़क पर रह रहे हैं। मुखिया बंटी सिंह ने पीड़ित परिवारों की सूची प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध करा दी है। पंचायत के अधिकांश स्कूलों में भी पानी घुस गया है। गुरुवार को सीओ निलेश कुमार चौरसिया एवं विकास मित्र सुरेश राम ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। मेडिकल टीम भेजने का निर्देशबीडीओ संतोष कुमार मिश्र एवं सीओ ने पीएचसी प्रभारी को बाढ़ प्रभावित गांवों में मेडिकल टीम भेजने का निर्देश दिया है। वहीं पीड़ितों को मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही है।-----------------------------------------------जमीनदारी और बगजान बांध पर पानी का दबाव फोटो 17-08kharik-3(बगजान में तटबंध का निरीक्षण करते पूर्व विधायक)।खरीक। संवाद सूत्रकोसी नदी के पानी का दवाब ढोरिया-पीपरपांती में जमीनदारी तटबंध पर बना हुआ है। बांध के बराबर नदी का जलस्तर हो जाने से कई जगहों से रिसाव हो रहा है। सीओ निलेश कुमार चौरसिया अपनी निगरानी में एनसी बैग डलवाकर बांध को ऊंचा करवा रहे हैं ताकि बांध के दूसरी ओर पानी नहीं जाए। अगर पर्याप्त मात्रा में एनसी बैग बांध पर नहीं डाला गया तो किसी भी समय बांध ध्वस्त हो सकता है। वहीं यह बांध टूटने पर कई दर्जन गांव जलमग्न हो जाएंगे एवं पानी रेल लाइन तक पहुंच जाएगा। फसल भी डूब जाएगी। वहीं, खरीक एवं बिहपुर प्रखंड की सीमा पर स्थित बगजान बांध पर भी स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। बांध के बराबर नदी का जलस्तर हो गया है। कहीं-कहीं रिसाव भी हो रहा है। वहीं पूर्व विधायक ई. शैलेन्द्र ने बागजान समेत कई जगहों पर तटबंध का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थिति को भयावह बताते हुए पदाधिकारी से कटावरोधी कार्य एवं लोगों को हरसंभव मदद करने को कहा।
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