सड़क चौड़ीकरण के कारण एक वर्ष से पेयजल बाधित
मजबूरी में अधिकांश लोग निजी घरों और मंदिर परिसर में लगे समर्सिबल के पानी का
करीब तीन साल पहले अकबरनगर नगर पंचायत बना। उसमें करीब 33,000 की आबादी शामिल हुई। लेकिन अभी तक इतनी बड़ी आबादी के अधिकांश लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी तक नसीब नहीं हो पाया। मजबूरी में अधिकांश आबादी निजी घरों और मंदिर परिसर में लगे समर्सिबल के पानी का उपयोग कर रहे हैं। आर्थिक रूप से संपन्न लोगों ने या तो अपने घरों में समर्सिबल लगवा रखा है या डिब्बे का पानी खरीद कर पीते हैं। ऐसे में पानी पर 600 रुपये महीने खर्च करने को मजबूर हैं। लोगों को उम्मीद थी कि इन क्षेत्रों का शहर की तरह विकास होगा और पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। नपं के वार्ड एक से चार तक पेयजल की समस्या करीब एक वर्ष से है। जबकि श्रीरामपुर में अधिकांश लोगों के घर पानी पहुंचता ही नहीं है। जिनके घर पहुंचता है, उससे सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। यहां पर लोग हैंडपंप या फिर पड़ोसी के घर लगे निजी सबमर्सिबल से पानी लाकर काम चलाते हैं। कई जगहों पर पानी के लिए कनेक्शन तक नहीं है। लीकेज पाइप लाइन की वजह से घरों तक दूषित पानी पहुंचता है, जिसकी वजह से लोग बीमार पड़ते हैं। स्थानीय निवासी सुभाष, गोपाल, नीरज, सूरज, राजकुमार आदि ने बताया कि नगर पंचायत के श्रीरामपुर कोठी रसीदपुर, मुख्य बाजार, आलमगीरपुर सहित कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच रहा है। सड़क चौड़ीकरण को लेकर पेयजलापूर्ति बाधित है। अब सड़क चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो गया है फिर भी पानी के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
पीएचईडी के जेई विकास कुमार ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग ने पाइप को उखाड़ दिया है। जिसके कारण कुछ जगहों पर पेयजल की समस्या है। जिसने पाइप उखाड़ा है उन्हें ही बिछाकर सिफ्टिंग करना है। तभी शेष जगहों पर आपूर्ति शुरू होगी।
डीपीएम मानव कुमार ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के बाद जलापूर्ति चालू है। जहां पानी नहीं पहुंच रहा है वो पीएचईडी विभाग की लापरवाही है। पेयजल की समस्या पीएचईडी विभाग को ही देखनी है।
फोटो -अकबरनगर में पानी का इंतजार में ग्रामीण ।
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