पैथोलॉजी जांच में सबसे ज्यादा मिल रहे टाइफाइड के मरीज (पड़ताल/पेज चार की लीड खबर)
सदर अस्पताल के पैथोलॉजी जांच केंद्र में रोजाना 35-40 मरीज टाइफाइड बुखार की जांच कराने आ रहे हैं। यहां औसतन 200 मरीजों की जांच होती है, जिसमें 60 प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है। मरीजों को जांच के...
सदर अस्पताल के पैथोलॉजी जांच केंद्र में रोजाना 35-40 मरीज टाइफाइड बुखार की जांच कराने के लिए दे रहे हैं सैंपल सदर अस्पताल के इस केंद्र पर रोजाना औसतन 200 मरीजों की होती है जांच पैथोलॉजी केंद्र में 60 प्रकार की जांच करने की उपलब्ध कराई गई है सुविधा भभुआ, कार्यालय संवाददाता। सदर अस्पताल में की जा रही पैथोलॉजी जांच में सबसे ज्यादा टाइफाइड बुखार के मरीज मिल रहे हैं। इस केंद्र में रोजाना 35-40 मरीज टाइफाइड जांच कराने आ रहे हैं। वैसे तो विभिन्न बीमारियों की जांच कराने के लिए यहां रोजाना औसतन 200 मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों की स्वास्थ्य जांच करने के बाद चिकित्सक पैथोलॉजी केंद्र में जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। इसकी पुष्टि पैथोलॉजी जांच केंद्र के प्रभारी उपेंद्र नारायण ने की। सदर अस्पताल के पैथालॉजी केन्द्र में मरीजों की लैंब टेक्निशियन द्वारा 60 तरह की जांच करने की सुविधा मुहैया कराई गई है। सीबीसी, हेपेटाइटिस, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, भीडीआरएल, सुगर, एलएफटी, केएफटी, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, लीवर, किडनी आदि की जांच की जा रही है। सदर अस्पताल में ईसीजी जांच सेवा भी मरीजों के लिए उपलब्ध है। यहां गर्भवती महिलाओं की भी जांच की जाती है। जांच के बाद शरीर में खून की कमी की भी रिपोर्ट दी जाती है। मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. अरविंद कुमार द्वारा जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है। इनके नेतृत्व में छह लैब टेक्निशियन जांच करने का काम करते हैं। इस केंद्र में 24 घंटे पैथोलॉजी जांच सेवा दी जाती है। तीन शिफ्ट में कर्मियों की ड्यूटी लगती है। बताया गया है कि सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक, दोपहर 2:00 बजे से रात 8:00 बजे रात तक व रात 8:00 बजे से लेकर सुबह 8:00 बजे तक जांच की जाती है। यह मरीज आए थे पैथोलॉजी जांच कराने परसियां गांव से आई कौशल्या देवी ने बताया कि उनके पोते को चार दिनों से बुखार आ रहा है। दुकान से दवा लेकर खिलाई थी। आराम नहीं मिला, तो शुक्रवार को यहां डॉक्टर से जांच कराने आई थी। डॉक्टर ने ब्लड जांच कराने की सलाह दी है। इसलिए इस केंद्र पर पोते को लेकर आई हूं। शुक्रवार को नौवाझोंटी से नेहा कुमारी पैथोलॉजी जांच कराने के लिए आई थी। यह भी चार-पांच दिनों से सर्दी, खांसी, बुखार, बदन व सिर दर्द से पीड़ित है। टाइफाइड के लक्षण क्या हैं टाइफाइड बुखार लगभग 7-14 दिनों का होता है। शरीर में साल्मोनेला टाइफी संक्रमण का लक्षण दिखने में 7 से 14 दिन लगते हैं। जिन्हें पीने के लिए स्वच्छ पानी व स्वच्छता का अभाव रहता है वह टाइफाइड बुखार की चपेट में आ सकते हैं। टाइफाइड के लक्षण में सिर दर्द, थकान, जी मिचलाना, तेज बुखार, कमजोरी, भूख में कमी, वजन घटना, कब्ज, पेट में सूजन, त्वचा पर चकत्ते आदि शामिल हैं। टाइफाइड बुखार के क्या कारण हैं टाइफाइड बुखार का मुख्य कारक साल्मोनेला टाइफी है। ज़्यादातर मामलों में मरीज यात्रा के दौरान बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं और मल-मौखिक मार्ग से इसे आगे फैलाते हैं। इसका जीवाणु संक्रमित व्यक्ति के मूत्र या मल के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति द्वारा खाया गया भोजन खाने से परहेज करना चाहिए। शौचालय का उपयोग कर अच्छे से नहीं धोने, दूषित पानी पीने से भी टाइफाइड बुखार होता है। यह परीक्षण किया जाता है आईजीएम परीक्षण कर साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु के लिए विशिष्ट 1जीएम एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। ब्लड सैंपल की जांच कर बैक्टीरिया को अलग कर पहचान की जाती है। रियल-टाइम पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) से भी टाइफाइड का पता किया जाता है। विडाल टेस्ट आम है। रक्त के नमूने से एकत्र किए गए सीरम में ओ व एच सीरम एग्लूटिनिन की उपस्थिति का पता लगाता है। इसकी जांच स्लाइड व ट्यूब विधि से की जा सकती है। फोटो- 22 नवंबर भभुआ- 1 कैप्शन- सदर अस्पताल के इमरजेंसी भवन में स्थित पैथोलॉजी केंद्र में शुक्रवार को जांच के लिए एक महिला का ब्लड का सैंपल लेती स्वास्थ्य कर्मी।
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