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प्राथमिक विद्यालय के पास पसरी गंदगी और दुर्गंध से बच्चे त्रस्त

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को दुर्गंध से हो रही है काफी परेशानी विद्यालय के कमरे का दरवाजा बंद कर मध्याह्न भोजन करते हैं छात्र-छात्राएं

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआThu, 6 March 2025 08:52 PM
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प्राथमिक विद्यालय के पास पसरी गंदगी और दुर्गंध से बच्चे त्रस्त

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को दुर्गंध से हो रही है काफी परेशानी विद्यालय के कमरे का दरवाजा बंद कर मध्याह्न भोजन करते हैं छात्र-छात्राएं (बोले भभुआ) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर के वार्ड 23 के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे स्कूल के पास फेंके जा रहे कचरे और उससे निकल रही दुर्गंध से त्रस्त हैं। इससे बच्चों का स्कूल में ठहराव होना मुश्किल हो गया है। इस विद्यालय में करीब 14 वर्ष आयु तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं। जब एनजीओ द्वारा मध्याह्न भोजन भेजा जाता है, तब वह अपने वर्ग कक्ष के दरवाजे और खिड़की को बंदकर खाना खाते हैं। उन्हें पढ़ाई करने में भी दिक्कत होती है। इसका प्रभाव बच्चों की सेहत पर पड़ रही है। इस विद्यालय में 61 बच्चे नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए दो शिक्षिकाएं व एक शिक्षा सेवक हैं। दो रसोइया भी कार्यरत हैं। बच्चों से बात की गई तो उन्होंने अंगुली से इशारा कर दिखाया और कहा यहीं पर लोग कचरा फेंक रहे हैं। खाद्य पदार्थ भी फेंका जा रहा है। उसमें से दुर्गंध आती है। ऐसे में हमलोग बरामदे में बैठकर भोजन कैसे करें? यहां बैठकर भोजन करते हैं, उल्टी जैसा मन करता है। इसलिए वह अपनी कक्षा में ही बैठकर खाना खाते हैं। विद्यालय के छात्र रजनीश कुमार, विष्णु कुमार, विनोद कुमार, किशन कुमार, दीपेश कुमार, सुंदरम कुमार, मनीष कुमार, अंश कुमार, सुप्रिया कुमारी, सिद्धांत कुमार, हिमांशु कुमार, अंकित कुमार, बबली कुमारी, निशि कुमारी ने बताया कि विद्यालय में तीन कमरे हैं। एक कमरा में कार्यालय है। दो कमरों में दो कक्षाओं के और तीन कक्षाओं के बच्चे बदबू के बीच बरामदे में पढ़ते हैं। बच्चों ने कहा कि मोहल्ले के लोगों के दरवाजे पर दस्तक देकर इस स्थल पर कचरा नहीं फेंकने का आग्रह किए, पर लोग नहीं मान रहे हैं। शिक्षकों की बात नहीं सुनती नगर परिषद शिक्षिका रंजू कुमारी ने बताया कि विद्यालय 9:00 बजे खुलता है। उससे पहले ही मुहल्ले के लोग विद्यालय के पास कचरा फेंक देते हैं। इसका उठाव कराने के लिए नगर परिषद से कहा जाता है। दो-तीन बार शिकायत करने के बाद भी जब सफाईकर्मी कचरे का उठाव नहीं करते हैं, तब बच्चे इसकी जानकारी अपने अभिभावकों को देते हैं। फिर बच्चों के अभिभावकों की ओर से नगर परिषद में शिकायत की जाती है। इसके बाद नगर परिषद के सफाई कर्मी यहां पड़े कचरे का उठाव करते हैं। नगर परिषद से कई बार यहां कुछ दूरी पर कूड़ेदान रखने की बात कही गई। लेकिन, नगर परिषद की ओर से दूसरी जगह कूड़ेदान नहीं रखा गया। अगर आसपास के लोगों से कचरे को विद्यालय से दूर फेंकने की बात कहते हैं, तो उनकी कोई सुनता नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग व नगर परिषद आपस में समन्वय बनाकर इस समस्या का हल कर सकते हैं। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और बच्चे बीमार होते हैं, तो हमें दिक्कत होगी। फोटो- 06 मार्च भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ शहर के वार्ड 23 स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास गुरुवार को दिखता फेंका गया कचरा। लोगों की बात 1. इस विद्यालय में असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए एक घंटे पढ़ाई कराई जाती है। यहां शहर की 20 असाक्षर महिलाएं आती हैं। लेकिन, दुर्गंध की वजह से उन्हें भी काफी परेशानी होती है। पुष्पा कुमारी, शिक्षा सेवक 2. विद्यालय में भोजन नहीं बनता है। एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन आता है। दुर्गंध की वजह से बच्चे बरामदे में बैठकर खाना पसंद नहीं करते। उन्हें दरवाजा बंद कर कमरे में खाना खिलाना पड़ता है। कलावती कुंवर, सहायिका 3. विद्यालय के सामने फैली गंदगी की शिकायत नगर परिषद से कई बार की गई। आसपास के घरों के लोगों से भी यहां कूड़ा नहीं फेंकने का आग्रह किया गया। इसके बाद भी यहां कचरा फेंका जा रहा है। सुनीता कुमारी, प्रभारी एचएम 4. स्कूल के पास रोजाना कचरे का ढेर दिखता है। उसमें दुर्गंध आती है। इससे बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। इसकी शिकायत बार-बार की जाती है। लेकिन, इसमें सुधार नहीं हो रहा है। मीना कुंवर, सहायिका 5. मोहल्ले के लोगों के घर-घर जाकर हमलोगों ने विद्यालय के पास कूड़ा नहीं फेंकने का आग्रह किए। इसके बावजूद लोग यहीं पर कूड़ा फेंक रहे हैं, जिससे हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है। बिंदु कुमारी, छात्रा 6. जिनके घरों के बच्चे विद्यालय में पढ़ते हैं, उन्हें साथ में ले जाकर मुहल्ले में निवास करनेवाले लोगों से इसकी शिकायत की जाती है। कोई नहीं कहता है कि हमारे घर का कचरा यहां फेंका जा रहा है। प्रिया कुमारी, छात्रा 7. विद्यालय की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। अभियान के दौरान हमलोग भी मुहल्ले में जाकर साफ-सफाई की अपील करते हैं। फिर भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। राधिका कुमारी, छात्रा 8. विद्यालय के बाहर फैली गंदगी की वजह से एमडीएम का भोजन विद्यालय में करने का मन नहीं करता है। लेकिन, सुबह विद्यालय आना होता है। ऐसे में दोपहर में भूख लग जाती है तो खाना पड़ता है। नंदनी कुमारी, छात्रा

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