बिना कोर्स पूरा किए छात्रों को देनी पड़ सकती है परीक्षा
कोरोना संक्रमण को ले छात्रों को स्कूल जाने पर लगाई गई है रोक, शिक्षा विभाग के निर्देश पर डीडी बिहार चैनल पर हो रही है...
कोरोना संक्रमण को ले छात्रों को स्कूल जाने पर लगाई गई है रोक
शिक्षा विभाग के निर्देश पर डीडी बिहार चैनल पर हो रही है पढ़ाई
ग्राफिक्स
02 लाख 62 हजार छात्र हैं कक्षा एक से आठ तक में
01 हजार 308 स्कूल जिले में हैं एक से दस तक की
भभुआ। एक प्रतिनिधि
कोरोना संक्रमण को लेकर जिले के सभी विद्यालय लगभग पांच माह से बंद हैं। इसके पहले शिक्षकों की हड़ताल के कारण अधिकांश स्कूल बंद थे। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। हालांकि सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग द्वारा डीडी बिहार चैनल पर एक से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की पढ़ाई कराई जा रही है। लेकिन, जिले के काफी छात्र अपने घर में संसाधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से चैनल से हो रही पढ़ाई में भाग नहीं ले रहे है। कुछ सुदूर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की सुविधा टीवी चलाने के लिए नहीं होने से उन क्षेत्रों के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में बच्चों के कोर्स पूरे नहीं हो पाए हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा सितंबर माह में होती है। लेकिन, स्थिति देखते हुए ऐसा लग रहा है कि अभी स्कूल नहीं खुलेंगे। वैसे भी अगर स्कूल खुलते हैं और परीक्षा ली जाती है, तो अधिकांश बच्चों को बिना पढ़े परीक्षा देनी पड़ेगी। अगर बाद में भी स्कूल खुलते हैं तो बच्चे वार्षिक परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर कैसे देंगे यह समस्या उनके सामने उत्पन्न होगी। इधर, शिक्षा विभाग के निर्देश पर कुछ छात्रों को नामांकन या परीक्षा फार्म भरने के लिए स्कूल में बुलाया जा रहा है। हालांकि स्कूल में उन्हें बेहद सावधानी बरतने की सलाह स्कूल प्रशासन द्वारा दी जा रही है।
स्कूल में प्रवेश करते ही छात्र-छात्राओं की थर्मल ्क्रिरीनिंग कराई जा रही है। हर बच्चों को मास्क लगाकर ही स्कूल में आने की बात बताई गई है। स्कूल में फार्म भरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कमरों में खुद शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। अगर कोई कॉलम छात्र नहीं समझ पा रहे हैं तो उन्हें ब्लैक बोर्ड पर शिक्षक बता रहे हैं। स्कूल में किसी सामान को स्पर्श करने से पहले व बाद में हाथों को साबुन से धुलाया जा रहा है या सेनेटाइजर लगाने के लिए दिया जा रहा है। इस तरह की सावधानी न सिर्फ छात्र बल्कि शिक्षक व काउंटर पर फार्म जमा करा रहे कर्मी भी बरत रहे हैं।
फार्म भर रहे छात्रों उदित सिंह, पप्पू कुमार, रमेंद्र सिंह कहते हैं कि जब फॉर्म भर रहे हैं तो परीक्षा होगी ही। अब चाहे परीक्षा ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। लेकिन, कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। खुद अपने से पढ़ना पड़ रहा है। स्कूल के अलावा कोचिंग भी बंद है। इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहना है कि जिले में एक से दस तक के कुल 1308 स्कूल हैं। एक से आठ तक की कक्षा में 2 लाख 62 हजार बच्चे नामांकित हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सभी बच्चे दूरदर्शन पर चल रहे मेरा दुरदर्शन मेरा विद्यालय कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं। छात्रों की होने वाली परीक्षा को लेकर अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोई भी विभागीय निर्देश नहीं मिला है। महामारी की वजह से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में जिस तरह का निर्देश सरकार या विभाग से मिलता है उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
45.72 प्रतिशत बच्चे ही कर पा रहे हैं दूरदर्शन क्लास
जिले के सभी स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या 2.62 लाख है। इनमें से 45.72 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ ले पा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों से मिले आंकडे़ के अनुसार, जिले में कुल एक लाख 19 हजार छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। हालंाकि अगर स्कूलों की माने तो जो बच्चे दूरदर्शन से पढ़ाई शुरुआती दौर में शुरु किए थे उनमें से अधिकांश अब उतनी रुचि नहीं ले रहे हैं। मोबाइल पर छात्रों से बात करने के पर वह बताते हैं कि दूरदर्शन पर हो रही पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है। मन में कोई सवाल आता है तो पूछने की कोई व्यवस्था नहीं है। किसी सवाल को समझने में देर होती है तबतक चैपटर बदल जाता है।
दूरदर्शन पर पढ़ाई के दौरान नोट करना होता है मुश्किल
छात्रों का कहना कि दूरदर्शन से पढ़ाई के दौरान समझने के बाद हमलोग उसे नोट करना चाहता है। लेकिन, तबतक दूसरा चैप्टर शुरू हो जाता है। ऐसे में काफी दिक्कत होती है। छात्र मोहन कुमार, प्रिंस राज, रौशन रमण कश्यप, मुरारी श्रीवास्तव, मनोहर कुमार आदि ने बताया कि कभी-कभी तो ऐसे होता है कि जैसे ही पढ़ाई के लिए टीवी के पास बैठे बिजली कट जाती है। ऐसे में पढ़ाई नहीं हो पाती। छात्र विवेक राज, पिंकी कुमारी, सुमन कुमारी, श्वेता सिंह, मनोरमा कुमारी ने बताया कि जब मेरा दूरदर्शन-मेरा विद्यालय कार्यक्रम शुरु किया गया तब कुछ दिनों तक मन लगा। लेकिन, जब पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है तब मन भी नहीं लग रहा है।
प्रचार के बाद भी नहीं बढ़ रहे दूरदर्शन से पढ़ाई के आंकड़े
बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक के निर्देश पर जिला शिक्षा कार्यालय ने मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई घर में रहकर करने के लिए प्रचार कराया गया। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी सूर्य नारायण ने कार्यालय परिसर से रथ रवाना किया। रथ गांव-गांव जाकर प्रचार किया और छात्रों को दूरदर्शन की पढ़ाई के लिए जागरुक किया गया। अभिभवकों को भी इस कार्यक्रम में बच्चों को शामिल करने के लिए आग्रह किया गया। लेकिन, दूरदर्शन से पढ़ाई करने वाले छात्रों के आंकड़े नहीं बढ़ रहे हैं। श्रीमति उदासी देवी +2 स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि शुरुआत में कुछ छात्रों ने रुचि ली थी। लेकिन, अब समझ नहीं आने, तकनीकी खराबी होने आदि का बहाना बना रहे हैं।
कोट
कोरोना संक्रमण की वजह से जिले के सभी विद्यालय में पढ़ाई बंद है। सरकार द्वारा मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय के तहत पढ़ाई कराई जा रही है। कुछ छात्र भाग भी ले रहे हैं। परीक्षा को लेकर सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है। सरकार व शिक्षा विभाग से जो निर्देश मिलेगा उसका अनुपालन किया जाएगा।
सूर्य नारायण, जिला शिक्षा पदाधिकारी
फोटो- 27 अगस्त भभुआ- 3
कैप्शन- शहर के राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ाई करतीं छात्राएं (फाइल फोटो)।
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