50 की छोड़िए, यहां तो वाहनों में 130 फीसदी ढोए जा रहे यात्री (पेज चार की लीड खबर)
शहर के स्टैंड से खुलनेवाली बस, मैजिक, जीप, टेकर, ऑटो, ई-रिक्शा में देखा जा सकता है कोरोना एडवाइजरी की अनदेखी का...
शहर के स्टैंड से खुलनेवाली बस, मैजिक, जीप, टेकर, ऑटो, ई-रिक्शा में देखा जा सकता है कोरोना एडवाइजरी की अनदेखी का दृश्य
अधिकांश यात्री बिना मास्क के ही वाहनों से कर रहे हैं गंतव्य जगहों की यात्रा
परिवहन विभाग व प्रशासनिक अफसरों की सख्ती के बाद स्टॉफ लगा रहे मास्क
भभुआ। कार्यालय संवाददाता
शहर की उत्तरी सीमा पर अखलासपुर अंतरप्रांतीय बस पड़ाव है, जबकि शहर की पूरबी सीमा पर सोनहन बस स्टैंड है। अखलासपुर से बनारस, मुगलसराय, टाटा, रांची, पटना, सासाराम आदि शहरों के लिए बसें खुलती हैं। जबकि सोनहन बस स्टैंड से कुदरा, बेलांव, सबार, चेनारी आदि जगहों के लिए बसें रवाना होती हैं। इसी स्टैंड परिसर व इसके बाहरी हिस्से से जीप, मैजिक, टेकर, ऑटो व ई-रिक्शा का भी परिचालन किया जाता है। वैसे मुंडेश्वरी सिनेमा हॉल व जेपी चौक से भगवानपुर तथा बिजली कॉलोनी के आसपास से चैनपुर के लिए उक्त छोटे वाहन आते-जाते हैं।
कोई वैसा वाहन नहीं है, जिसमें कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देश का अनुपालन हो रहा है। सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने वाहनों में क्षमता से 50 फीसदी यात्रियों को ही यात्रा कराने का आदेश जारी किया है और इसका अनुपालन कराने के लिए अफसरों को निर्देश दिया है। लेकिन, रविवार को वाहनों में यात्रियों के सवार होने की जो संख्या दिखी वह 130 फीसदी से कम नहीं थी। बसों में लोग खड़े होकर यात्रा करते दिखे। जीप, मैजिक, टेकर, ऑटो व ई-रिक्शा में चालक की सीट पर भी यात्री बैठाए गए थे। तीन की जगह पांच यात्री लंबी सीट पर बैठे दिखे। ऐसे में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है।
डग्गामार वाहन संचालकों को न तो कोरोना फैलने की कोई चिता है और न ही कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का कोई अता-पता। मुख्य सड़कों से ऐसे वाहन क्षमता से डेढ़ गुना अधिक सवारियों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचा रहे हैं। यात्रियों के बीच शारीरिक दूरी तो तार-तार हो ही रही है, मास्क और सैनिटाइजेशन पर भी कोई ध्यान नहीं है। डग्गामार वाहन कोरोना महामारी के दौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी आर्थिक नुकसान पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में चंद पैसों के लालच में यह संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। जिन स्थानों से डग्गामार वाहन का संचालन किया जा रहा है, वहां वाहनों को सैनिटाइज्ड करने की कोई व्यवस्था है। बगैर सैनिटाइजेशन डग्गामार वाहन सड़कों पर बेरोकटोक दौड रहे हैं।
क्या कहते हैं चालक
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक बस चालक ने कहा कि कोरोना काल में गाड़ियों की किस्त देना मुश्किल है। ऐसे में सेनेटाइज कराने का अतिरिक्त खर्च कौन उठा सकता है? जिसे कोरोना से डर लगता है वह अपनी गाड़ी से चले या अपना बचाव खुद करें। हालांकि ड्राइवर के चेहरे पर मास्क लगा था। दूसरे ड्राइवर ने कहा कि अगर 50 फीसदी यात्री बैठाकर बसों का संचालन करेंगे तो डीजल व स्टॉफ का खर्च भी निकालना मुश्किल हो जाएगा।
क्या कहते हैं यात्री
अखलासपुर बस स्टैंड में रविवार की सुबह 9:13 बजे एक बस आई। उसमें से उतरे सासाराम के यात्री सलाउद्दीन से पूछने पर बताया कि वह तो मास्क पहना है। लेकिन, अधिकांश लोग बिना मास्क के थे। कंडक्टर ने मोहनियां से पहले मास्क लगाया। पूछने पर बताया कि हाथों को सेनेटाइज्ड करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कोरोना का डर तो है, लेकिन उससे बचाव को लोग खुद उपाय नहीं कर रहे हैं। जल्दबाजी में यात्रा करने के चक्कर में नियम को भूल जा रहे हैं।
बस स्टैंड में समुचित सफाई जरूरी
अखलासपुर बस पड़ाव में समुचित सफाई की व्यवस्था नहीं की गई है। जगह-जगह कचरा बिखरा था। नाली जाम थी। वाहनों की सफाई करने के बाद गंदे यत्र-तत्र फेंके गए गंदे कपड़े दिखे। पूछने पर एक दुकानदार ने बताया कि यहां कभी-कभी सफाई करने वाले आते हैं। यात्री शेड के आसपास काफी गंदगी दिखी। धूल की परत कुर्सीयान पर पड़ी थी।
सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को एक-दूसरे के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत है। हर व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना चाहिए। खासकर बस स्टैंड, बसों व अन्य सवारी गाड़ी में यात्रा व बाजार जाने के दौरान मास्क की सर्वाधिक जरूरत है। लोगों को सेनेटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। संक्रमण से बचने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है।
वाहनों की चेकिंग के बाद स्टॉफ हुए हैं सतर्क
मोहनियां के बस पड़ाव में चार दिनों पहले अफसरों की टीम द्वारा जांच अभियान चलाए जाने व कोरोना एडवाइजरी का अनुपालन नहीं करने वाले वाहन ऑपरेटरों से जुर्माना वसूले जाने के बाद बस चालक, कंडक्टर, खलासी सावधान हो गए हैं। वह मास्क पहन रहे हैं। लेकिन, बसों व यात्रियों के सेनेटाइज करने का काम शुरू नहीं किया गया है।
कोट
कोरोना एडवाइजरी का पालन करते हुए वाहनों का परिचालन करना है। क्षमता का 50 फीसदी यात्री को यात्रा कराना है। हर ट्रिप के बाद वाहनों को सेनेटाइज्ड कराना है। यात्रियों का हैंडवॉश कराना है। सभी को मास्क पहनना है। वाहनों की जांच का निर्देश दिया गया है।
नवदीप शुक्ला, डीएम
फोटो- 11 अप्रैल भभुआ- 3
कैप्शन- सासाराम की ओर से शहर के अखलासपुर बस पड़ाव में रविवार को पहुंची बस में कुछ इस कदर सवार दिखे यात्री।
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