बदहाल भवनों का जीर्णोंद्धार कराकर किया जा सकता है उपयोग (बोले भभुआ)
भभुआ में पशु अस्पताल परिसर का जीर्णोद्धार आवश्यक है ताकि इसे सरकारी कार्यों के लिए उपयोग किया जा सके। विभाग को प्रस्ताव सरकार को भेजना होगा। परिसर में गंदगी और असामाजिक तत्वों की उपस्थिति बढ़ गई है,...
जीर्णोंद्धार के बाद किसी विभाग को भवन में शिफ्ट करने से दूर हो सकती है समस्या पशु अस्पताल परिसर को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस की लेनी होगी सहायता भभुआ, एक प्रतिनिधि। पशु अस्पताल के बदहाल भवन का का जीर्णोंद्धार कराकर इसका उपयोग सरकारी कामकाज में किया जा सकता है। लेकिन, इसके लिए विभाग को या जिला प्रशासन को इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाना जरूरी है। स्वीकृति मिलने के बाद प्राक्कलन बनाकर जीर्णोंद्धार या पुनर्निर्माण की दिशा में पहल की जा सकती है। यह सुझाव विकास कुमार व मंजित कुमार के हैं। उनका कहना था कि जब कैमूर को जिला का दर्जा प्राप्त हुआ था तब इसके परिसर के भवन में विभिन्न विभागों के दफ्तर संचालित हो रहे थे। तब इधर से आम लोग आते-जाते नहीं थे। परिसर सुरक्षित रहने के साथ गंदगी से भी दूर था। लेकिन, अब यहां गंदगी पसरने के साथ असामाजिक तत्व के लोग भी बैठे दिखते हैं। उक्त लोगों ने बताया कि बगल में महादलित बस्ती है। सभी के घरों में शौचालय नहीं है। उनकी सुविधा के लिए नगर परिषद की ओर से पहले यहां चलंत शौचालय रखा गया था। लेकिन, वह भी अब काम नहीं करता है। ऐसे में वह लोग इसी परिसर में मल-मूत्र त्याग कर रहे हैं। इनके घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी इसी परिसर में पसरता है। बरसात होने पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि जलनिकासी का समुचित प्रबंध नहीं है। फोटो- 18 जनवरी भभुआ- 2 कैप्शन- भभुआ के पशु अस्पताल परिसर में शनिवार को बदहाल दिखता विभागीय भवन। किसने क्या कहा 1. पशु अस्पताल परिसर पूरी तरह से गंदगी से पटा है। इसकी सफाई पर किसी का ध्यान नहीं है। परिसर में बैठना तो दूर इधर से गुजरने में भी गंदगी की बदबू आती है। विभाग को नियमित सफाई करानी चाहिए। फोटो- रिंकू गद्दी, भभुआ 2. पशुपालन विभाग परिसर में पुराने भवन बदहाल हो गए हैं। इस परिसर में विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों का क्वार्टर भी था। लेकिन, वह भी बदहाल हो गया है। इनका जीर्णोंद्धार कर उपयोग हो सकता है। फोटो- मोहम्मद तालिम, भभुआ 3. पशुपालन विभाग के बदहाल हो चुके भवन में नशेड़ी व जुआरी बैठे रहते हैं। नशेड़ी जहां नशा करते दिखते हैं, वहीं जुरारी ताश खेलते नजर आते हैं। विभागीय अधिकारी इसकी निगरानी नहीं करा रहे हैं। फोटो- साकेत पांडेय, भभुआ 4. परिसर में चारों तरफ आवारा पशु के भ्रमण करने, उनके द्वारा मल मूत्र त्याग करने, आसपास के लोगों द्वारा कचरा फेंकने, पानी गिराने से परिसर में गंदगी पसरी है। इसकी सफाई नहीं होने से दिक्कत होती है। फोटो- नजीर अली, भभुआ 5. पशु अस्पताल परिसर की चहारदीवारी टूटी हुई है। इसके टूटे भाग से असामाजिक तत्व के लोग आकर इसमें बैठते हैं। दिन में तो आसपास के लोग इधर से आते-जाते हैं, पर रात में उनसे भय लगता है। फोटो- मकसूद गद्दी, भभुआ 6. पशुपालन विभाग के परिसर में नशेड़ियों व जुआरियों के अड्डा को खत्म कराना होगा। स्थानीय लोगों को भी इसमें गंदगी फैलाने से परहेज करने की जरूरत है। विभाग द्वारा भी इसकी सफाई कराना जरूरी है। फोटो- नसीम गद्दी, भभुआ 7. शाम ढलने के बाद अस्पताल परिसर के ज्यादा हिस्से में सन्नाटा पसर जाता है। प्रकाश की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में नशेड़ियों के कारण महिलाओं को इस रास्ते से आने-जाने में काफी भय लगता है। फोटो- महेंद्र हलवाई, भभुआ 8. परिसर की सफाई नहीं होने और विभाग की ओर से इसकी निगरानी का प्रबंध नहीं किए जाने से असामाजिक तत्वों का हौसला बढ़ा हुआ है। पुलिस की मदद से ऐसे लोगों को परिसर से खदेड़ना होगा। फोटो- राजन गद्दी, भभुआ
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