राम भरोसे है पंचायत व जिला परिषद द्वारा गाड़े गए चापाकल (पेज चार)
पीएचईडी के मिस्त्री सिर्फ विभागीय बंद चापाकलों की कर रहे हैं मरम्मत, चापाकलों के बंद रहने से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं गांवों के...
पीएचईडी के मिस्त्री सिर्फ विभागीय बंद चापाकलों की कर रहे हैं मरम्मत
चापाकलों के बंद रहने से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं गांवों के ग्रामीण
भभुआ। हिन्दुस्तान संवाददाता
तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कैमूर में पेयजल की व्यवस्था पटरी से उतर गई है। गांवों में पंचायत व जिला परिषद द्वारा गाड़े गए चापाकलों की मरम्मत राम भरोसे है। बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए प्रशासन द्वारा पीएचईडी के माध्यम से धावा दल का गठन किया गया है। लेकिन, पीएचईडी द्वारा सिर्फ विभागीय चापाकलों की तरम्मत कराई जा रही है। जबकि गांवों में विधायक मद, पंचायत व जिला परिषद द्वारा गाड़े गए चापाकल मरम्मत के अभाव में काफी दिनों सें बंद पड़े हैं।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि किसी चापाकल का मुण्डा गायब है, तो कुछ चापाकल जलस्तर खिसक जाने के कारण पानी उगलना बंद दिए है। ऐसे में इस गर्मी के मौसम में ग्रामीण सूखते गले को तर करने के लिए इधर-उधर भाग-दौड़ कर रहे हैं। रुद्रवार कला गांव के ग्रामीण नचकू गोंड, टिगु गोंड व दिनानाथ बैठा ने बताया कि गांव के पूरब समुदायिक भवन के पास विधायक मद से गाड़ा गया चापाकल काफी दिनों से खराब पड़ा है। चापाकल मरम्मत के लिए पीएचईडी के पास फोन करके कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ।
उक्त ग्रामीणों ने बताया कि अगर एक सप्ताह के अंदर बंद चापाकल की मरम्मत नहीं की गई तो डीएम व मुख्यमंत्री के नाम पत्र देकर इसकी शिकायत दर्ज कराई जाएगी। उधर, भगवानपुर प्रखंड स्थित उमापुर गांव के ग्रामीण ऋषि कुमार सिंह व राजाराम प्रजापति ने बताया कि दरवाजे के पास लगा सरकारी चापाकल करीब दो माह से बंद पड़ा है। चापाकल की मरम्मत के लिए पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता के पास खुद कई बार फोन किया गया, लेकिन अबतक मरम्मत नहीं की गई। इस कारण मुहल्ले के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।
एकसिरे से नहीं हो रही है मरम्मत
भभुआ। चापाकलों की एकसिरे से मरम्मत नहीं की जा रही है। जबकि जिला प्रशासन द्वारा चापाकलों की मरम्मत के लिए धावा दल का गठन किया गया है। ग्रामीण मनोज सिंह, महेन्द्र गोंड व अनिल सिंह ने बताया कि प्रत्येक धावा दल की टीम को वाहन व चापाकलों की मरम्मत के लिए समान भी मुहैया कराया गया है। इस पर सरकार के हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं। लेकिन, शहर से लेकर गांवों तक में काफी संख्या में चापाकल बंद पड़े हुए नजर आ रहे हैं।
पहाड़ी क्षेत्र के लोग सबसे अधिक परेशान
भभुआ। पेयजल की समस्या से इन दिनों जिले के पहाड़ी क्षेत्र के लोग सबसे अधिक परेशान हैं। अधौरा, भगवानपुर, चैनपुर व रामपुर प्रखंड के पहाड़ी गांवों में पेयजल को लेकर परेशानी हो रही है। भगवानपुर प्रखंड स्थित सिजपुरा के ग्रामीण महेन्द्र पाण्डेय व रामपुर प्रखंड स्थित पुनांव के ग्रामीण अनिल कुमार सिंह ने बताया कि गांवों में लगे अधिकांश सरकारी चापाकल पानी उगलना बंद कर दिए हैं। क्योकि पहाड़ी क्षेत्र में जल स्तर 55 से 60 फीट नीचे खिसक गया है। अगर चापाकलों में पाइप नहीं जोड़ा गयी तो आने वाले कुछ ही दिनों में पेयजल संकट विकराल बन जाएगा।
कोट
विभाग द्वारा गाड़े गए सरकारी चापाकलों की मरम्मत धावा दल द्वारा कराई जा रही है। मुखिया व जिला परिषद द्वारा लगाए गए चापाकलों की मरम्मत की जिम्मेवारी विभाग को नहीं है।
सुनील कुमार सुमन, ईई, पीएचईडी
फोटो-24 अप्रैल भभुआ- 8
कैप्शन- भभुआ प्रखंड के रुद्रवार कला गांव के पूरब समुदायिक भवन के पास में विधायक द्वारा गड़वाया गया बंद पड़ा चापाकल।
माले ने नप सभापति को दी श्रद्धांजलि
भभुआ। नगर परिषद की सभापति उर्मीला देवी के निधन पर भाकपा माले की जिला कमेटी द्वारा गहरा शोक प्रकट कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिला सचिव विजय यादव ने कहा कि भभुआ नगर की चेयरमैन लोकप्रिय व जनता की भावनाओं पर खरा उतरने वाली जनप्रतिनिधि थीं, जिन्होंने नगरपालिका मैदान मे बनने वाले शताब्दी मार्केट के फैसले को जनता के आंदोलन को देखते हुए खुद के द्वारा लिए गए फैसले को वापस ले लिया था। सभापति का यह कदम सराहनीय था।
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