Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsPrimary School Faces Water Crisis Due to Broken Hand Pump Students and Staff Struggle

दूसरी जगह से पानी लाकर प्यास बुझा रहे प्राथमिक विद्यालय के बच्चे

नगर परिषद कार्यालय परिसर के प्राथमिक विद्यालय में चापाकल खराब होने से बच्चों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ, उन्हें अन्य स्थानों से पानी लाना पड़ रहा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआMon, 24 Feb 2025 09:37 PM
share Share
Follow Us on
दूसरी जगह से पानी लाकर प्यास बुझा रहे प्राथमिक विद्यालय के बच्चे

नगर परिषद कार्यालय परिसर के प्राथमिक विद्यालय के बंद चापाकल की मरम्मत नहीं कराए जाने से हो रही है परेशानी मध्याह्न भोजन पकाने व बर्तन धोने के लिए बोरिंग से लाना पड़ता है पानी प्रधानाध्यापिका की शिकायत के बाद भी चापाकल की नहीं हो सकी मरम्मत (बोले भभुआ) भभुआ, एक प्रतिनिधि। नगर परिषद कार्यालय परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चे दूसरी जगह से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। अब गर्मी की तपिश दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ सकती है। शिक्षक अपने घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं। जबकि मध्याह्न भोजन पकाने के लिए रसोइया को नगर परिषद की बोरिंग से पानी ढोकर विद्यालय में लाना पड़ता है। इस विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है। विद्यालय में नामांकित 110 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए दो शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं। विद्यालय परिसर में चापाकल गाड़ा गया है। लेकिन, वह खराब है। मरम्मत के अभाव में उससे पानी नहीं मिल रहा है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीलम कुमारी और शिक्षिका अर्चना कुमारी ने बताया कि यहां छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं। जब बच्चों को प्यास लगती है, तब वह पानी मांगते हैं। दोपहर में भोजन करने के बाद भी उन्हें पीने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। उन्हें पानी पीने के लिए सड़क की ओर नहीं जाने दिया जाता है। क्योंकि व्यस्त मार्ग में हादसे होने की चिंता बनी रहेगी। बाहर के नल के पास फिसलन है। पैर फिसलने से बच्चे चोटिल हो सकते हैं। इससे अभिभावक भी चिंतित रहते हैं। शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी व शिक्षा विभाग की बैठक में भी पानी की समस्या पर कई बार चर्चा हो चुकी है। लेकिन, अब तक समस्या का समाधान किसी स्तर से नहीं किया गया, जिससे बच्चों के साथ शिक्षकों व रसोइया को दिक्कत हो रही है। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि जब सुबह में हमलोग आते हैं, तब बाल्टी से पानी लाकर रख देते हैं, ताकि प्यास लगने पर बच्चे पी सकें। लेकिन, कुछ देर बाद पानी खत्म हो जाता है। शिक्षिकाओं ने बताया कि विद्यालय के पास जो जमीन थी, उसपर भवन बन गया है। चापाकल अंदर में हो गया है। विभागीय पदाधिकारी को आवेदन देकर बोरिंग कराकर समरसेबल लगाने की मांग की गई है। पीएचईडी में भी आवेदन दिए गए। मौखिक भी पानी संकट से अवगत कराया गया। लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हो सका। गर्मी के मौसम में बच्चों की परेशानी बढ़ सकती है। गर्मी में परेशानी और बढ़ेगी पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली सुमन कुमारी, आयशा कुमारी, सूरज कुमार आदि ने बताया कि काफी दिनों से उनके स्कूल का चापाकल खराब है। लेकिन, इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। इस कारण उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। कुछ छात्र-छात्राओं का कहना था कि हमलोग अपने घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं। लेकिन, कुछ देर बाद पानी खत्म हो जाता है। अब गर्मी भी लगने लगी है। ऐसे में बार-बार प्यास लग रही है। विद्यालय परिसर का चापाकल ठीक रहता तो परेशानी नहीं होती। हमलोगों को तब ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है, तब दोपहर में मध्याह्न भोजन करते हैं। कभी-कभी तो थाली में खाना छोड़कर पानी के लिए शिक्षिका या रसोइया के पास जाना पड़ता है। फोटो- 24 फरवरी भभुआ- 2 कैप्शन- नगरपालिका कार्यालय परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय का सोमवार को मरम्मत के अभाव में बंद पड़ा चापाकल।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें