बाबा हरसुब्रह्म के जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकालने की तैयारी शुरू (पेज चार की फ्लायर खबर)
भगवानपुर में बाबा हरसुब्रह्म के जन्मोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। 6 फरवरी को हरसूवंशी महादेव मंदिर से शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें भक्त शामिल होंगे। शनिवार को पंचायत भवन में बैठक हुई, जिसमें निमंत्रण...
जन्मोत्सव की तैयारी बैठक के साथ शुरू किया निमंत्रण पत्र वितरण का काम हरसूवंशी महादेव मंदिर में पूजा व रूद्राभिषेक करने के बाद निकलेंगे भक्त भगवानपुर, एक संवाददाता। बाबा हरसुब्रह्म के जन्मोत्सव की तैयारी भगवानपुर में शुरू कर दी गई है। भगवानपुर के हरसूवंशी महादेव मंदिर परिसर से 6 फरवरी को शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें झांकी के अलावा जिले केविभिन्न प्रखंडों के भक्तजन शामिल होंगे। वाहनों का काफिला होगा। इसकी तैयारी को लेकर शनिवार को भगवानपुर पंचायत भवन में सनातनियों की बैठक हुई, जिसमें उक्त निर्णय लिए गए। बैठक में भाग ले रहे मुखिया उपेंद्र पांडेय, आकाश पांडेय, राजू पांडेय, सोनू पांडेय, अमन मिश्र, मुनि पांडेय आदि ने कहा कि खरमास समाप्त हो गया है। अब बाबा के जन्मोत्सव का निमंत्रण पत्र वितरण करने का काम शुरू कर देना चाहिए। बैठक संपन्न होने के बाद उक्त लोग चैनपुर स्थित हरसूब्रह्म धाम स्थित मंदिर में पहुंचे और सर्वप्रथम बाबा को निमंत्रण पत्र भेंट किया। इसके बाद वह लोग जमुआंव गांव में पहुंचकर बाबा के परिवार से ताल्लुक रखने वाली जौहरी माई के मंदिर में जन्मोत्सव का निमंत्रण पत्र दिया गया। बताया गया है कि जन्मोत्सव समारोह में बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, भोजपुरी गायक रीतेश पांडे के भी शामिल होने की उम्मीद है। राजा शालिहवान के मंत्री व राजपुरोहित थे बाबा हरसु श्री हरसु ब्रह्म ट्रस्ट के सचिव कैलाशपति त्रिपाठी बताते हैं कि सन 1428 ई. के दौरान यहां राजा शालिवाहन की हुकूमत थी। हरसू पांडेय राजा शालिवाहन के मंत्री और राजपुरोहित थे। राजा शालिवाहन को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही थी, जिससे वह भी चिंतित रहते थे। उनके राजपुरोहित हरसु पांडेय ने उन्हें दूसरी शादी का प्रस्ताव दिया। राजा ने शादी की और उन्हें पुत्र रत्न प्राप्ति हुई। राजा की पहली पत्नी राजस्थान व दूसरी पत्नी छत्तीसगढ़ की थीं। नवरात्र में विदेश से भी आते हैं तीर्थयात्री हरसु ब्रह्म धाम में शारदीय व चैत नवरात्र में मेला लगता है। खासकर चैत नवरात्र में विदेश में रहनेवाले अप्रवासी भारतीय भी यहां पूजा-अर्चना करने व मन्नत लेकर आते हैं। मंदिर के पंडा राजकेश्वर त्रिपाठी चैनपुरी ने बताया कि लोगों के सिर से बुरी आत्मा के साए को भगाया जाता है। प्रेत आत्माओं की बुरी नजर से पीड़ितों को बचाया जाता है। उन्होंने बताया कि धाम मे बिहार के अलावा झारखंड, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और देश के कई राज्यों से लोग पहुंचते हैं। भभुआ में भ्रमण करने के बाद धाम में पहुंचेंगे लोग जन्मोत्सव के दिन छह फरवरी को भगवानपुर के हरसूवंशी महादेव मंदिर से शोभायात्रा के साथ झांकी निकलेगी। इसमें काफी भक्तजन भाग लेंगे। भगवानपुर से भभुआ भ्रमण कर चैनपुर स्थित हरसुब्रह्म बाबा के धाम में लोग जाएंगे, जहां पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण किया जाएगा। शोभायात्रा में काफी दूर के लोग आते हैं। भगवानपुर से भभुआ और भभुआ से चैनपुर की दूरी करीब 25 किमी. हो जाएगी। इस दूरी को भक्त पैदल तय करेंगे। फोटो- 18 जनवरी भभुआ- 5 कैप्शन- भगवानपुर पंचायत भवन में शनिवार को बैठक करने के बाद हरसुब्रह्म बाबा के जन्मोत्सव का निमंत्रण वितरण करने की जिम्मेदारी लेते सनातनी।
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