शहर में मनु के तालाब के पिंड पर चारों ओर पसरी है गंदगी
भभुआ के वार्ड 23 में मनु के तालाब का पानी अत्यधिक दूषित हो गया है। बुजुर्गों का कहना है कि यह पानी कभी पीने और खाना पकाने के लिए उपयोग होता था, लेकिन अब यह इतना गंदा है कि मवेशी भी इसे नहीं पीते।...

जलनिकासी का प्रबंध नहीं रहने से दूषित हो रहा है तालाब का पानी बोले बुजुर्ग, कभी पीने व भोजन पकाने के काम आता है इसका पानी (बोले भभुआ) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर का एक ऐसा तालाब है, जिसका अतीत काफी समृद्ध रहा है, पर वर्तमान अपनी बदहाली पर आसू बहाते नजर आ रहा है। यह तालाब शहर के वार्ड 23 में है, जिसे मनु के तालाब के नाम से जाना जाता है। मुहल्ले के बुजुर्ग बताते हैं कि कभी इस तालाब के पानी का उपयोग पीने और खाना पकाने के लिए किया जाता था। लेकिन, आज यह इतना दूषित हो गया है कि इसके पानी को मवेशी भी पीना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में इसके पानी से स्नान करना और कपड़ा धोना भी मुश्किल हो गया है। पुरानी बातें इतिहास बनकर रह गई है। बरसात के दिनों में तालाब दक्षिणी छोर से कुकुरनहिया नहर का इसमें पानी आता था और पानी ज्यादा होने पर उत्तरी छोड से बाहर निकल जाता था। साल में एक-दो बार पानी के बदल जाने से इसके दूषित होने की संभावना कम रहती थी। क्योंकि स्थानीय लोग भी तालाब के पानी व इसके पिंड की साफ-सफाई का ध्यान रखते थे। लेकिन, वर्तमान में स्थिति यह है कि तालाब और इसके पिंड पर कचरा दिख रहा है। पानी का रंग बदरंग हो गया है। गर्मी के दिनों में पानी के उपर गंदगी और इसके मध्य में कीड़े दिखते हैं। तब लोगों का मन भन्ना जाता है। हालांकि तालाब में मछली पालन का काम किया जाता है। इस कारण मछुआरे इसमें मोटरपंप से पानी भरते हैं। लेकिन, जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से इसका पानी दूषित हो जाता है। मोहल्ले के कलीम खान, शाहरुख खान, मुन्ना पाठक आदि ने बताया कि गर्मी के दिनों में इसका पानी ज्यादा दूषित हो जाता है। तब उसमें से दुर्गंध निकलती है। ऐसे में तालाब के पास बैठने में भी दिक्कत होती है। तालाब के पानी की निकासी का प्रबंध किया जाता, तो इसे दूषित होने की कम संभावना रहती। मछली पालन किए जाने से इसमें गंदगी और बढ़ गई है। इसे व्यवस्थित करने की जरूरत है। तालाब को व्यवस्थित करना जरूरी मोहल्ले के लोगों का कहना था कि इस तालाब को व्यवस्थित करना जरूरी है। शहर के मध्य में होने की वजह से इसकी उपयोगिता बढ़ सकती है। तालाब के पानी की निकासी और इसमें पानी भरने की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोग स्नान कर पूजा-अर्चना कर सकें। यहां घाट बन जाए, तो अर्घ्य देना भी आसान हो जाएगा। सौंदर्यीकरण के तहत इसके पिंड पर हरी घास, फूलों की क्यारी, सिंचाई का प्रबंध, पौधरोपण, कुर्सीयान, शेड, पॉथ-वे आदि का प्रबंध कर इसे आकर्षक बनाया जा सकता है। इस तालाब की साफ-सफाई का भी मुकम्मल प्रबंध किया जाना जरूरी है। बच्चों के मनोरंजन का साधन भी यहां उपलब्ध कराया जा सकता है। क्योंकि सीटी पार्क अब वन विभाग के अधीन हो गइन चीजों की सुविधा होने से शहरवासियों को मॉर्निंग वाक करने, व्यायाम, योग करने में सहूलियत मिलेगी। सुबह-शाम लोगों की भीड़ जुटती। एक जगह मिलने पर आपस में लोगों की मधुरता बढ़ती। यह तालाब काफी पुराना है। इसका सौंदर्यीकरण हो जाए, तो काफी अच्छा होगा। फोटो- 05 मार्च भभुआ- कैप्शन- भभुआ शहर के वार्ड 23 में बुधवार को दिखता बदहाल मनु के तालाब का गंदा पानी व इसके पिंड पर लगी गंदगी। लोगों की बात 1. तालाब में पानी आने और गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। तालाब में ज्यादा दिनों तक पानी के इकट्ठा रहने से यह दूषित हो जाता है। इस कारण स्थाीनय लोग इसका उपयोग करने से कतराते हैं। जयप्रकाश केसरी, भभुआ 2. तालाब में घाट का निर्माण अगर होता तो स्थानीय लोग इसके पानी से स्नान करते और छठ के समय व्रति अर्घ्य भी देते। लेकिन, इसके पानी के उपर दिख रहे कचरा से लोगों का मन भन्ना जाता है। तनवीर खान, भभुआ 3. तालाब के पिंड पर चारों तरफ कूड़ा करकट फेंका जा रहा है । तालाब में भी गंदगी पसरी है कि उसका पानी अनुपयोगी हो गया है। इस दूषि पानी से दुर्गंध आती है। इस कारण लोग यहां बैठते भी नहीं हैं। मोहम्मद सलीम, भभुआ 4. तालाब में मछली पालन का कार्य किया जाता है। इसके लिए इसमें मोटरपंप से पानी भरा जाता है। लेकिन, पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं होने से काफी दिनों तक रहता है, जिससे दूषित हो गया है। मोहम्मद आबूलिस, भभुआ 5. तालाब का पानी गर्मी के दिनों में इतना अधिक दुर्गंध देता है कि आसपास के लोगों को इसके किनारे बैठना या अपने घरों में रहना काफी मुश्किल हो जाता है। लोगों को खिड़ी-दरवाजा बंद करना पड़ता है। कुंज बिहारी केसरी, भभुआ 6. तालाब के चारों तरफ मकान बने हैं। इस कारण तालाब अब मोहल्ले के बीच में हो गया है। अगर इसका सौंदर्यकरण करा दिया जाता तो लोगों मॉर्निंग वाक, योग, व्यायाम करने में काफी सुविधा मिलती। शाहनवाज खां, भभुआ 7. नगर परिषद द्वारा कई बार इस तालाब की जांच की गई। तालाब के सौंदर्यीकरण करने और इसकी साफ-सफाई कराने का आश्वासन दिया गया। लेकिन, स्थल पर अभी तक कोई भी कार्य नहीं किया गया। अमन दुबे, भभुआ 8. रिहायशी इलाके बीच में तालाब है। तालाब के किनारे काफी कचरा जमा हो रहा है। नगर परिषद की ओर से इसकी साफ-सफाई नहीं कराई जा रही है, जिससे गंदगी फैली है। इसकी सफाई जरूरी है। जाकिर अली, भभुआ
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