Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआNHAI Receives Revised Approval for Bharat Mala and NH-219 Projects After Commissioner s Ruling

किसानों को अधिग्रहित भूमि की दोगुना कीमत मिलने की उम्मीद (पेज चार की लीड खबर)

पटना प्रमंडल के आयुक्त के फैसले के बाद, किसानों को उम्मीद की किरण मिली है कि वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय हाईवे 219 के लिए अधिग्रहित जमीन की कीमत दोगुनी हो सकती है। इससे निर्माण...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआTue, 19 Nov 2024 08:16 PM
share Share

पटना प्रमंडल के आयुक्त सह आर्बिट्रेटर के फैसले के आलोक में संशोधित पंचाट अनुमोदन के लिए एनएचएआई को भेजा गया भारत माला और नेशनल हाई-वे 219 प्रोजेक्ट को जल्द मूर्त रूप देने की तैयारी काफी दिनों से निर्माण कंपनी के बेस कैंप के पास धरना दे रहा है किसान मोर्चा भभुआ, कार्यालय संवाददाता। जिले से गुजरनेवाली वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण व राष्ट्रीय राजमार्ग 219 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की जानेवाली जमीन की कीमत दोगुनी मिल सकती है। पटना प्रमंडल के आयुक्त सह आर्बिट्रेटर के फैसले से कैमूर जिले के भू-स्वामियों के बीच उम्मीद की किरण जगी है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जानेवाली जमीन की कीमत को लेकर सरकार व किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ था। इस कारण निर्माण कार्य लंबित था। लेकिन, आयुक्त ने इस समस्या का विधिमान्य हल करने का प्रयास किया है। आयुक्त के फैसले से अब भारत माला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 बनने के लिए भू- अर्जन की कार्रवाई में गति आने और सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना जल्द ही मूर्त रूप ले सकेगी। इससे कैमूर के विकास के नए आयाम प्रशस्त होंगे। दरअसल, जिले के कई भू-धारियों ने भारतमाला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई के दौरान जमीन की कम दर मिलने से क्षुब्ध होकर आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल के न्यायालय में वाद दायर किया था। किसानों ने जमीन की किस्म और दर में परिवर्तन की बात कही थी। किसानों का कहना था कि सीमावर्ती राज्य उत्तरप्रदेश के किसानों को जमीन की उच्च दर मिल रही है, जबकि बिहार में जमीन की कीमत कम आंकी गई है। उनका कहना था कि वर्षों से बिहार की एमभीआर दर संशोधित नहीं हुई है। हालांकि कुछ किसानों से इस मुद्दे पर बात की गई तो उनका कहना था कि वह आपत्ति के साथ जमीन के निर्धारित मूल्य को स्वीकार कर सकते हैं। लेकिन, न्यायालय का विकल्प खुला हुआ है। एक साथ कई वादों की हुई सुनवाई भू अर्जन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर द्वारा एक साथ कई वादों की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया गया है। आयुक्त ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल एप्लीकेशन नंबर 4671/2022 में पारित आदेश का हवाला देते हुए फैसला दिया कि भूमि का मूल्य स्थिर नहीं हो सकता और सामान्यतया भूमि के बाजार मूल्य में प्रतिवर्ष औसतन 10% की बढ़ोतरी होती रहती है। इसलिए राष्ट्रीय उच्च पथ अधिनियम 1956 की धारा 3जी(5) में वर्णित प्रावधान के आलोक में भू अर्जन के लिए पूर्व में निर्धारित दर को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। नई दर पर मुआवजा भुगतान का आदेश कई मामलों में आर्बिट्रेटर ने भूमि के किस्म में संशोधन किया है। आर्बिट्रेटर ने भू- अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि नई दर के आधार पर मुआवजा राशि की गणना कर मुआवजा का भुगतान शीघ्र करें। विदित है कि मुआवजा को लेकर भू-स्वामियों व जिला प्रशासन के बीच लंबे समय से गतिरोध व्याप्त था। भू स्वामियों द्वारा संबंधित प्रोजेक्ट कंपनी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा था। जिला पदाधिकारी की पहल पर भू-स्वामियों की मांग के अनुरूप पटना स्थित आर्बिट्रेटर कोर्ट की सुनवाई कैमूर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई जा रही थी। फोटो- 19 नवंबर भभुआ- 2 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के मईडाड़ मौजा में स्थित इस भूमि से होकर गुजरेगी एक्सपे्रस-वे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें