जिले में पहली बार सी-वाई स्किन टेस्ट शुरू, 48 घंटों में रिपोर्ट
इस जांच से यक्षमा रोग शुरू होने से पहले चल जाएगा पता, इलाज से भविष्य में टीबी होने की खत्म हो जाएगी संभावना स्वास्थ्य कर्मी संबंधित व्यक्ति की त्वचा पर सॉल्यूशन लगाकर कर रहे जांच
इस जांच से यक्षमा रोग शुरू होने से पहले चल जाएगा पता, इलाज से भविष्य में टीबी होने की खत्म हो जाएगी संभावना टेस्ट से शरीर में टीबी का बैक्टीरिया होने या नहीं होने की मिलेगी जानकारी स्वास्थ्य कर्मी संबंधित व्यक्ति की त्वचा पर सॉल्यूशन लगाकर कर रहे जांच (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिला यक्षमा केंद्र में पहली बार गुरुवार से सी-वाई स्किन टेस्ट के जरिए समय से पहले टीबी संक्रमितों की पहचान शुरू की गई। यह उनलोगों की जांच की जाएगी, जो टीबी मरीजों के संपर्क में रहते हैं। खासकर परिजनों की। ऐसे लोगों को हाई रिस्क श्रेणी में रखा जाता है। इस जांच से यह पुष्टि की जाएगी कि शरीर में टीबी का बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो संबंधित व्यक्ति को भविष्य में टीबी होने की आशंका हो सकती है। इसके तहत यक्षमा मरीजों को बेहतर उपचार देने के साथ उनकी पोषण का पूरा ध्यान रखा जाएगा। बताया गया है कि राष्ट्रीय यक्षमा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मरीज के साथ रह रहे परिजनों और अन्य हाईिरस्क गु्रप के ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट की अनुशंसा की गई थी। इसके लिए सी-वाई टीबी स्किन टेस्ट की शुरुआत की गई है। यह टेस्ट टीबी वैक्टीरिया को टारगेट कर परिणाम देता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट 24 से 48 घंटों में मिल जाएगी। बताया गया है कि स्वास्थ्य कर्मी द्वारा संबंधित व्यक्ति की त्वचार पर सॉल्यूशन लगाकर जांच की जाती है। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) दिया जाएगा। इस इलाज से भविष्य में टीबी होने की संभावना खत्म हो जाती है। इसके उद्घाटन समारोह में एसीएमओ डॉ. शांति कुमार मांझी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. आरके चौधरी, जिला महामारी पदाधिकारी डॉ. सत्य स्वरुप व डॉ. धनंजय सिन्हा सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों के संपर्क में ज्यादातर उनके परिवार के सदस्य रहते हैं, जिनके शरीर में भी टीबी के संक्रमण की आशंका बनी रहती है। ऐसे लोगों में टीबी के लक्षण है या नही, इसका पता सी-वाई स्किन टेस्ट से चल जाएगा। प्रथम चरण में 1200 कीट मिले डीआईओ ने स्वास्थ्य विभाग ने जिला यक्षमा केंद्र को प्रथम चरण में सी-वाई स्किन टेस्ट के लिए 1200 कीट उपलब्ध कराया गया है। इस कीट से उन व्यक्तियों की जांच की जाएगी, जो टीबी मरीज के संपर्क में रहते हैं। कीट से जांच में पॉजिटिव आने पर उनको टीबी की दवा देकर इलाज शुरू किया जाएगा। प्रथम दिन गुरुवार को 10 लोगों की जांच की गयी। उक्त कीट जिले के सभी केन्द्रों पर जल्द ही भेजा जाएगा। टीबी रोग के यह हैं लक्षण लगातार तीन तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी रहने, छाती में दर्द होने, फेफड़ों के अंदर से खून या थूक (कफ) का बाहर आने, कमजोरी व थकान महसूस करने, शरीर का वजन घटने, भूख कम लगने, ठंड लगने, बुखार होने, रात में पसीना आने, त्वचा के नीचे लाल या बैगनी रंग की सूजन होने, पीठ में दर्द होने आदि यक्षमा रोग के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखने पर जांच कराकर चिकित्सक की सलाह से नियमित दवा लेने से बीमारी ठीक होगी। फोटो-30 जनवरी भभुआ- 18 कैप्शन- जिला यक्ष्मा केन्द्र में गुरुवार को संभावित लोगों का सी-वाई स्किन टेस्ट करते स्वास्थ्य कर्मी।
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