हौसला व पॉजिटिव सोंच रखें तो कोरोना को हराना होगा आसान (मेरे सबक)
मुझे पूरा यकीन था कि मैं कोरोना को जरूर हरा दूंगी। मेरे साथ मेरे दोनों बच्चों का प्रेम और पति का विश्वास था। पहले मेरे पति रामायण बिंद कोरोना पॉजिटिव हुए। मेडिकल टीम उन्हें आइसोलेट कर दी। भगवानपुर...
मुझे पूरा यकीन था कि मैं कोरोना को जरूर हरा दूंगी। मेरे साथ मेरे दोनों बच्चों का प्रेम और पति का विश्वास था। पहले मेरे पति रामायण बिंद कोरोना पॉजिटिव हुए। मेडिकल टीम उन्हें आइसोलेट कर दी। भगवानपुर प्रखंड की शोभा देवी ने बताया कि मेरे पूरे परिवार का सैंपल टेस्ट हुआ। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पहले तो मैं थोड़ा सहमी। सच मानिए, डर गई। अनजानी आशंकाओं से सहम गई। फिर मैंने अपने बच्चों का चेहरा देखा और हिम्मत जुटाई। मुझे थोड़ी चिंता हुई। लेकिन, परिवार के अन्य सदस्यों ने हिम्मत दी। कहा, तुम जाओ बच्चों को हमलोग संभाल लेंगे। मुझे भी एडमिट कर दिया गया। भभुआ में डॉक्टर्स की टीम ने पूरे विश्वास के साथ इलाज किया। मैं और मेरे पति अलग-अलग थे। बच्चों की कही हर बात कान में पूरे समय गूंजती कि मां आपको हमें अकेला छोड़कर नहीं जाना है। आपको हमारे लिए जीना ही होगा। बस, उनकी कही यह बात मेरे लिए जीवन अमृत साबित हुई। जब भी अस्पताल में आसपास के मरीजों देखती तो खुद को निगेटिविटी से दूर रखने के लिए प्रवचन सुनती या फिर भजन सुनने लगती। इस बहाने खुद को जीवट बनाती। इच्छाशक्ति को मजबूत करती। परिवार की खट्टी मीठी यादों को अपनी स्मृतियों में लाती। मैं स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंची।
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