कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगा की पूजा (पेज चार की फ्लायर खबर)
कैमूर जिले के विभिन्न सरोवरों में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। भक्तों ने सूर्यदेव को जल अर्पित कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। बनारस में गंगा स्नान के लिए बसें बुक की गईं। पूजा...
कैमूर जिले की दुर्गावती व सुअरा नदी, जगदहवां डैम, सरोवरों ने किया स्नान महिला-पुरुष श्रद्धालु ने पूजा-अर्चना कर की सुख, शांति, समृद्धि की कामना भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को जिले के विभिन्न सरोवरों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्यदेव को जल अर्पित कर भक्तों ने सुख, शांति, समृद्धि की कामना की। कथा श्रवण कर दान-पुण्य किया। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के साथ गोदान से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालुओं का कष्ट दूर होता है। जिले की दुर्गावती व सुअरा नदी, जगदहवा डैम, दुर्गावती डैम, अखलासपुर व पूरब पोखरा, नहर, ताल व अन्य सरोवरों में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। महिलाएं टोली में पहुंची थीं। जिले के काफी श्रद्धालु बनारस भी गंगा स्नान करने गए थे। इसके लिए बसों में सीट बुकिंग कराई गई थी। जिले के विभिन्न स्थानों से दर्जनों बसें बनारस के लिए खुलीं। जो श्रद्धालु गंगा स्नान करने नहीं जा सके, वह घर में ही पानी भरी बाल्टी में गंगा जल मिश्रित कर स्नान किए। इसके बाद व्रत का संकल्प करके भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन किया। भगवान के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीप जलाया। देसी घी में भूनकर बनाए गए आटे का कसार, पंचामृत अर्पित किया गया। विष्णु जी और मां लक्ष्मी की आरती की। जो श्रद्धालु एकादशी के दिन मंगलवार होने की वजह से तुलसी व भगवान शालिग्राम का विवाह नहीं कराए थे, वह कार्तिक पूर्णिमा पर यह कार्य किए। सोलह कलाओं से परिपूर्ण दिखता है चंद्रमा ज्योतिषाचार्य वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी बताते हैं कि हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। वैसे तो हर महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा होती है और हर माह की पूर्णिमा विशेष होती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है, इसलिए इसे पूर्णिमा कहा जाता है। लेकिन, कार्तिक पूर्णिमा उनमें से विशेष महत्व रखती है। कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। विष्णु पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। इस दिन स्नान करके दीपदान करना काफी शुभ और पुण्य प्राप्ति करने वाला माना जाता है। पूरे कार्तिक माह में लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में बड़ी संख्या में लोग स्नान-दान करते हैं। फोटो- 15 नवंबर भभुआ- 2 कैप्शन- कार्तिक पूर्णिमा पर अखलासपुर नागा बाबा पोखरा में स्नान करने के बाद शुक्रवार को मंदिर में पूजा करतीं महिला श्रद्धालु।
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