Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsInnovative Intercropping by 110 Farmers in Rampur Doubles Income

बदलते दौर में किसानों ने फसल उत्पादन का नजरिया बदला

रामपुर के 110 किसान 25 हेक्टेयर भूमि पर अंतरवर्ती खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई है। किसान एक ही खेत में बैगन और टमाटर जैसी फसलें उगाते हैं, जिससे सिंचाई और कीटनाशक की लागत में कमी आई...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 19 April 2025 09:08 PM
share Share
Follow Us on
बदलते दौर में किसानों ने फसल उत्पादन का नजरिया बदला

रामपुर के करीब 110 किसान 25 हेक्टेयर भूमि में कर रहे हैं अंतरवर्ती खेती, एक खेत में दो फसल लगाकर बढ़ा रहे हैं आमदनी बोले किसान, परंपरागत खेती में एक ही चीज की लगा पाते थे फसल प्राकृतिक खेती की ओर भी कदम बढ़ाने लगे हैं रामपुर प्रखंड के किसान (पेज चार की बॉटम खबर) कमलेश द्विवेदी रामपुर। खेती में बढ़ती लागत खर्च के बीच फसल उत्पादन में कैसे अधिक उपज कर लाभ लिया जाए यह सोच हर किसान की है। बदलते दौर में रामपुर के किसानों न केवल खेती की पद्धति बदलने की शुरुआत की है, बल्कि फसल उत्पादन का नजरिया भी बदल दिया है। खेती में इसी प्रबंधन मंत्र ने किसानों के लिए मुनाफे की गारंटी बना दी है। रामपुर प्रखंड के 110 किसान करीब 25 हेक्टयर भूमि में अंतरवर्ती खेती कर दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं। कृषि विभाग भी मानता है कि अंतरवर्ती खेती में रामपुर के किसान बेहतर कर रहे हैं। पहले यह रकबा कम था। अब बढ़ने लगा है। अमांव गांव के सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि वह एक ही खेत में दो फसल उगाते हैं। फिलहाल बैगन व टमाटर की खेती एक ही खेत में किए हैं। बैगन के पौधों की उंचाई तीन से चार फुट होती है। इसका फल उपर की ओर लगता है। जबकि टमाटर जमीन पर पसर कर फल देता है। एक ही साथ दो फसल की खेती करने से सिंचाई खर्च पूरा बच जाता है। कीटनाशक दवा व उवर्रक का भी सदुपयोग होता है। इसकी बचत के अलावा दो फसल के फल को बेचने का लाभ मिलता है। यानी एक ही खर्च में दो फसल की खेती कर दोगुना लाभ कमा रहे हैं। उद्यान विभाग से कुछ किसानों ने मुफ्त व कुछ ने अनुदान पर बीज एवं पौधे लेकर अंतरवर्ती खेती की है। सब्जी विकास योजना से सात किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर प्याज का बीज दिया गया था। अमांव के धर्मेंद्र सिंह को टमाटर का करीब पांच हजार पौधे तथा 13 किसानों को कद्दू, नेनुआ, भिंडी, करैला के बीज 75 प्रतिशत अनुदान पर दिया गया था। बीज मसाला योजना से 9 किसानों को मेथी व दो किसानों को धनियां का बीज मुफ्त में दिया गया था। सबार के रतन माली, पिंकी देवी, अभिषेक माली, सोनी देवी को करीब 30 हजार विभिन्न फूलों के पौधे मुफ्त में दिए गए थे। सभी ने अंतरवर्ती खेती कर अच्छी आमदनी की है। क्या है अंतरवर्ती फसल परपंरागत खेती में किसान खेत में एक ही फसल लगाते हैं, जिससे उनकी आय उसी फसल के उत्पादन पर निर्भर रहती है। लेकिन, एक फसल के साथ अन्य फसल की खेती करना अंतरवर्ती खेती कहलाती है। जैसे गन्ना में 4 से 5 फीट की दूरी रख दलहनी, सब्जी की फसल लगा सकते हैं। इससे मुख्य और अंतरवर्ती फसल दोनों का विकास अच्छे से होता है। दूसरी फसल के उत्पादन से किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलता है। प्राकृतिक खेती भी कर रहे किसान कृषि वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार सिंह बताते हैं कि यहां के किसान सब्जी की प्राकृति खेती भी कर रहे हैं। केविके द्वारा भी हल्दी, मक्का, सूरन, सब्जी की खेती की गई थी। इसके अच्छे परिणाम आए थे। इस तरह की खेती में भूमि प्रथाओं के प्रबंधन, मिट्टी व पौधों में वातावरण से कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता होती है। किसानों को उनकी उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा और आजीविका में सुधार के लिए कृषि संबंधी तकनीक एवं कौशल ज्ञान प्रदान करना जरूरी है। कोट रामपुर प्रखंड में 20 हेक्टेयर भूमि में अंतरवर्ती खेती हो रही है। इलाके के करीब 70 किसान अंतरवर्ती खेती कर रहे हैं। ऐसी खेती करने से किसानों की आय दोगुनी हो जाती है, जिससे वह आर्थिक रूप से लाभान्वित होते हैं। अनिल गुप्ता, प्रखंड कृषि समन्वयक, रामपुर कोट रामपुर प्रखंड के करीब 40 किसान प्याज, टमाटर, मेथी, धनिया, फूल, कद्दू, नेनुआ, भिंडी, करैला आदि सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इनमें से कुछ किसानों को मुफ्त व कुछ को 75 प्रतिशत अनुदान पर बीज व पौधे दिए गए हैं। सूरज पांडेय, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, रामपुर फोटो- 19 अप्रैल भभुआ- 8 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के अमांव गांव के बधार में बैगन के साथ लगे टमाटर के पौधों को दिखाता किसान।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें